जैसा कि आप सभी जानते हैं अभी कुछ साल पहले आमिर खान की फिल्म पीके के कुछ दृश्य ऐसे थे जिसकी वजह से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है इसका कुछ विरोध भी किया गया इस सीन को लेकर आज लोगों के मन में आमिर ख़ान से जुड़ी हुई नफरत भरी हुई आप सभी देख सकते हैं पीकेसी की वजह से ही है लोगों ने उनकी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म लाल सिंह चड्ढा को बाय काट कर दिया है। इंटरनेट पर इस समय बायका ट्रेन की खूब चर्चा चल रही है लोगों का मानना है कि केवल साउथ की फिल्मों को ही देखना चाहिए लेकिन कुछ लोग कह रहे हैं कि फिल्म को फिल्म की तरह ही देखें तो सही है इसलिए आज हम स्कूल के माध्यम से आप सभी के लिए साउथ की उन फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है..
1.लोक परलोक मूवी
इस फिल्म में आप सभी ने देखा होगा कि जूनियर एनटीआर यमराज की मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। इस फिल्म के एक सीन में यमराज को लवर बॉय के रूप में दिखाया गया था। यमराज के इस तरह के सीन को देखकर लोगों ने तो बहुत कड़ा विरोध किया था।
2.एक का दम मूवी
चियां विक्रम के कैरियर की एक बेहतरीन फिल्म रह चुकी एक का दम मूवी में साउथ की प्रसिद्ध एक्टर्स सामंथा ने मुख्य किरदार डबल रोल में अदा किया था। तमाशा के डबल रोल में एक उनका नेगेटिव रोल था उसमें एक दृश्य के दौरान पूजा की थाली में सामंथा ने सिगरेट जलाई थी इस दृश्य का लोगों ने बहुत विरोध किया था।
3.जीने नही दूंगा मूवी
जीने नहीं दूंगा फिल्म के अंदर रवि तेजा को मुख्य किरदार के अंदर देखा गया है। इस फिल्म में एक दृश्य के दौरान रवि तेजा ने खुद को भगवान से भी ज्यादा शक्तिशाली माना है जो कि इस फिल्म में दिखाया गया है। इसी की वजह से यह फिल्म बहुत विवादों में घिरी हुई रही थी।
4.गोपाला गोपाला मूवी
गोपाला गोपाला मूवी में साउथ के प्रसिद्ध कलाकार वेंकटेश को मुख्य किरदार में आप सभी ने देखा ही होगा। इस फिल्म में उन्होंने एक नास्तिक का किरदार निभाया था। एक दृश्य के दौरान वेंकटेश झूठ बोलकर भगवान की प्रतिमा को बेच रहा है। इस वजह से इस फिल्म के इस दृश्य में लोगों की भावनाओं को बहुत आहत किया था।
5.पम्मल के सम्बंदम मूवी
इस फिल्म में आप कमल हसन को मेन कैरेक्टर के रूप में देख सकते हैं लोगों को बहुत एंटरटेन भी किया था कमल हसन इस फिल्म के दौरान जब उनका मेकअप किया गया था तो सोशल मीडिया पर गम छुपाते हुए दिखाई दिए थे इस दृश्य को देखकर भी ऐसा लग रहा है कि जैसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया हो।