बॉलीवुड में अगर उम्दा कलाकारों की फेहरिस्त तैयार की जाए तो उसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी का नाम तो जरूर ही शामिल होगा। कई युवाओं के इंस्पिरेशन बन चुके नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने समय पर कई स्ट्रगल किया है। एक ऐसा समय भी आया जब सिद्दकी रोटी-रोटी के मोहताज हो गए थे।
सपने को पूरा करने के लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मुबंई को अपना घर बनाया। 5 साल तक सपनों की नगरी मुबंई में उन्होंने काफी स्ट्रगल किया। दिखने में ज्यादा अच्छे न होने के कारण उन्होंने कई रिजेक्शन भी झेले। लेकिन कहते है न सब्र का फल मीठा होता है, नवाज को एक फिल्म में आखिर काम मिला और उन्होनें उसमें काम किया। उनकी एक्टिंग से लोग उनके फैन बन गए। फिल्म में बड़ा रोल हासिल करने में उन्हें पूरे 12 साल लग गए।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की शक्ल-सूरत किसी भी आम भारतीय जैसी है, लेकिन अदाकारी का हुनर लाजवाब है। लेकिन उनकी किस्मत उन्हें आज इस मोड़ पर लेकर आ जाएगी, किसी ने भी नहीं सोचा था। नवाज जब छोटे थे तो उनके घर में टीवी नहीं हुआ करता था, सारा काम छोड़कर वो दूसरे के घर में जाकर टीवी देखा करते थे और यहीं से उनके मन में हीरो बनने के सपने ने जगह ले ली।
नवाज ने एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया और खर्च चलान के लिए छोटे मोटे काम करने लगे। रहने के लिए मुंबई में घर नहीं था। लिहाजा उन्होंने चौकीदार बनकर नौकरी शुरु की ताकि सिर छिपाने के लिए जगह मिल सके। नवाज की कद काठी कमजोर थी। लिहाजा उन्हें अक्सर काम के दौरान मालिक बैठे हुए ही देखा करते थे। कई बार वार्निंग देने के बाद भी नवाज नहीं सुधरे तो उन्हे काम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
डायरेक्टर अनुराग कश्यप एक नाटक देखने के लिए गए थे। जहां उन्होंने नवाजुद्धीन का एक्ट देखा। नवाज से बात करके अनुराग ने उन्हें पहले एक छोटा रोल ऑफर किया। रोल कम था लेकिन नवाज ने काम चला लिया। इसके बाद अनुराग ने नवाज पर भरोसा जताते हुए उन्हे वो रोल दिया जिसके बाद नवाज के किस्मत के ताले खुल गए। नवाज के काम को देखकर अनुराग ने उन्हें एक बड़ा रोल ऑफर किया। बस फिर क्या था इसके बाद नवाज ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में आने के बाद नवाज स्टार बन चुके थे।