Depression: डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है जो लोगों को अंदर ही अंदर खा जाती है। इसलिए डिप्रेशन के कारणों का पता लगाकर डॉक्टरी सलाह लेना बहुत ज़रूरी होता है। साथ ही उन लक्षणों पर भी ध्यान देना होता है जब व्यक्ति धीरे-धीरे डिप्रेशन से बाहर आता है। जानिए उन लक्षणों के बारे में विस्तार से।
डिप्रेशन एक बहुत ही खतरनाक समस्या है। डिप्रेशन से ख़ुद को बाहर निकाल पाना बहुत ही मुश्किल होता है। जो लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं वह शारीरिक और मानसिक तौर पर कमज़ोर हो जाते हैं। डिप्रेशन में जाते ही कई लक्षण सामने नज़र आने लगते हैं। डिप्रेशन में जाने के बाद अगर तुरंत किसी साइकोलॉजिस्ट से दिखाया जाए तो यह समस्या तुरंत ठीक हो सकती है। डिप्रेशन से बाहर आने की लिए आपको डॉक्टर की सलाह के साथ-साथ अच्छे खानपान और एक अच्छी लाइफ स्टाइल को भी फॉलो करना पड़ता है। अगर कोई डिप्रेशन से बाहर आने लगता है तो उसमें कई सारे सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। वो 5 ऐसे मुख्य लक्षण है जिनके द्वारा आप भी यह समझ सकते हैं कि व्यक्ति डिप्रेशन से धीरे-धीरे बाहर आ रहा है। आइए जानते हैं उन पांचों लक्षणों के बारे में।
1. किसी भी काम में मन लगना (Increasing work efficiency)
आमतौर पर डिप्रेशन में चले जाने के बाद व्यक्ति का मन किसी भी काम में नहीं लगता है। दिमाग के काम करने की जो क्षमता होती है वह डिप्रेशन के दौरान कम हो जाती है। डिप्रेशन में जाने वाले लोग अपने लक्ष्य पर फोकस नहीं कर पाते। ऐसे लोग हर वक़्त नकारात्मक सोचों से घिरे रहते हैं। ऐसे में लोग अपनी ज़िंदगी में काफ़ी पीछे चले जाते हैं। लेकिन जैसे जैसे वह डिप्रेशन से बाहर निकलते हैं उनका काम करने में मन लगने लगता है। काम करने में मन लगना इस बात का संकेत है कि आप डिप्रेशन से ख़ुद को बाहर निकाल रहे हैं।
2. चिड़चिड़ापन कम होना (Calming down)
डिप्रेशन के दौरान व्यक्ति का स्वभाव काफ़ी चिड़चिड़ा सा हो जाता है। उसकी हर बात में चिड़चिड़ापन नजर आता है। ऐसी स्थिति में ख़ुद को या दूसरों को ख़ुश रख पाना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन जैसे जैसे व्यक्ति डिप्रेशन से बाहर आता है वैसे वैसे उसके स्वभाव से चिड़चिड़ापन दूर होने लगता है। व्यक्ति ख़ुश भी रहने लगता है और किसी की बातों से उसे चिड़चिड़ापन महसूस नहीं होता।
3. फन एक्टिविटी का हिस्सा बनना (Part of fun activities)
डिप्रेशन में जाने के बाद चाहे कोई काम आपके पसंद का ही क्यों ना हो उस काम को करने का मन नहीं होता। अपनी हॉबी को भी करने में बोरियत महसूस होती है। लेकिन डिप्रेशन से बाहर आने पर आपको अपने सारे हॉबीज करने अच्छे लग जाते हैं। और आप ख़ुद के लिए मनोरंजन के साधन ढूंढने लगते हैं। डिप्रेशन से बाहर आने के बाद आपको डांस करना अच्छा लगता है। कभी दोस्तों के साथ या परिवार वालों के साथ पार्टी करना, मस्ती करना गुनगुनाना सब कुछ धीरे-धीरे पसंद आने लगता है। आप ख़ुद को फन एक्टिविटी का हिस्सा बनाने लगते हैं। इससे पता चलता है कि आप डिप्रेशन से बाहर आ रहे हैं।
4. लोगों से मिलना जुलना (Developing social interaction)
जो लोग डिप्रेशन में होते हैं वह लोग ख़ुद को अलग अलग रखना पसंद करते हैं। ऐसे लोग समाज के लोगों से मिलना जुलना बिल्कुल भी बंद कर देते हैं। लेकिन डिप्रेशन से बाहर निकलते हैं आप फिर से लोगों के साथ मिलना जुलना शुरू कर देते हैं। लोगों से बातें करना आपको अच्छा लगने लगता है। इन सारी बातों से ज़ाहिर होता है कि आप ख़ुद को डिप्रेशन से बाहर निकाल रहे हैं। ऐसे में आप फिर से अपनी बातों को डायरेक्ट या सोशल मीडिया के थ्रू लोगों तक पहुंचाने लगते हैं, जिससे आपका कॉन्फिडेंस भी फिर से बढ़ने लगता है।
5. गुस्सा का कम होना (Overcome anger)
अक्सर डिप्रेशन के समय लोगों का गुस्सा बढ़ जाता है। लोग बात बात पर गुस्सा दिखाने लगते हैं। आप कभी ख़ुद को नार्मल रखते हैं तो कभी छोटी सी बात पर भी गुस्सा ज़ाहिर करने लगते हैं। डिप्रेशन वाले व्यक्ति का हर पल मूड बदलते रहता है। लेकिन जैसे जैसे डिप्रेशन ख़त्म होता है वैसे वैसे गुस्सा भी कम होने लगता है। उसके बाद आप सभी से सामान्य व्यवहार करते नज़र आएंगे। और ख़ुद को बहुत ही शांत और गंभीर भी रखने की कोशिश करेंगे। इससे साफ पता चल जाएगा कि आप डिप्रेशन से बाहर आ रहे हैं।
इस तरह इन 5 लक्षणों के द्वारा अभी यह समझ सकते हैं कि डिप्रेशन वाला व्यक्ति डिप्रेशन से बाहर आ रहा है। डिप्रेशन से बाहर आने के बाद व्यक्ति के दिमाग़ सोच में बहुत बदलाव आ जाता है। वह बहुत ज़्यादा सोचना या चिंता करना बंद कर देता है।