गुजरे जमाने के मशहूर एक्टर फारुक शेख अगर जिंदा होते तो 74 साल के हो जाते। 25 मार्च 1948 को गुजरात के वड़ोदरा जिले के अमरोली में पैदा हुए फारुक शेख ने करियर की शुरुआत 25 साल की उम्र में फिल्म ‘गरम हवा’ से की थी। 1973 में रिलीज हुई यह फिल्म हिट हुई थी। वैसे, बेहद कम लोगों को पता है कि अपनी पहली ही फिल्म में फारूक शेख ने मुफ्त में काम किया था। दरअसल, उन्हें एक्टिंग का ऐसा जुनून था कि फिल्म के लिए वो बिना पैसे काम करने को तैयार हो गए थे। हालांकि, बाद में कई साल बाद उन्हें उनका मेहनताना मिला था।
डायरेक्टर एमएस सथ्यू जब यह फिल्म बना रहे थे तो उन्हें उस वक्त ऐसे एक्टर की तलाश थी, जो बिना फीस के काम करने को तैयार हो जाए। जब यह बात फारुक शेख के कानों तक पहुंची तो वो फौरन फिल्म में काम करने के लिए राजी हो गए। हालांकि, बाद में फारुक शेख (Farooq Sheikh) को पांच साल बाद उनकी मेहनत के पैसे मिले थे। फारुख शेख की ये पहली कमाई महज 750 रुपए थी। इस फिल्म के बाद उन्होंने साल 1977 में ‘शतरंज के खिलाड़ी’, 1979 में ‘नूरी’, 1981 में ‘चश्मे बद्दूर’, 1983 में ‘किसी से न कहना’ में भी काम किया था।
दीप्ती नवल के साथ जमी जोड़ी :
फारुक शेख (Farooq Sheikh) की जोड़ी 80 के दशक में दीप्ती नवल के साथ हिट हुई। दोनों ने साथ में कई फिल्में कीं। इनमें चश्मे बद्दूर (1981), साथ-साथ (1982), किसी से न कहना (1983), कथा (1983), रंग-बिरंगी (1983) शामिल है। वैसे, इस जोड़ी की आखिरी फिल्म ‘लिसन अमाया’ 2013 में रिलीज हुई थी। इसी साल 28 दिसंबर को दुबई में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। बता दें कि फारुक शेख की पत्नी का नाम रूपा शेख है और उनके दो बच्चे हैं।
इस फिल्म में बने सलमान के बड़े भाई :
1988 में फारुक शेख (Farooq Sheikh) ने सलमान खान (Salman Khan) की डेब्यू फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ में उनके बड़े भाई का रोल निभाया था। हालांकि, 90 के दशक में उन्होंने फिल्में कम कर छोटे पर्दे का रुख कर लिया था। इस दौरान उन्होंने सोनी चैनल पर ‘चमत्कार’ और स्टार प्लस पर ‘जी मंत्रीजी’ जैसे सीरियल्स में काम किया। फारुक शेख को मशहूर टॉक शो ‘जीना इसी का नाम है’ के लिए भी जाना जाता है। फारुक शेख ने इसे अलग ही अंदाज में होस्ट किया, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। इस शो में फारुक शेख अलग-अलग फील्ड की मशूहर हस्तियों के इंटरव्यू लेते थे।