टेलीविजन पर ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ की कथाओं पर बने धारावाहिकों की जय जयकार होने से पहले बड़े परदे पर लंबे अरसे तक धार्मिक फिल्मों का बोलबाला रहा है लेकिन, जैसी कामयाबी फिल्म ‘जय संतोषी मां’ ने हिंदी सिनेमा में पाई, वैसी न उसके पहले किसी हिंदी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर मिली और न ही उसके बाद में। 1970 से लेकर 1979 के बीच रिलीज हुई हिंदी फिल्मों में फिल्म ‘जय संतोषी मां’ कमाई के मामले में आठवें नंबर पर रही। सिर्फ साल 1975 की बात करें, जिस साल ये फिल्म रिलीज हुई थी तो उस साल ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में रही थी नंबर दो पर।
‘जय संतोषी मां’ फिल्म ने भले ही सक्सेस की नई इबारत लिखी हो लेकिन इस फिल्म को बनाने में शामिल रहे लोगों का जीवन दुखों से भरा हुआ रहा। फिल्म ‘जय संतोषी मां’ में संतोषी मां का रोल अनीता गुहा ने किया था।
तीन बार निभाया सीता मैया का रोल
अनीता गुहा ने 1950 में तांगावाली फिल्म के साथ बॉलीवुड में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। 1959 में आयी फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ के लिए उनको फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए नामित किया गया था। इसके बाद उन्होंने कई पौराणिक कहानियों पर आधारित फिल्मों में काम किया। उन्होंने तीन फिल्मों में सीता मैया का रोल निभाया। अनीता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘संतोषी मां’ फिल्म के बाद लोग मेरे पास आकर कहते थे कि वो उनके सिर पर हाथ रख आशीर्वाद दें। लोग उन्हें देवी की तरह पूजने लगे थे।
शरीर पर पड़ गए थे सफेद धब्बे
फिल्म में संतोषी माता बनीं अनीता गुहा की निजी जिंदगी दुखों से भरी हुई रही। कभी अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर अनीता को करियर की ढलान के दौरान सफेद दाग की गंभीर बीमारी हुई। इसके चलते वह घर से बाहर कम ही निकलती थीं। इनको छिपाने के लिए वह अक्सर हैवी मेकअप में रहती थीं।
यूं तो माणिक दत्ता के साथ अनीता गुहा की शादीशुदा जिंदगी अच्छी थी लेकिन असल जिंदगी में वह मां बनने से वंचित रह गईं। इस बात का दुख उन्हें जीवन भर रहा। पति माणिक दत्त का असामयिक निधन होने के बाद वह बहुत ही गुमनाम सी जिंदगी जीते हुए 20 जून 2007 को 68 साल की उम्र में दुनिया छोड़ गईं। उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई थी।