आज यानी 27 मार्च को वर्ल्ड थिएटर डे है। वैसे तो फिल्म और टीवी आज हर किसी की पकड़ में है और हर कोई इनका दीवाना है लेकिन थिएटर यानी रंगमंच की अपनी एक अलग पहचान है। रंगमंच के अपने अलग ही दर्शक है, जो आज भी इसे दिल से एन्जॉय करते हैं। आपको बता दें कि बॉलीवुड में ऐसे कई स्टार्स है, जिन्होंने रंगमंच से ही अपने करियर की शुरुआती की और बाद में इंडस्ट्री में अपना सिक्का जमाया। इतना ही नहीं आज भी ऐसे कई स्टार्स है जो रंगमंच से जुड़े है और वक्त-वक्त पर मंच पर अपनी प्रस्तुति देते रहते हैं। इनमें एक स्टार ऐसा भी जिसने थिएटर से सफर शुरू किया और देखते ही देखते ही वो बॉलीवुड का किंग बन गया। जी हां हम बात कर रहे शाहरुख खान की। शाहरुख फिल्मों में आने से पहले दिल्ली में थिएटर करते थे।
आपको बता दें कि रंगमंच को दुनियाभर में पहचान दिलाने के लिए 1961 में इंटरनेशन थिएटर इंस्टीट्यूट की नींव रखी गई थी। इसकी वजह थी कि रंगमंच को बढ़ावा देना और दुनियाभर में इसको पहचान दिलाना। आज भी दुनियाभर में रंगमंच खेला जा रहा है और लोग इसे बढ़े चाव से देखते भी है।
सीमा बिस्वास बेहतरीन स्टेज आर्टिस्ट है। वे आसामी थिएटर में काफी एक्टिव रही है। एनएसडी से पासआउट सीमा ने कई बेहतरीन नाटकों में भी काम किया है। उन्हें फिल्म बैंडिट क्वीन से इंडस्ट्री में पहचान मिली थी।
शाहरुख खान को आज बॉलीवुड का किंग या फिर बादशाह कहा जाता है। फिल्मों में आने से पहले उन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। वे थिएटर एक्शन ग्रुप के मेंबर थे। उन्होंने फिल्म दीवाना से डेब्यू किया था।
कम ही लोग जानते हैं कि कंगना रनोट अपना एक्टिंग का शौक पूरा करने घर से भाग गई थी और 16 साल की उम्र में दिल्ली आ गई थी। यहां उन्होंने मॉडलिंग के साथ थिएटर में भी काम किया। इंडिया हेबीटेट सेंटर में उन्होंने गौर थिएटर वर्कशॉप में काम किया था। कंगना ने वो लम्हे से इंडस्ट्री में कदम रखा था।
शाहिद कपूर के पापा पंकज कपूर एक बेहतरीन रंगमंच कलाकार रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली एनएसडी से पढ़ाई करने के बाद 4 साल तक थिएटर किया और फिर फिल्मों में कदम रखा। उन्होंने फिल्म गांधी से फिल्मी करियर की शुरुआत की थी।
शबाना आजमी भी थिएटर में अपना दम दिखा चुकी है। उन्होंने जितना नाम फिल्मो में कमाया उतना ही नहीं रंगमंच पर भी कमाया। उन्होंने सेफ्ड कुंडली, तुम्हारी अमृता और ए डॉल हाउस जैसी नाटकों में काम किया है। शबाना ने फिल्म अंकुर के जरिए इंडस्ट्री में कदम रखा था।
अपने हटके किरदारों के लिए पहचाने जाने वाले मनोज बायपेजी का बचपन से ही सपना था कि वे वे बड़े स्टार बने। इस सपने को पूरा करने उन्होंने एनएसडी में एडमिशन लेने की कोशिश की लेकन वे हर रिजेक्ट हो गए। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और दिल्ली में ही रहकर बौरी जॉन के साथ थिएटर किया। उन्होंने फिल्म द्रोहकाल से इंडस्ट्री में कदम रखा।