Mutual Fund SIP : इस समय देश में महंगाई काफी बढ़ती हुई नजर आ रही है और इस चकर में लोगो के पास बचत नहीं हो पाती आजकल घर में किसी बच्चे का जन्म होने के साथ ही उनकी हर प्रकार की जिम्मेदारी बढ़ने लगती है सब से पहले उसके खाने-पीने, उनकी पढ़ाई लिखाई और अन्य खर्च भी आ जाते है | अगर आपके घर में बच्चे का जनम हो चुका है तो उसके रहन -सहन और पढ़ाई-लिखाई की चिंता | और उसके लिए पहले ही तैयारी शूरू कर देनी चाहिए |
आज के समय में कई सारे लोग है जो अनेक योजनाओं में निवेश करते है जिनमे से सबसे सुरक्षित वह फिक्स डिपॉजिट को मानते है समय में आजकल अदिकतर लोग ऐसे भी है जो म्यूच्यूअल फण्ड में सिप बनाकर निवेश करते है और अधिक रिटर्न पाने की आशा करते है आपको बता दे की म्यूच्यूअल फण्ड सिप में काफी अधिक मुनाफा मिलता है जो फिक्स डिपॉज़िट से अधिक है
SIP को कैसे शूरू करें
शेयर बाजार में तेजी के साथ ही म्यूचुअल फंडों का रिटर्न भी बेहतर होने लगा है. लॉकडाउन के बाद इक्विटी फंडों में जोरदार तेजी देखने को मिली है, जिससे एक्सपर्ट एक बार फिर म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर पॉजिटिव हुए हैं. म्युचुअल फंड में निवेश करने का सबसे सुरक्षित और बेहतर तरीका है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP). एसआईपी में अपना पैसा एक मुश्त जमा करने की जगह हर महीने में तय किस्त के आधार पर जमा कर सकते हैं. छोटे रिटेल निवेशकों को यह एक बड़ी सुविधा है. क्योंकि इसमें समय समय पर अपने निवेश का आकलन कर एसआईपी की राशि बढ़ाई जा सकती है. एसआईपी में लंबी अवधि में हाई रिटर्न की संभावना भी ज्यादा होती है. बाजार में ऐसी बहुत सी एसआईपी स्कीम है जिनमें निवेशक 100 से 500 रुपये में भी अपना निवेश शुरु कर सकते हैं.
कैसा रहा है 5 साल का प्रदर्शन
बाजार में ऐसी कई म्यूचुअल फंड स्कीम हैं, जिनमें पिछले 5 साल में 15 से 25 फीसदी तक सालाना के हिसाब से रिटर्न मिला है.
PGIM इंडिया मिडकैप अपॉर्चुनिटी फंड
5 साल का रिटर्न: 25%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 11 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 1000 रुपये
एसेट्स: 713 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.64% (31 जनवरी, 2021)
SIP के फायदे
- एसआईपी इक्विटी या डेट फंड में निवेश शुरु करने वाले उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो बाजार की जोखिम को कम करना चाहते हैं
- इसके जरिए कैपिटल मार्केट में छोटी राशि के साथ और आसान किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं.
- हर महीने किस्त जमा करने का फायदा है कि जब बाजार में रिटर्न बढ़ रहा हो तो टॉप अप एसआईपी के जरिए किस्त बढ़ा सकते हैं.
- आईपी में निवेशकों को कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है.
- बाजार में गिरावट आने और डर बढ़ने पर एसआईपी पॉज करने की भी सुविधा है, फिर बाजार सही होने पर इसे जारी रख सकते हैं.
- इसके तहत फंड हाउस को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन देकर बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट की सुविधा भी ले सकते हैं, जिससे हर महीने आपके बैंक अकाउंट से अपने आप किश्त की राशि कट जाएगी.