दवाइयों के बिना भी ठीक की जा सकती है दिल की बीमारी। आइए जानते हैं इसके 8 आसान तरीक़े

Smina Sumra
7 Min Read

आप अगर दिल की बीमारी से ग्रसित है और दवाइयों को खाने से परेशान हो चुके हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि दवाइयों के बिना बीमारी कैसे ठीक की जा सकती है।

8 ways to cure heart disease: वैसे एलोपैथिक दवाइयों के खाने से आप ठीक तो हो सकते हैं। परंतु इसके साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। अगर आप दवाइयों का ओवरडोज लेते हैं तो इसका परिणाम बहुत ही भयंकर हो सकता है। कुछ हद तक तो दवाइयां खाना सही है पर ज़रूरत से ज़्यादा दवाइयों को लेने से शारीरिक और मानसिक परेशानियां हो सकती है। इसलिए आप यहां नीचे दिए गए उपायों को आजमा कर अपने हृदय रोगों से संबंधित समस्याओं को ठीक कर सकते हैं।

1. ज़्यादा मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन (Consumption of fruits and vegetables in large quantities)

हृदय रोगों से पीड़ित लोगों को ज्यादा से ज़्यादा मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि इन में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। जो आपको शुगर और दिल की बीमारी जैसे रोगों से बचाता है। इनमें एंटीऑक्सीडेंट नामक तत्व भी होते हैं। यह उन कोशिकाओं को बचाता है जो आपके शुगर और दिल की बीमारी जैसे लोगों को सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा मात्रा में फलों और सब्ज़ियों को अपने डाइट में शामिल करें। वैसे भी ये हेल्थ के लिए काफ़ी फायदेमंद होता है।

2. अपने क़़रीबी दोस्तों से मिलना (Meeting your close friends)

कहते हैं कितना भी दुख और दर्द क्यों ना हो लेकिन जब हम दोस्तों से मिलते हैं तो सब भूल जाते हैं। शोधों से पता चला है कि अकेले रहना आपके दिल के लिए उतना ही ख़तरनाक है जितना हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा धूम्रपान या एक्सरसाइज़ ना करना। यह मायने नहीं रखता कि आप कितने लोगों से मिलते हैं बल्कि आप उनसे मिल सकते हैं जो आपसे दिल से जुड़े हैं। यकीन मानिए उनसे मिलने के बाद चाहे आप बीपी के मरीज़ हो या दिल के मरीज़ आपको बहुत राहत मिलती है। इसलिए अकेले रहने से अच्छा नए पुराने दोस्तों के साथ मिलते रहना चाहिए। अपनी पुरानी यादों को ताज़ा करते रहना चाहिए।

3. मॉर्निंग वॉक पर जाना (Go for a morning walk)

कहते हैं सुबह में 20 से 30 मिनट का चलना ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है। अगर आपके पास समय नहीं है तो सुबह के समय का 10 मिनट भी चलना आपको हृदय के रोगों से दूर रखता है।

यदि आप पहले से वाकिंग नहीं करते हैं तो अचानक से 20 मिनट का चलना नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए धीरे-धीरे अपने टाइम को बढ़ाएं और रोज़ाना कम से कम 30 मिनट चलना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। लेकिन आप अगर पहले से किसी गंभीर रोग से ग्रस्त है तो आपको एक बार डॉक्टर की राय ज़रूर लेनी चाहिए।

4. सेक्स से लाभ (Benefit from sex)

यह नाम सुनकर आपको थोड़ा अजीब सा लगेगा। पर आप यकीन मानिए यदि आप सप्ताह में एक दो बार सेक्स करते हैं तो दिल की बीमारी होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। कहते हैं सेक्स दिल की सुरक्षा करने में भी मदद करता है।

यदि आप पूरे दिन काम करते करते थक जाते हैं तो रेस्ट लेना भी ज़रूरी होता है। और पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेने तो आपको हमेशा थकावट महसूस होती रहेगी। इसलिए बताया गया है कि रात में 7 से 8 घंटे ज़रूर सोने चाहिए। क्योंकि निंद्रा अवस्था में आपके heart रेट थोड़े कम हो जाता हैं। जो एक स्वास्थ्य शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होता है।

6. योगा करना (Do yoga)

योगा एक ऐसा व्यायाम है जिससे शरीर ही नहीं मन भी स्वस्थ रहता है। यह हार्ट रेट को काफ़ी हद तक कम करता है। योगा टेंशन जैसी बीमारियों का भी इलाज़ करता है। ब्लड प्रेशर वाले रोगी को तो ज़रूर योगा करनी चाहिए। जिनका मन हमेशा बेचैन होता है उसे भी शांति के लिए योगा करनी चाहिए। कहते हैं कि यदि आपके पास योगा के लिए समय नहीं है तो मेडिटेशन करनी चाहिए और संगीत भी सुनना चाहिए।

7. जिम के बावजूद एक्टिव रहना (Staying active despite the gym)

जिम हम इसलिए जाते हैं कि हम एक्सरसाइज़ करके बॉडी को फिट बनाएं। लेकिन जिम में एक्सरसाइज़ करने के बाद हम घर में आकर सुस्त पड़ जाते हैं। इसलिए जिम में किए गए वर्कआउट का कोई लाभ नहीं मिलता। इसलिए यदि स्वस्थ रहना है तो जिम के अलावा आपको घर में भी उतना ही एक्टिव रहना पड़ेगा। ज़रूरी नहीं है कि आपको केवल एक्सरसाइज़ ही करना है। आप घर में किसी भी काम में हाथ बंटा सकते हैं जैसे घर की सफ़ाई ,बच्चों के साथ खेलना आदि जिससे आप एक्टिव रह सकें।

8. नट्स का सेवन (Eating nuts)

नट्स का सेवन करके भी आप ह्रदय रोगों से अपना बचाव कर सकते हैं। क्योंकि नट्स में फाइबर, वसा और ओमेगा 3 तत्व पाए जाते हैं जो आपके शरीर के सूजन ,एलडीएल और रक्त वाहिकाओं को ठीक कर सकते हैं। क्योंकि यह ह्रदय रोगों के कारण बनते हैं। नट्स को ज़्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए। इसे 1 हफ़्ते में एक बार चार छोटी मुट्ठी भर सेवन करना चाहिए। यह रक्त के थक्के से भी बचाव करता है।

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