इन दिनों बॉलीवुड में एक बार फिर क्रिकेट का खुमार छाया हुआ है। एक के बाद आपको पर्दे पर क्रिकेट की कहानियां देखने को मिलेंगी ।क्रिकेट से जुड़ी पहली फिल्म 83 इस शुक्रवार को रिलीज होगी। इस फिल्म में भारतीय टीम की 1983 विश्वकप की जर्नी को दिखाया गया है। मुख्य किरदार में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ही है।
‘शाबाश मिठू’ में तापसी पन्नू, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज की बायोपिक में काम कर रही हैं। फिल्म को राहुल ढोलकिया बना रहे हैं। वहीं, ‘जर्सी’ में शाहिद कपूर एक क्रिकेटर की भूमिका में नजर आएंगे। शाहिद की क्रिकेट बेस्ड ये दूसरी फिल्म है। इससे पहले वह ‘दिल बोले हड़िप्पा’ में नजर आ चुके है।
20 साल पहले आमिर ने ‘लगान’ फिल्म लगान लेकर आए। जिसके प्रोड्यूसर वो खुद थे । फिल्म का निर्देशन आशुतोष गोवारिकर ने किया था। भारत में तो ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई। फिल्म को टैक्स फ्री भी कर दिया गया था। भारत की तरफ से ऑस्कर में फॉरेन लैंग्वेज की कैटेगरी में शॉर्टलिस्ट हुई थी। हालांकि, फिल्म को अवॉर्ड नहीं मिल पाया था।
लगान के हिट होने के बाद कई फिल्म मेकर्स ने क्रिकेट को ही अपना सब कुुछ मानते हुए एक के बाद एक कई क्रिकेट से जुड़ी फिल्में पर्दे पर उतारीं। लेकिन ज्यादातर फिल्मों टिकट खिड़की पर कोई दर्शक नहीं मिला।
पिछले 20 सालों में तकरीबन 18 हिंदी फिल्में रिलीज़ हुई जिसमें से सिर्फ 6 फिल्में ही दर्शकों को इम्प्रेस करने में कामयाब हो पाईं। इनमे से केवल इक्का दुक्का फिल्में ही बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर सकीं।
फिल्म और ट्रेड एनालिस्ट का मानना है कि बॉलीवुड में यदि क्रिकेट का तड़का लग जाए तो ये बड़ी कामयाबी बन सकती है. लेकिन पिछले कुछ सालों में क्रिकेट से जुड़ी फिल्मों का जो हाल हुआ है उसे देखकर क्रिकेट जैसे सब्जेक्ट पर फिल्म बनाना किसी बड़े रिस्क से कम नहीं है।
आने वाली फिल्म 83 से मेकर्स को काफी उम्मीदें इसलिए बंधी है क्योंकि इस फिल्म के जरिए वो कहानी लोगों के सामने आएगी जो कभी किसी के भी सामने नहीं आई। भारत का पहला विश्वविजेता बनने का सपना 83 में पूरा हुआ था। लिहाजा ये फिल्म उस दौर के लोगों के लिए भी किसी ट्रीट से कम नहीं है। मेकर्स को उम्मीद है कि फिल्म अपने पहले ही हफ्ते में 100 करोड़ का आंकड़ा छू लेगी।
वहीं ‘जर्सी’ और ‘शाबाश मिठू’ के लिए किसी भी तरह की पब्लिसिटी और कैंपने नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण यदि ये फिल्में 83 के साथ टकराई तो हाल बुरा ही होगा।