अंडरवर्ल्ड कहीं लूट ना ले,इसलिए कपिल ने पैसे छिपाने के लिए अंडरवियर को ही बना लिया तिजोरी

Deepak Pandey
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टीवी की दुनिया के सबसे मशहूर कमीडियन कपि‍ल शर्मा  ने ओटीटी पर धमाकेदार आगाज कर दिया है। उनका शो I’m Not Done Yet शुक्रवार से स्‍ट्रीम हो चुका है। इस शो में कपिल अपने खास अंदाज में अपनी जिंदगी के किस्‍से सुनाते हुए नजर आ रहे हैं। यह शो कपिल के अब तक के सफर पर है। वह कॉमिडियन हैं, इसलिए अपना काम बखूबी जानते हैं। लिहाजा, यहां भी उन्‍होंने अपनी कहानी सुनाते हुए सबको हंसाने की पूरी कोश‍िश की है।

हंसने-हंसाने वाले कपिल की जिंदगी के किस्‍से

कपिल ने जितना नाम कमाया है, उतनी ही मेहनत भी की है। करियर में एक दौर ऐसा भी आया, जब चीजें उलट-पुलट हो गईं। कपिल डिप्रेशन में चले गए। शराब की लत ने उन्‍हें घेर लिया। यह वह वक्‍त था जब जिंदगी, करियर, गिन्‍नी चतरथ के साथ रिश्‍ता… सब बिखरता हुआ नजर आ रहा था। लेकिन कपिल फिर संभले, फिर हंसना सीखा और सबसे अहम सबको फिर से हंसाना सीख लिया।

1200 रुपए के लिए अंडरवियर को बनाई तिजोरी

‘नेटफ्ल‍िक्‍स’ शो में अपनी जर्नी बताते हुए कपिल कहते हैं, ‘मैं पंजाब से 1200 रुपये लेकर मुंबई आया था। ग्रेजुएशन के बाद तीन महीने का ब्रेक होता है। उसी में मैं 1200 रुपये लेकर पहली बार स्‍ट्रगल करने मुंबई आया। कॉलेज के कुछ दोस्‍त भी मेरे साथ थे। हम सभी ने मुंबई के बारे में बहुत कुछ सुन रखा था। मुंबई में तब अंडरवर्ल्‍ड के खूब चर्चे थे। ऐसे में हम कॉलेज के लड़के थे, हम डर गए। मैंने तो अपने सारे पैसे अंडरवियर में छुपा लिए थे।’Kapil Sharma I'm Not Done Yet review: Comedian's Netflix special is low on laughs but wins on storytelling | Web Series - Hindustan Times

पहली बार देखा था लिफ्ट, खेल बन गया था ये

कपिल ने बताया कि मुंबई आने के बाद उनके लिए कई चीजें बिल्‍कुल नई थीं। उनके लिए पोहा के साथ ही लिफ्ट भी बिल्‍कुल नई चीज थी। अमृतसर में तब इतनी ऊंची इमारतें नहीं होती थीं। लिहाजा लिफ्ट भी नहीं होते थे। कपिल कहते हैं कि वो और उनके दोस्‍त मस्‍ती में अक्‍सर लिफ्ट में ऊपर-नीचे और नीचे-ऊपर करते रहते थे। एक दिन इसी चक्‍कर में वो लोग टी-सीरीज के दफ्तर पहुंच गए थे।

कभी तेल मालिश का भी आया ख्याल

स्‍ट्रगल के दिनों में इंसान कई बार टूटने लगता है। सपनों को भूल हकीकत से समझौता करने की सोचने लगता है। कपिल के साथ भी ऐसा हुआ। वह इसे भी मजाकिया अंदाज में बताते हैं। कपिल कहते हैं, ‘मुंबई में एक वक्‍त था, हमारे पैसे कम थे। ऐसे में हम दोस्‍तों ने ताड़ी पीना शुरू कर दिया था। हमारे तीन महीने खत्‍म होने वाले थे। साथ में पैसे भी। एक दिन ताड़ी पीकर हमें यह खयाल आया कि हम मुंबई में मजदूरी कर सकते थे। जुहू बीच पर तेल मालिश का काम कर लेते। मेहंदी लगानी आती है तो वही लगा देते। वड़ा पाव की रेड़ी भी लगा लेते।’ वैसे, इस क‍िस्‍से का अंत वो मजेदार तरीके से करते हैं। कपिल कहते हैं, ‘पैसे खत्‍म हुए, छुट्टी खत्‍म हुई और ताड़ी खत्‍म हुई, इसके बाद हम सब वापस अमृतसर अपने घर को चले गए।’

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