MP में हुई एक अनोखी शादी एक दूल्हे ने की 3 दुल्हनों से शादी – देखे वीडियो

Shilpi Soni
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दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें शादी करने के लिए कोई लड़की नहीं मिल रही है लेकिन मध्य प्रदेश में एक शख्स ने एक साथ 3 प्रेमिकाओं संग शादी कर सबको चौंका दिया। इतना ही नहीं इस शादी में शख्स के 6 बच्चे भी शामिल हुए। सभी ने पापा की शादी में जमकर नाच गाना किया। शख्स इन 3 प्रेमिकाओं संग पिछले 15 सालों से लीव इन में भी रह रहा था। तो चलिए इस अजब प्रेम की गजब कहानी को विस्तार से जानते हैं।

शख्स ने 3 प्रेमिकाओं संग लिए 7 फेरे

यह अनोखा मामला मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले का है। यहां एक आदिवासी समुदाय के शख्स ने 3 प्रेमिकाओं संग शादी रचा ली। ये शादी आदिवासी रीति-रिवाज से सम्पन्न हुई। दूल्हे का नाम समरथ मौर्या है, जो कि नानपुर इलाके पूर्व सरपंच भी रह चुका है। हैरत की बात ये थी कि इस शादी में उसके इन तीनों प्रेमिकाओं से हुए 6 बच्चे भी शामिल थे। वे सभी अपने मम्मी-पापा और सौतेली मम्मियों की शादी से बड़े खुश हैं।

बता दे की यह शादी बड़ी ही धूमधाम से सम्पन कराई गयी। बाकायदा शादी का कार्ड छपवाया गया और कार्ड में दूल्हे के साथ उसकी 3 दुल्हनों के नाम भी लिखवाए गए साथ ही शादी में शामिल होने के लिए पूरे गांव को न्योता दिया गया। सभी ने इस शादी में खूब एन्जॉय किया। खासकर शख्स के 6 बच्चे इस शादी में खूब नाचे।

समाज और कानून देता है छूट

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर बंदे ने एक साथ 3 महिलाओं से शादी कैसे कर ली? दरअसल, आदिवासी भिलाला समुदाय में ऐसा होना आम बात है। यहां शादी के पूर्व लिव-इन में रहना या बच्चे पैदा करना कोई बड़ी बात नहीं है। वहीं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 के अनुसार आदिवासी रीति-रिवाज एवं विशिष्ट सामाजिक परंपराओं के सरंक्षण के तहत ऐसा किया जा सकता है। इसलिए समरथ मौर्या की एक साथ 3 दुल्हनों से शादी गैर-कानूनी नहीं कहलाएगी।

दूल्हे समरथ मौर्या का कहना है कि’ वह इन 3 दुल्हनों संग करीब 15 साल से लीव इन में रह रहा था। उसे हर एक प्रेमिका से दो बच्चे भी हैं। वह इन सभी प्रेमिकाओं को बारी-बारी से भगाकर लाया था। हालांकि तब वह गरीब था इसलिए शादी नहीं कर पाया था। इसलिए इतने सालों तक लीव इन में ही रहता रहा। वह तीनों प्रेमिकाओं के साथ पत्नी की तरह रह रहा था।’

दूल्हे समरथ ने ये भी बताया कि ‘आदिवासी भिलाला समुदाय भले लिव-इन में रहने और बच्चे पैदा करने की आजादी देता हो, लेकिन यदि विधि-विधान से शादी न हो तो समाज के लोग मांगलिक कार्यों में दूल्हा दुल्हन को शामिल नहीं होने देते हैं। इसलिए एक वजह ये भी थी कि उसने 15 साल बाद शादी कर ली ताकि अब वह और उसकी तीनों पत्नियां मांगलिक कार्यों में शामिल हो सके।’

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