बीते कुछ समय में ऐसी कई धमाकेदार फिल्में आई हैं, जिन्होंने दर्शकों का दिल जीतने के साथ-साथ बॉक्स ऑफिस पर भी धमाल मचाया है। इस साल भी ऐसी ही कई फिल्में आपका दिल जीतने को तैयार हैं।
बॉलीवुड के खलनायक संजय दत्त एक मेगा बजट फिल्म में काम कर रहे हैं, ‘द गुड़ महाराजा’ टाइटल के नाम से बन रही इस फिल्म का बजट पूरे 400 करोड़ रुपए है। फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है, जो दर्शकों को द्वितीय विश्व युद्ध के हालातों और उस समय भारत की परिस्थिति से वाकिफ कराएगी।
जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था, तब भारत के जामनगर के महाराजा दिग्विजय सिंह और रणजीत सिंह जडेजा (जिन्हे जाम साहब कहा जाता है) उन्होंने युद्ध के हालातों के दौरान सोवियत संघ से बचाए गए 1000 पॉलिस बच्चों को भारत के बलाचडी, गुजरात में शरण दी थी। वो बच्चे महाराजा साहेब से बहुत प्यार करते थे और उन्हें प्यार से ‘बापू’ कहकर बुलाते थे।
महाराजा दिग्विजय सिंह और रणजीत सिंह जडेजा द्वारा 100 पॉलिश बच्चों की जिंगदी बचाने की यह अनोखी कहानी को किताबों से स्क्रीन में लाने के लिए डायरेक्टर विकाश वर्मा काम कर रहे हैं और इस फिल्म में भारत पोलैंड के प्रोड्यूसर्स 400 करोड़ रुपए का बजट इस्तेमाल करने वाले हैं।
इस फिल्म में संजय दत्त जाम साहिब यानी के जामनगर के महाराजा का किरदार निभा रहे हैं। वहीं एक्टर धुर्व वर्मा रूसी स्नाइपर के लीड रोल में हैं। वहीं इंडियन एक्टर्स में गुलशन ग्रोवर, दीपराज राणा, शरद कपूर और नाजिया हुसैन जैसे बड़े एक्टर्स काम कर रहे हैं। वहीं पोलैंड एना एडोर, कैट क्रिस्टियन, अन्ना गुज़िक, नातलिया बाक, पावेल चेक जैसे कलाकार हैं। ये फिल्म बॉलीवुड की नहीं बल्कि पोलैंड फिल्म इंडस्ट्री द्वारा फिल्माई जा रही है।
फिल्म की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर डायरेक्टर विकाश वर्मा ने कहा, ‘इस तरह की मास्टरपीस कहानी जो दुनिया के इतिहास में एक घटना पर रची-बसी हो तो फिल्म से जुड़े हर एक पक्ष के लिए रिसर्च सबसे अहम हो जाती है। चाहे वो स्क्रिप्टिंग हो, डायलॉग्स हों, एक्शन हो, कॉस्ट्यूम आदि दर्शकों को सिनेमा का बेस्ट एक्सपीरियंस देने के लिए हर डिपार्टमेंट में गहरी रिसर्च करने में लगा हुआ है।’
भारत और पोलैंड के रिश्तों को करेगा मजबूत
‘नो मीन्स नो’ के बाद यह भारत और पोलैंड का दूसरा मिला-जुला प्रयास होगा, जिससे दोनों देशों के बीच के द्विपक्षीय संबंध और भी बेहतर और गहरे बनेंगे। विकास से पहले ऐसी कोशिश शोमैन राज कपूर ने की थी। राज कपूर की 1970 की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ जिसने भारत और सोवियत रूस के बीच के रिश्तों को फिर से मजबूत कर दिया था।