लंबे समय तक गला बैठना हो सकता हैं लैरिंजाइटिस रोग का संकेत, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीक़े

Smina Sumra
9 Min Read
Symptoms of Laryngitis

Symptoms of Laryngitis: गला बैठने की समस्या कम दिन के लिए या ज़्यादा दिन के लिए भी हो सकती है। ये समस्या में अस्थाई वायरस संक्रमण या स्वर तंत्रियों खिंचाव के कारण होता है।

Symptoms of Laryngitis: गला का बैठना (Symptoms of Laryngitis) एक आम समस्या है। जिसके कारण गले में खराश होती है। ज़्यादातर गले बैठने की वज़ह गले का सूखना या गले का सूजन होता है। कभी-कभी सर्दी जुकाम की वज़ह से भी गले में खराश की समस्या होती है। गले बैठने की वज़ह से आवाज में बदलाव भी आने लगता है। अगर यह समस्या किसी बैक्टीरिया या कि फिर वायरस की वज़ह से हो रहा है तो यह लगभग 1 से 2 हफ्तों में ठीक हो जाता है।

लेकिन यह समस्या एक या 2 हफ्ते से ठीक नहीं हो रहा है तो ये सामान्य लक्षण नहीं है। अगर आपका गला ज़्यादा दिन तक बैठे तो आपको इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। इसके कारण आप को गंभीर बीमारी लैरिंजाइटिस हो सकती है। लैरिंजाइटिस स्वर यंत्र (वॉइस बॉक्स) में होने वाली सूजन को कहते हैं। जो इसके अधिक इस्तेमाल या वायरस की वजह से होती है।

लेरिंक्स के अंदर स्वर तंत्रियां होती हैं जिसके खुलने या बंद होने की वज़ह से उत्पन्न होने वाली कंपन से ध्वनि बनती है। लैरिंजाइटिस होने के कारण आपकी स्वर तंत्रियों में सूजन हो जाती है। जिससे आप की आवाज में परिवर्तन होने लगती है। कई बार आवाज को पहचानना बहुत मुश्किल हो जाता है।

:- लैरिंजाइटिस होने के कारण

आमतौर पर गले बैठने की परेशानी कुछ आम कारणों की वज़ह से होती है। लेकिन अधिकतर ये बैक्टीरिया जैसी चीज़ों के कारण हो जाती है। जो सर्दी खासी जुकाम से शुरू होती है।

1. बहुत तेज चिल्लाने की आदत।

2. बैक्टीरिया या वायरस के कारण।

3. उत्तेजक पदार्थ का सांस लेने के दौरान शरीर में प्रवेश कर जाने के कारण।

4. धूम्रपान करना।

5. अधिक तंबाकू का सेवन करना।

6. फंगल इन्फेक्शन।

7. सर्दी खांसी और ज़ुकाम।

8. लगातार अधिक दिन तक तेज खांसी रहना।

:- लैरिंजाइटिस के लक्षण क्या होते हैं?
(What are the symptoms of Laryngitis)

लैरिंजाइटिस या गला बैठने के लक्षण निम्न प्रकार के होते हैं:-

1. आवाज का बैठ जाना।

2. आवाज नहीं निकल पाना।

3. बोलने के दौरान गले में दर्द की परेशानी होना।

4. बुखार होना।

5. सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना।

6. बहुत ज्यादा खांसी आना।

7. गले के अंदर सूजन होना।

8. खांसने के दौरान खून निकलना।

9. कुछ खाने के दौरान निगलने में दर्द महसूस होना।

10. गले में खराश होना।

11. अगर लैरिंजाइटिस वायरस से हुआ है तो संक्रमित व्यक्ति को बुखार लिंफ नोड्स में सूजन की परेशानी हो सकती है।

:- लैरिंजाइटिस का बचाव किस प्रकार करें?
(How to prevent laryngitis)

1. शराब चाय और कॉफ़ी का सेवन सीमित मात्रा में करें।

2. धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें।

3. गले को साफ़ रखने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा गर्म पानी का सेवन करें।

4. ज़्यादा ऑइली है स्पाइसी खाना खाने से बचें। ऑइली या मसालेदार भोजन का सेवन करने से पेट में एसिड पैदा हो सकते हैं। फिर गले या भोजन नलिका (इसोफेगस) में प्रवेश कर के सीने में जलन या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग होने का कारण हो सकता है।

