बॉलीवुड और राजनीति दो ऐसी दुनिया हैं, जहां केवल जनता का ही बोल-बाला है। यदि जनता की नजरों में आप खरे नहीं उतरे तो दोनों ही दुनिया से हाथ धो बैठेंगे। राजनीति की दुनिया में ऐसी कई हस्तियां हैं, जिन्होंने ग्लैमरस दुनिया को पीछे छोड़ने और किसी ऐसी चीज में शामिल होने का फैसला किया, जिसमें समान मात्रा में ड्रामा और उत्साह हो … ‘राजनीति’।
कई सितारे ऐसे भी हैं जिन्होंने ‘कुर्सी’ हथियाने की दौड़ में शामिल होने के लिए बॉलीवुड छोड़ दिया। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि राजनीति निश्चित रूप से कई सितारों के लिए एक फॉल-बैक करियर विकल्प के रूप में साबित हुई है। तो चलिए आज हम आपको 10 बॉलीवुड हस्तियां के बारे में बताते हैं, जिन्होंने राजनीति की ओर रुख किया।
हेमा मालिनी
अभिनेत्री-राजनेता हेमा मालिनी ने पंजाब के गुरदासपुर में लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्ना के लिए प्रचार किया। 2003 से 2009 तक, भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने उन्हें राज्यसभा के लिए सांसद के रूप में नामित किया। वह 2004 में आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गईं और उन्हें भाजपा का महासचिव नियुक्त किया गया। 2014 के आम चुनावों में, मथुरा के जयंत चौधरी को हराने के बाद वह लोकसभा के लिए चुनी गईं। वह पशु अधिकार संगठन पेटा इंडिया की भी समर्थक हैं।
धर्मेंद्र
बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेंद्र ने हिंदी फिल्म उद्योग में एक मजबूत, शांत और डैशिंग हीरो के रूप में पहचान बनाई। वह न केवल एक सफल अभिनेता बल्कि एक लोकप्रिय राजनीतिज्ञ भी हैं। 2004 के आम चुनावों में, उन्हें भारतीय जनता पार्टी से राजस्थान के बीकानेर से सांसद के रूप में चुना गया था। उनके चुनाव अभियान के दौरान की गई उनकी टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की गई थी। संसद के सत्र में भाग लेने के बजाय उन्होंने कृषि कार्य या फिल्म की शूटिंग में समय बिताना पसंद किया।
जया बच्चन
अभिनेत्री जया बच्चन भारतीय सिनेमा की सबसे बहुमुखी अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने न केवल एक अभिनेत्री के रूप में बल्कि एक राजनेता के रूप में भी अपनी प्रतिभा और क्षमता का प्रदर्शन किया है। राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो वह हमेशा काफी सक्रिय रही हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया है। हाल ही में समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद का पुरस्कार भी मिला है।
उर्मिला मातोंडकर
अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने 2019 में कांग्रेस पार्टी से लोकसभा के चुनाव लड़े थे। हालांकि, एक साल बाद यानी 2020 में अभिनेत्री ने कांग्रेस का हाथ छोड़ शिवसेना का दामन पकड़ लिया था।
किरण खेर
किरण खेर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत ‘लाडली – कन्या भ्रूण हत्या’ के खिलाफ अभियान और ‘रोको कैंसर – कैंसर जागरूकता’ के लिए अभियान जैसे एनजीओ के साथ की। उन्होंने 2011 में अन्ना हजारे के भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी भाग लिया था, लेकिन जब अन्ना की टीम के एक वर्ग को ‘आम आदमी पार्टी’ बनाने का विचार आया तो उन्होंने यह कहते हुए इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया कि यह समूह गैर-राजनीतिक संगठन के रूप में बेहतर था। वह भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले भी हमेशा नरेंद्र मोदी की मुखर प्रशंसक रही हैं और 2011 के नगर निगम चुनावों के दौरान भाजपा के लिए प्रचार भी किया है। बीजेपी ने उन्हें 2014 के आम चुनाव के लिए चंडीगढ़ से लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया और किरण ने भी अच्छे बहुमत से सीट जीती।
जया प्रदा
बॉलीवुड अभिनेत्री जयाप्रदा ने अभिनय की दुनिया को अलविदा कह दिया और राजनीति में कदम रखा। उन्होंने 1994 में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी, लेकिन पार्टी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू के साथ मतभेदों के चलते उन्होंने जल्द ही पार्टी छोड़ दी। वह फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। 2004 के आम चुनाव के दौरान यूपी के रामपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और निर्वाचित हुईं।
शत्रुघ्न सिन्हा
राजनीति के सबसे बड़े हीरो बने बॉलीवुड के चहेते विलेन। उन्होंने 1991 में राजेश खन्ना के विपरीत उपचुनाव लड़कर राजनीति में प्रवेश किया। हालांकि, वह चुनाव और अपने दोस्त राजेश खन्ना दोनों को हार गए। सिन्हा ने एक साक्षात्कार में खुलासा किया था कि चुनाव उनके जीवन का सबसे गलत कदम था। उनका सफल राजनीतिक कार्यकाल बिहार के पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र में शेखर सुमन को हराने और 2009 में आम चुनाव जीतने के बाद शुरू हुआ।
राज बब्बर
अभिनेता राज बब्बर ने 1989 में जनता दल में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया। बाद में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और 1994 से 1999 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। 2004 में 14वीं लोकसभा चुनाव में उन्हें फिर से चुना गया और 2006 में उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया। वह 2008 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और 2009 में संसद सदस्य के रूप में चुने गए। हालांकि राज बब्बर 2014 के लोकसभा चुनाव वीके सिंह से हार गए। बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी चुना गया था।