बॉलीवुड के डिस्को किंग बप्पी लहरी अब अपनी शानदार धुनों से हमें एंटरटेन करने के लिए इस दुनिया में नहीं रहे। स्वर्गीय संगीतकार और गायक बप्पी दा ने अपने पीछे संगीत की एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसके भरोसे उनके फैन्स उन्हें ज़िंदगी भर याद रखेंगे। लेकिन गानों के लिए अपने इस पैशन के अलावा बप्पी दा को गोल्ड से उनके कनेक्शन के लिए भी याद रखा जाएगा।
शायद ही उन्हें कभी किसी ने कहीं बिना उनकी सोने की चेन्स, अंगूठियों और ब्रेसलेट्स की बिना देखा हो। लेकिन बप्पी दा का सोना, सिर्फ उनका फैशन स्टेटमेंट नहीं था, बल्कि अगर कहा जाए कि सोने के लिए उनके प्रेम का कारण खुद इस सोने से भी कहीं आगे था।
बप्पी दा ने बताया था कि उन्हें लगता है सोना पहनना उनके करियर के लिए बहुत लकी है। बप्पी दा ने याद करते हुए बताया था कि उनकी मां ने उन्हें ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ लॉकेट के साथ सोने की एक चेन दी थी और इसके तुरंत बाद आई फिल्म ‘ज़ख्मी’ उनकी पहली ब्लॉकबस्टर बनी। उनकी मां ने उन्हें कहा था कि सोना उनके लिए लकी साबित होगा।
बप्पी दा ने बताया कि इसके बाद से ही उनका परिवार उन्हें सोने की चेन देता था और वो कभी इनके बिना सफ़र नहीं करते थे। अपनी हर बॉक्स-ऑफिस हिट के साथ बप्पी दा अपने कलेक्शन में एक और चेन जोड़ लिया करते थे। उनकी मां के बाद उनकी पत्नी चित्राणि ने भी ये चीज़ जारी रखी और उन्हें एक गणपति लॉकेट दिया। बप्पी दा, गणेश भगवान के बहुत बड़े भक्त थे और एक बार तो उन्होंने अपने सपने में उन्हें देखा था।
सपने में भगवान गणेश ने कहा कि बप्पी दा को उनकी तस्वीर वाला एक लॉकेट सीने पर पहनना चाहिए। इस घटना के ठीक बाद बप्पी दा ने अपने म्यूजिक के कारण अपना नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी दर्ज करवा लिया। उनके नाम ये रिकॉर्ड है कि उन्होंने एक ही साल (1986) में 33 फिल्मों के लिए 180 गाने रिकॉर्ड किए।
अब जब किसी आदमी के पास इतना सोना हो, तो कभी तो मन करेगा ही न ये देखने का कि ये टोटल है कितना। लेकिन बप्पी दा ने कभी अपना सोना नहीं तौला था। उन्होंने कहा था, “मैंने कभी अपनी गोल्ड ज्यूलरी नहीं तौली। हर चेन पर, भगवान हैं, इसलिए मैंने कभी उनका वजन नहीं किया।”