प्री-डायबिटीज़ क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीक़े

Smina Sumra
6 Min Read

What are pre-diabetes: असंतुलित खानपान और निष्क्रिय जीवनशैली की वज़ह से प्री-डायबिटीज़ को समस्या होती है। जानें इसकी वज़ह, लक्षण और इलाज़ के तरीक़े।

What are pre-diabetes: आजकल के समय में गलत खानपान और निष्क्रिय जीवनशैली की वज़ह से डायबिटीज़ की बीमारी लोगों में तेजी से बढ़ रही है। अगर एक बार डायबिटीज़ की बीमारी किसी को हो जाती हैं तो यह समस्या जीवन भर के लिए हो जाती है। डायबिटीज़ की बीमारी होने के बाद भी अक्सर लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है। डायबिटीज़ होने से पहले मरीज़ की स्थिति को प्री-डायबिटीज (What are pre-diabetes) कहा जाता है। इसमें मरीज़ का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज़्यादा होता है।

अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो आपको डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है। डायबिटीज़ की सीमा तक जाने से पहले आप शरीर में ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित कर लेते हैं तो आप अपने आप को डायबिटीज की बीमारी से बचा सकते हैं। आइए जानते हैं प्री-डायबिटीज के लक्षण, कारण, और इलाज़ के बारे में।

:- प्री-डायबिटीज क्या हैं? (What are pre-diabetes)

शरीर में मौजूद ब्लड शुगर लेवल लंबे समय तक सामान्य स्तर से ऊपर रहता हैं तो इस स्थिति को प्री-डायबिटीज कहते हैं। प्री-डायबिटीज का समय रहते इलाज़ कराने से आपको डायबिटीज़ होने का ख़तरा कम हो जाता है। प्री-डायबिटीज की स्थिति आपको इस बात से आगाह करती है कि आपको डायबिटीज़ के प्रति सावधान हो जाना चाहिए। यह स्थिति डायबिटीज़ के ठीक पहले की स्थिति होती है।

शरीर में सामान्य ब्लड शुगर फास्टिंग में 126 हैं और खाना खाने के बाद 180 हैं तो नॉर्मल माना जाता है। लेकिन अगर खाने के बाद 175 के ऊपर और फास्टिंग 124 तक रहता है, तो इसे प्री-डायबिटीज की स्थिति मानी जाती है। इस समस्या का समाधान के लिए आपको अपनी खानपान और लाइफ़स्टाइल पर ख़ास ध्यान देने की ज़रूरत होती है।

:- प्री-डायबिटीज के लक्षण क्या होते हैं? (What are the symptoms of pre-diabetes)

डायबिटीज़ बहुत गंभीर समस्या हैं। जिसके कारण और कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। प्री-डायबिटीज ऐसी स्थिति हैं जो आपको उस तरफ़ इशारा करती हैं कि आपका शरीर डायबिटीज़ की तरफ़ बढ़ रहा है। इस स्थिति को समय रहते कंट्रोल कर लिया जाए तो आप डायबिटीज़ के शिकार होने से बच सकते हैं। प्री-डायबिटीज के लक्षण शरीर में ब्लड शुगर लेवल में बदलाव के साथ नज़र आने लगते हैं। प्री-डायबिटीज के लक्षण इस प्रकार होते हैं:-

1. बार बार पेशाब लगना।
2. वज़न का तेज़ी से कम होना।
3. बहुत ज़्यादा थक जाना।
4. अचानक वज़न बढ़ने लगना।
5. बहुत अधिक प्यास लगना।
6. महिलाओं में पीसीओडी की परेशानी ।
7. भूख पर कंट्रोल ना रहना।
8. पीरियड्स रेगुलर नहीं होना।
9. मीठा ज़्यादा खाने का मन करना।
10. शरीर में दर्द या सिर दर्द।
11. स्किन पिगमेंटेशन।
12. महिलाओं के हार्मोन में बदलाव।
13. पेट की चर्बी बनाना।

:- प्री-डायबिटीज के क्या कारण हैं?
(What are the causes of pre-diabetes)

जीवनशैली में बदलाव, अनहेल्दी डाइट की वज़ह से लोगों में डायबिटीज़ की समस्या बढ़ रही है। शरीर में इंसुलिन के स्तर में बदलाव के कारण डायबिटीज की बीमारी होती है। इस समस्या का सबसे मुख्य वज़ह असंतुलित खानपान, निष्क्रिय लाइफ़स्टाइल, और वजन का बढ़ना आदि को मानते हैं। अधिक वज़न असंतुलित खानपान की अतिरिक्त कुछ दवाओं के कारण भी प्री-डायबिटीज हो सकता है।

:- प्री-डायबिटीज के बचाव के तरीक़े
(Ways to prevent pre-diabetes)

डायबिटीज़ की बीमारी से बचाव के लिए सबसे पहले आपको अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए। अगर आपको प्री-डायबिटीज की स्थिति लगती हैं तो डायबिटीज़ में बदलने के पहले आपको बचाव के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। आप प्री-डायबिटिक हैं तो स्वच्छ भोजन समय समय पर, ब्लड शुगर की जांच और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके अपनी परेशानी से बच सकते हैं। प्रतिदिन 30 मिनट तक फिजिकल वर्क या हेल्दी फूड का सेवन करके इस समस्या से बचा जा सकता है।

:- प्री-डायबिटीज से बचने के लिए अपने जीवनशैली में करें कुछ बदलाव (Make some changes in your lifestyle to avoid pre-diabetes)

1. प्रतिदिन नियमित रूप से योगा करें। और मेडिटेशन की सहायता से तनाव को कम करें। शरीर में ये इन्फ्लेमेशन को कम करता हैं। जिससे इंसुलिन प्रतिरोध में कमी आती है।

2. रोज़ाना 7 से 8 घंटे की नींद लें। क्योंकि नींद की कमी का संबंध इंसुलिन प्रतिरोध से हो सकता हैं।

3. धूम्रपान की आदत छोड़ दें। इससे ब्लड शुगर लेवल को स्वस्थ और इंसुलिन बनाए रखता हैं।

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