मानव ने विकास की रफ्तार में जगलों और धरती के इको सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित किया है। पृथ्वी से हर दिन कोई ना कोई जीव विलुप्त हो रहा है। जगलों में रहने वाले अनेक जीवों, और सरीसृपों की प्रजातियां या तो विलुप्त हो गई हैं या फिर विलुप्त होने की कगार पर हैं। वहीं कई संगठन लगातार दुर्लभ जीवों को बचाने में जुटे हुए हैं। इसी बीच अमेरिका के अलबामा स्टेट में एक 60 साल पहले विलुप्त हुआ सांप फिर देखा गया है।
60 साल में दूसरी बार दिखा ये काला विलुप्त सांप
अमेरिका के अलबामा के जंगलों इंडिगो स्नेक एक दुर्लभ प्रजाति का सांप है। जिसे धरती से विलुप्त समझा जा रहा था। लेकिन पिछले हफ्ते कोनकुह नेशनल फॉरेस्ट में 60 साल में यह सांप दूसरी बार दिखा है। अलबामा डिपार्टमेंट ऑफ कंजर्वेशन एंड नेचुरल रिसोर्सेज के एक बयान में कहा कि, हम इस सांप की फिर से घर वापसी कराने में सफल रहे हैं। 60 से अधिक वर्षों में यह पूर्वी इंडिगो सांप दूसरी बार अलबामा में दिखा है
जहरीले सांपों को खाता है ये सांप
अलबामा डिपार्टमेंट ऑफ कंजर्वेशन एंड नेचुरल रिसोर्सेज के अनुसार, 1950 के दशक में बड़े पैमाने पर प्राकृतवास नुकसान के कारण वे राज्य में विलुप्त हो गए, लेकिन इन्हें दोबारा देखे जाने की सूचना मिलने के बाद वन विभाग में खुशी है। उनके सांपों के बचाने के प्रयास काम आ रहे हैं। रोमांचक खोज ईस्टर्न इंडिगो प्रोजेक्ट का एक परिणाम है, जो 2006 में अलबामा में अपनी मूल भूमि में घटती प्रजातियों के लिए शुरू किया गया था। ये सांप बिषैला नहीं होता है, लेकिन ये बिषैले सापों को खाता है।
अमेरिका के सबसे लंबे सांपों में होती है इसकी गिनती
नया पाया गया सांप इस बात का सबूत है कि कार्यक्रम अपना काम कर रहा है। 2010 से 2020 तक इस परियोजना ने कोनकुह राष्ट्रीय वन में 170 कैप्टिव पूर्वी इंडिगो सांपों को छोड़े थे। गैर विषैले पूर्वी इंडिगो सांप दक्षिणी लंबी पत्ती वाले देवदार के जंगल का प्रतीक है। इन सापों की औसत लंबाई 7 से 9 फीट की होती है। यह अमेरिकी महाद्वीप का सबसे बड़ा देशी सांप होता है। यह एक स्वस्थ और संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पहले कई राज्यों में पाया जाता था ये सांप, लेकिन…
धीरे-धीरे कुनबा बढ़ा रहा है इंडिगो स्नेक
2006 में अलबामा संरक्षणवादियों की टीम ने राज्य में पूर्वी नील सांप को फिर से लाने के लिए एक परियोजना की शुरुआत की। बड़े पैमाने पर सांपो को पकड़ कर उनका प्रजनन शुरू कर दिया फिर 2010 में इन्हें कोनकुह राष्ट्रीय वन में छोड़ा गया। जिसके बाद अब ये सांप फिर से दिखने लगे हैं। जीवविज्ञानी जिम गॉडविन ने कहा कि इस सांप का मिलना संकेत है कि जिन सांपों को छोड़ा गया था वो अब जंगली सांपो की तरह रह रहे हैं और परिवार भी बढ़ा रहे हैं। वे धीरे धीरे अपना कुनबा बढ़ाने में सफल हो रहे हैं।