5. अपने डाइट में साबुत अनाज, फलों, और सब्जियों को शामिल करें। इस तरह के खाद्य पदार्थों में विटामिन ए, विटामिन बी, और विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। जो बलगम झिल्ली गले को साफ़ करने में मदद करती है।

:– लैरिंजाइटिस रोग कब तक रहता है?
(How long does laryngitis disease last)

लैरिंजाइटिस के रोग पर ही निर्भर करता है कि वह व्यक्ति को कितने दिन तक परेशान कर सकता है। लैरिंजाइटिस लगभग 1 हफ्ते में आसानी से ठीक हो जाता है। और अगर आपको ये परेशानी 3 हफ्तों से अधिक समय के लिए होता है, तो यह क्रॉनिक लैरिंजाइटिस भी हो सकता है। इस स्थिति में आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर इसका इलाज आसानी से कर सकते हैं।

:- लैरिंजाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
(How is laryngitis treated)

लैरिंजाइटिस का परीक्षण करने के लिए लैरिंगोस्कोपी सबसे आसान माध्यम है। यह परीक्षण तंत्रियों के पास की स्थिति को जांचने और देखने के लिए किया जाता है। लैरिंगोस्कोपी में एक पतली ट्यूब का इस्तेमाल करके नाक के द्वारा गले में डाला जाता है। जो कैमरे की सहायता से देखा जाता है। इस प्रक्रिया की सहायता से डॉक्टर यह समझने का प्रयास करते हैं कि गले में कहीं सूजन या फिर गांठ तो नहीं बनी है। जिसकी वज़ह से ऐसी परेशानी हो रही हो।

:- गला बैठने पर घरेलू उपचार को अपनाएं।

1. शहद

हमारे स्वास्थ्य के लिए शहद काफ़ी अच्छा माना जाता है। गले से जुड़ी समस्या जैसे: बैठा हुआ गला, गले की सूजन, गले में दर्द की समस्या को दूर करने के लिए शहद का उपयोग किया जाता है। शहद का सेवन करने से खांसी की समस्या भी दूर होती है। इसलिए इस तरह की परेशानियों में शहद काफ़ी फायदेमंद होता है।

2. पुदीना

गले का दर्द और सूजन को दूर करने के लिए पुदीना बहुत कारगर साबित होता है। आप नियमित रूप से पुदीने की ताजा पत्तियों को पानी में उबालकर गरारे करें। सांसों को ताजा कर रखने के लिए पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है। पेपरमिंट ऑयल स्प्रे का इस्तेमाल करके गले का दर्द कुछ ही मिनटों में दूर किया जा सकता है।

3. भाप लें

गले की सूजन होने के कारण गला बैठ जाता है। जिसको अनदेखा करने पर गंभीर समस्या हो सकती है। आप इस समस्या से बचने के लिए भाप ले सकते हैं। आप गर्म हवा से सूजन और दर्द को दूर कर सकते हैं। आप स्टीम लेने के लिए गर्म पानी का भाप बनाएं। फिर सिर पर एक तौलिए रखें। और गर्म भाप से सांस लें। कुछ देर उसी भाप को लेते रहें।

4. बेकिंग सोडा

गले की खराश को बेकिंग सोडा की मदद से कम कर सकते हैं। इसका उपयोग से आपका बैठा हुआ गला ठीक हो सकता है। इसका इस्तेमाल आप गुनगुने पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर करा गरारे करें। इससे आपको काफ़ी आराम मिलेगा। बेकिंग सोडा में मौजूद गुण जमी बैक्टीरिया को खत्म करता है। और फंगस की समस्या को भी रोकता है।

5. अदरक

अदरक हमारे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह बैक्ट्रिया या संक्रमण को खत्म करने में हमारी मदद करता है। अदरक की मदद से आप बैठे हुए गले को ठीक कर सकते हैं। आप अदरक के रस का भी सेवन कर सकते हैं। चाय में भी अदरक का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आपको बहुत आराम देता है। साथ ही गले में हो रही सूजन को भी कम करता है।

6. नमक के गरारे करें।

नमक में पाए जाने वाले गुण गले में सूजन दर्द और बैक्टीरिया को कम करने में सहायता करते हैं। नमक के पानी से गरारे करने से गले की परेशानी दूर होती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए हल्के गर्म पानी में थोड़ा नमक मिलाएं। नमक का पानी बलगम को निकालने के साथ-साथ गले की खराश को भी ठीक करता है।

 

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