दिग्गज अभिनेत्री सुरेखा सीकरी की आज बर्थ एनिवर्सरी है. अपने करियर में उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया, लेकिन पहचान उन्हें टीवी शो ‘बालिका वधू’ में दादी सा यानी कल्याणी देवी के किरदार ने दिलाई.
19 अप्रैल 1945 को जन्मी सुरेखा सीकरी का बचपन अमरोहा और नैनीताल में गुजरा था. सुरेखा के पिता एयरफोर्स में थे और उनकी मां टीचर थीं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ग्रैजुएशन किया.
किस्सा कुस्सी का से शुरू किया अभिनय
सुरेखा सीकरी ने 1978 में रिलीज हुई फिल्म ‘किस्सा कुर्सी’ का से अपना अभिनय करियर शुरू किया. उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों में भी काम किया, जिसमें उनके अभिनय को काफी सराहा गया. लेकिन क्या आप जानते हैं वह कभी अभिनय में करियर नहीं बनाना चाहती थीं. वह तो पत्रकार बनने की ख्वाहिश रखती थीं.सुरेखा सीकरी ने छोटे पर्दे पर यादगार काम किया. वह 90 के दशक से लेकर अपने आखिर दिनों तक छोटे पर्दे पर छाई रहीं. वह किसी भी किरदार को इतनी संजीदगी से निभाती थीं कि वह किरदार उनमें ही रच बस जाता था. उन्होंने सामानांतर सिनेमा में भी काम किया.
तीन बार मिला नेशनल अवॉर्ड
उन्हें 1989 के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सुरेखा सीकरी ने 1988 में आई तमस, 1995 में आई फिल्म मम्मो और 2018 में आई बधाई हो जैसी फिल्मों में सहायक अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था. बधाई हो के लिए जब उन्हें नेशनल अवॉर्ड दिया जाना था उस वक्त वह ब्रेन स्ट्रोक का इलाज करवा रही थीं.
बावजूद इसके वह यह सम्मान लेने व्हील चेयर पर बैठकर आई थीं. उन्हें उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू के हाथों सम्मान मिला था. शारीरिक रूप से अशक्त होने के बाद भी उन्होंने जितनी गर्म जोशी से यह सम्मान लिया, उसे देखकर वहां मौजूद लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाई थीं. सुरेखा सीकरी का 2021 में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया था.