हिंदुस्तानी सिनेमा में प्रेम हमेशा मौजूद रहा है। इनमें कुछ कहानियां ऐसी भी रही हैं, जिनमें देशहित को सर्वोपरि रखते हुए नायक या नायिका ने हंसते-हंसते प्रेम का त्याग कर दिया। ‘स्वदेस’, ‘वीर जारा’, ‘गदर-एक प्रेम कथा’, ‘पानीपत’, ‘पद्मावत’, ‘तान्हाजी- द अनसंग वारियर’, ‘राजी’, ‘शेरशाह’ जैसी फिल्में इसी पर आधारित हैं।
राजी
सत्य घटना से प्रेरित फिल्म ‘राजी’ की कहानी साधारण सी लड़की सहमत (आलिया भट्ट) की थी, जिसने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय पिता के कहने पर एक पाकिस्तानी फौजी परिवार के लड़के से शादी की ताकि वहां पर जासूसी की जा सके। शादी के बाद दोनों के हृदय में एक-दूसरे के लिए प्रेम पनपता है, लेकिन दोनों कहते हैं कि वतन के आगे कुछ नहीं… खुद भी नहीं।
तान्हाजी: द अनसंग वारियर
प्रेम की इन भावनाओं को हिंदी सिनेमा में हर दौर में अलग-अलग कहानियों के जरिए दर्शाया गया है। फिल्म ‘तान्हाजी: द अनसंग वारियर’ में तान्हाजी की पत्नी सावित्री बाई बेटे के विवाह उत्सव को पृष्ठभूमि में रखकर स्वयं उन्हें विजय का तिलक करके रणभूमि में भेजती हैं।
शेरशाह
फिल्म ‘शेरशाह’ कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा की जिंदगी पर आधारित थी। कैप्टन विक्रम बत्रा के शहीद हो जाने के बाद उनकी गर्लफ्रेंड डिंपल चीमा ने अपनी बाकी जिंदगी उनकी यादों के सहारे गुजारने का फैसला किया। फिल्म में डिंपल का किरदार कियारा आडवाणी ने निभाया था। वह कहती हैं.. ‘कि एक आर्मी आफिसर का जाब जोखिमभरा होता है, इसके बावजूद उनके सपनों को सपोर्ट करना नि:स्वार्थ प्रेम ही तो है उनकी ड्यूटी के बारे में आप पूछ भी नहीं सकते हैं कि आज का दिन कैसा रहा? चंद पल आपको मिलते हैं उनके साथ बात करने के, उसके बावजूद प्यार में कमी नहीं आती। यह सही मायने में सच्चा प्यार है। डिंपल त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। यह त्याग उन्हें खुशी देता है। जब भी वह कैप्टन विक्रम बत्रा के बारे में बात करती हैं तो गर्व, प्रेम और खुशी का एहसास उनकी आंखों में झलकता है। उन्हें लगता है कि विक्रम उनके साथ हैं।’
गदर- एक प्रेम कथा
देश विभाजन पर बनी फिल्म ‘गदर- एक प्रेम कथा’ भी प्रेम के एहसास को बयां करने वाली बेहतरीन फिल्म है। सनी देओल का किरदार तारा सिंह पाकिस्तान से अपने प्रेम और पत्नी सकीना को लेने के लिए जाता है। पाकिस्तान में हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाता है तो उसका प्रेम अपने देश के लिए भी नजर आता है।
वीर जारा
यश चोपड़ा निर्देशित शाहरुख खान और प्रीति जिंटा अभिनीत फिल्म ‘वीर जारा’ ने प्रेम का वास्तविक अर्थ समझाया। यह प्रेमी युगल की कहानी है जो एकदूसरे से बेहद प्रेम करते हैं, पर उनका प्यार गैरजिम्मेदार नहीं है। भारतीय वायुसेना के अधिकारी वीर को झूठे आरोपों में 22 सालों के लिए पड़ोसी देश की जेल में कैद कर दिया जाता है। इस दौरान वह न ही प्रेमिका का नाम लेकर उसकी इज्जत उछालता है, न ही अपने देश से जुड़ी कोई खुफिया जानकारी साझा करता है, वहीं जारा हिंदुस्तान आकर अपने प्रेमी के सपने को पूरा करती है और लड़कियों के लिए स्कूल खोलती है।
स्वदेस
फिल्ममेकर आशुतोष गोवारिकर देश को गौरवान्वित करने वाली कहानियों को फिल्मों में उकेरने के लिए जाने जाते हैं। उनकी फिल्म ‘स्वदेस’, ‘पानीपत’, ‘लगान’ में नायक-नायिका का नि:स्वार्थ प्रेम उन्हें तमाम बाधाओं से लड़ने की ताकत देता है। ‘स्वदेस’ फिल्म में एन.आर.आई मोहन भार्गव (शाह रुख खान) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा में कार्यरत है। स्वदेस आने पर वह यह बात शिद्दत से महसूस करता है कि उसके देश को उसकी पढ़ाई और अनुभवों की कितनी जरूरत है तो बदलाव लाने के लिए छोटा सा प्रयास करता है। जब वह वापस नासा लौटता है तो उसकी प्रेमिका उसके साथ नहीं जाती है, क्योंकि उसे लगता है कि बतौर स्कूल टीचर वह जिन बच्चों को शिक्षा देकर बदलाव लाना चाह रही है, वह उद्देश्य अधूरा रह जाएगा।
पृथ्वीराज
आगामी दिनों में अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान और उनकी पत्नी संयोगिता की अमर प्रेम कहानी के साथ ही उनकी गौरवगाथा दर्शाती यशराज बैनर की फिल्म ‘पृथ्वीराज’ आएगी। अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर अभिनीत इस फिल्म का निर्देशन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया है। पृथ्वीराज चौहान दिल्ली पर शासन करने वाले अंतिम राजपूत राजा थे। मुहम्मद गोरी ने दिल्ली पर 17 बार हमला किया और 16 बार पृथ्वीराज चौहान और उनकी सेना ने उसे बुरी तरह पराजित किया। उनकी गौरवगाथा के साथ प्रेम कहानी भी अनूठी है।