What are the types of pneumonia:निमोनिया एक संक्रमण है। निमोनिया के गंभीर रूप होने से पहले इसके लक्षण को पहचानना बहुत आवश्यक होता है। आइए जानते हैं निमोनिया के लक्षण और बचाव के तरीक़े
Pneumonia: निमोनिया एक संक्रमण है। जिसके होने पर सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है। और फेफड़ों में सूजन हो जाती है। फेफड़ों में सूजन की वज़ह से निमोनिया होती है। निमोनिया (What are the types of pneumonia) होने के कारण फेफड़ों में पानी भर जाता है। निमोनिया होने के कारण व्यक्ति में कई प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जैसे:- बलगम, खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस लेने में परेशानी होना।
कुछ आसान तरीके अपनाकर निमोनिया से बचाव किया जा सकता है। निमोनिया होने की कई वज़ह हो सकती है। लेकिन इसके मुख्य वज़ह बैक्टीरिया है। जिसकी वज़ह से यह किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। निमोनिया ज़्यादातर उन लोगों में होती है जो फ्लू वायरस या किसी दूसरे रोग से पहले से संक्रमित है। ऐसे लोग निमोनिया से आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। यह बीमारी हवा से फैल सकती है। इसलिए निमोनिया के कीटाणु एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से जा सकते हैं। निमोनिया में बार बार अच्छे से हाथों को धोना और फ्लू का टीकाकरण सही समय पर करवाना बहुत ज़रूरी होता है।
:- निमोनिया कितने प्रकार का होता है?
(What are the types of pneumonia)
निमोनिया मुख्यतः पांच प्रकार का होता है जो निम्नलिखित है:-
1. बैक्टीरियल निमोनिया
2. वायरल निमोनिया
3. माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया
4. एस्पिरेशन निमोनिया
5. फंगल निमोनिया
:- निमोनिया के लक्षण
(Symptoms of pneumonia)
1. बलगम और खून के साथ खांसी होना।
2. तेज बुखार होना।
3. अधिक पसीना आना।
4. किसी भी मौसम में ठंड लगना।
5. सांस लेने में तकलीफ होना।
6. उल्टी आना।
7. सीने में दर्द होना।
8. घबराहट होना।
9. बहुत जल्दी थकावट महसूस होना।
:- निमोनिया का बचाव कैसे करें?
(How to prevent Pneumonia)
निमोनिया और फ्लू का बचाव करने के लिए कुछ वैक्सीन ज़रूरी है। डॉक्टर से बात करके इस वैक्सीन को ज़रूर लगवाना चाहिए। बच्चों को खासतौर पर निमोनिया का वैक्सीन ज़रूर लगवाना चाहिए। निमोनिया के दौरान साफ़ सफ़ाई का पूरा ख्याल रखें। अपने हाथों को हमेशा धोते रहें। कुछ भी छूने बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना ना भूलें। स्मोकिंग तो बिल्कुल भी ना करें। यह आपकी फेफड़ों को और कमजोर कर देता है। आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं। पर्याप्त मात्रा में नींद लें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। और अपने डाइट को हेल्दी बनाएं।
:- निमोनिया का इलाज
(Treatment of Pneumonia)
निमोनिया की बीमारी में डॉक्टर के द्वारा एंटीबायोटिक, खांसी कम करने की दवाई, बुखार एवं दर्द कम करने वाली दवाएं दी जाती है। ताकि रोगी को राहत मिल सके।
:– निमोनिया के कुछ घरेलू इलाज
(Some home remedies for pneumonia)
1.हल्दी
हमारी सेहत के लिए हल्दी बहुत फायदेमंद मानी जाती है। हल्दी शरीर से बैक्टीरिया को खत्म करने में हमारी मदद करती है। तथा लंबे समय तक स्वस्थ रखने में भी मदद करती है। निमोनिया में बुखार होने पर सीने में रेशा जमा होने लगती है। और सांस लेने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में आप हल्दी उपचार कर सकते हैं। हल्दी के साथ काली मिर्च, मेथी दाना और अदरक को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। और नियमित रूप से इसका सेवन करें।
2.अदरक
अदरक का इस्तेमाल निमोनिया को ठीक करने में काफ़ी मददगार माना गया है। नियमित रूप से अदरक का सेवन करने से निमोनिया में आराम मिलता है। इसके अलावा आप अदरक के टुकड़े का सेवन कर सकते हैं। या फिर अदरक के काढ़ा का सेवन कर सकते हैं।
3. शहद
शहद का इस्तेमाल खांसी को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसका सेवन आप निमोनिया में भी कर सकते हैं। शहद का इस्तेमाल गुनगुने पानी में मिलाकर करने से निमोनिया में बहुत आराम मिलता है।
4. मेथी दाना
मेथी दाना में म्यूकोलाईटिक पाए जाते हैं। जो सीने में जमे बलगम को पतला करने में आपकी मदद करते हैं। मेथी का सेवन करने से छाती खुल जाती है। मेथी दाना खाने से पसीना आने लगता है। जिसकी वजह से बुखार में कम हो जाता है। और आपके शरीर से सारा टॉक्सिन बाहर निकल जाता है।
5. भाप लें।
भाप लेने से शरीर का संक्रमण कम हो जाता है। और आपको सांस लेने की परेशानी भी खत्म हो जाती है। भाप लेने से खांसी भी कम होने लगती है। और सीने का जकड़न भी काफ़ी कम हो जाता है।
6. लहसुन
लहसुन बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम होता है। लहसुन शरीर को वायरस और फंगस से रक्षा करता है। लहसुन से शरीर का तापमान कम होता है। लहसुन की मदद से छाती और फेफड़ों में जमे बलगम को बाहर निकाला जा सकता है।