बॉलीवुड की वो फिल्में जिसमें ईद के चांद का हुआ दीदार

Ranjana Pandey
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फिल्म इंडस्ट्री में त्योहारों में फिल्मों का रिलीज होना जितना खास होता है, उतना ही खास होता है फिल्मों में त्योहारों का होना. बॉलीवुड में तमाम ऐसी फिल्में बनी हैं जिसमें त्योहारों का जिक्र कहीं ना कहीं जरूर होता है. चाहें वो दिवाली हो या होली या फिर ईद. कई सारी बॉलीवुड फिल्में ऐसी हैं जिनमें ईद का जिक्र मिलता है. हम बता रहे हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में.

1- पाकीजा- बॉलीवुड इंडस्ट्री में पाकीजा फिल्म एक खास जगह रखती है. फिल्म में मीना कुमारी ने नरगिस का रोल प्ले किया था जो एक तवायफ रहती है. फिल्म में ये दिखाने की कोशिश की गई थी कि एक तवायफ की नजरों से चीजें कैसी होती हैं. उसके लिए समाज के क्या मायने हैं त्योहारों के क्या मायने हैं, प्यार के क्या मायने हैं. वो समाज में किस तरह से रहती हैं और मोहब्बत की राहों में कांटों भरे रस्तों पर चलती है.

2- मकबूल– मकबूल फिल्म में पंकज कपूर, ओम पुरी, नसीरुद्दीन शाह, इरफान खान, पीयूष मिश्रा और तबू जैसे कलाकार शामिल थे. फिल्म में ईद का त्योहार मनाया जाता है और एक माफिया परिवार में भी कितने प्यार से त्योहार मनाने का रिवाज है. किस तरह से पंडित और मुल्ला दोनों ही इंसानियत की गरिमा बनाए रखते हैं और त्योहार का लुफ्त साथ में उठाते हैं.

3- कभी खुशी कभी गम- फिल्म में शाहरुख खान एक बड़े खानदान से होते हैं. उन्हें कस्बे में रहने वाली एक मुसलमान परिवार की लड़की से प्यार हो जाता है. ये प्वाइंट फिल्म का केंद्रबिंदू रहता है और इस पर फिल्म का ताना बाना बुना जाता है. फिल्म में बधाइयों का सिलसिला दिखाय़ा गया है और ईद का सेलिब्रेशन भी, जिससे अपने आप ही चहरे पर मुस्कान आ जाती है.

4- गुलाम-ए-मुस्तफा- इस फिल्म में नाना पाटेकर ने एक बेहद सच्चे मुसलमान का रोल प्ले किया था. फिल्म में उनके अभिनय की खूब सराहना हुई थी. किस तरह से वे दूसरी कौम के होने के बावजूद भी एक गरीब मराठी परिवार की रक्षा करते हैं. ये अपने आप में ही इंसानी तौर पर एक बहुत ही गहरी बात है. फिल्म में नमाज पढ़ने वाले सच्चे मुसलमान के रूप में नाना का किरदार देखते ही बनता था.

5- सनम बेवफा- सलमान खान की ये फिल्म एक लव स्टोरी थी. इसमें दो परिवार के आपसी अनबन और दो दिलों के सच्चे प्यार की कहानी थी. लड़ाई झगड़ों के बगैर प्यार की भाषा समाज में एक खास कीमत रखती है. परिवार से लड़कर कैसे दो प्यार करने वालों की जीत होती है ये फिल्म में देखने लायक है.

 

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