मर्दों की छाती पर बाल का होना या ना होना देता है ये बड़ा संकेत ,आप भी जान ले वरना पछताएंगे.

Mukesh Saraswat
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एक समय था कि जब मर्दों की छाती पर बाल होना उनकी मर्दागी की निशानी मानी जाती थी. लेकिन अब समय के साथ लोग बदल रहे हैं. इस दौर में वह अपनी छाती पर बाल रखना पसंद नहीं करते है . जिस प्रकार महिलाओं के अंगों की संरचना को देखकर ही उनके स्वभाव के बारे में पता लगा लेते हैं .उसी तरह मर्दों के शरीर से निकलने वाले बालों को देख कर हम उस व्यक्ति के बारे में जान सकते हैं.

हम किसी पुरुष सीने पर निकलने वाले बालों को देखकर उनके बारे में जान सकते हैं. पुरुषों की छाती पर बाल होने के कई संकेत होते हैं और इनसे उनका स्‍वभाव जाना जा सकता है. आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे.तो चलिए, जानते हैं, कैसा होता है सीने पर अधिक बाल वाले पुरुषों का स्वभाव?

ये बात सभी समझते है कि दुनिया भर में मर्द अपनी-अपनी पंसद के हिसाब से छाती पर बाल होने का कारण मानते है. लेकिन ये भी माना जाता है कि हर चीज का कोई न कोई महत्व होता है. ऐसा ही कुछ मर्दों की छाती के बाल लेकर भी माना जाता है.

आज के युवा अपने फैशन सेंस को लेकर काफी सजग हो गए हैं. बदलते जमाने में फैशन के मायने भी बदल रहे हैं. आज-कल लोग अपने शरीर के कई हिस्सों पर अनचाहे बाल बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं, छाती के बाल भी उन्हीं में से एक है. पहले की बात करें तो छाती के बाल मर्दानगी की निशानी माने जाते थे.

क्या कहता है विज्ञान और ज्योतिषशास्त्र मर्दों की बढ़ती उम्र के हिसाब से उसके शारीरिक विकास में बदलाव देखने को मिलता है जब शरीर का विकास होता है तो साथ में बालों का भी विकास होता है. बालों की ग्रोथ उसके टेस्‍टोस्‍टेरॉन पर निर्भर करती है जितनी ज्यादा टेस्‍टोस्‍टेरॉन में एंड्रोजन की मात्रा ज्यादा होगी आपके शरीर और छाती पर उतने ही ज्यादा बाल उगेंगे.

दुनिया में बहुत कम लोग देखने को मिलते हैं. इनकी छाती पर बाल होते हैं. मनोशास्त्र के अनुसार यह लोग बहुत ही कुशल होते हैं. हमेशा मिल जुल कर रहना पसंद होता है. दुनिया में बहुत सम्मान प्राप्त करते हैं. इस तरह के पुरुष अपने परिवार को भी सुखी रखते है. और हमेशा सत्य वाणी बोलते हैं. दूसरों का आदर करते हैं. अपना जीवन सुखी और संपन्न तरीके से जीना जानते हैं.

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिनकी छाती पर बाल नहीं होते है. ऐसे लोगों का व्यवहार बहुत ही अलग होता है.  यह दूसरों के मन की बात तो जान लेते हैं. लेकिन अपने मन की बात को किसी को नहीं बताते है. इस तरह के लोगों का भरोसा कभी नहीं करना चाहिए .

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Mukesh Saraswat is Editor and Chief in Bwood tadka .He has total experience of 5 years in Mass Communication Media.
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