इस शिव मंदिर की सुरक्षा करता है एक मेंढ़क, दिन में शिवलिंग बदलता है रंग

Deepak Pandey
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भारत ही नहीं दुनियाभर में तमाम मंदिर मौजूद हैजिनके बारे में अक्सर चमत्कार की बातें कही जाती हैंइन्हीं में से एक मंदिर है मेंढ़क मंदिरये मंदिर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के ओयल कस्बे में स्थित हैइस मंदिर के बारे में सबसे खास बात ये है कि इस मंदिर की सुरक्षा एक मेंढ़क करता हैये मंदिर भगवान शिव का मंदिर है.

इस शिव मंदिर की मेंढ़क द्वारा रखवाली करने की वजह से ही इसे मेंढ़क मंदिर कहा जाता हैबता दें कि ये काफी प्राचीन मंदिर है . 11 वीं शताब्दी से इस मंदिर की रखवाली की जिम्मेदारी चाहमान शासकों की थीबता दें कि इस मंदिर का निर्माण मंडूक यंत्र के आधार पर किया गया हैजिसका निर्माण चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने करवाया थाइसे तंत्र विद्या के आधार पर बनाया गया था.

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस मंदिर में भगवान शिव एक बरसाती मेढ़क की पीठ पर विराजमान है और मेढ़क उनकी रखवाली कर रहा हैबता दें कि ये भारत में एकलौता मंदिर है जहां शिव की रक्षा एक मेढ़़क करता हैआचार्यों के अनुसार इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करता है भगवान शिव उसकी कामना जरूर पूरी करते हैंइस मंदिर के चमत्कारों के किस्से बहुत प्रसिद्ध हैइसीलिए इस मंदिर में दीपावली के दिन विशेष पूजाअर्चना की जाती है.

इस मंदिर के बारे में एक अनोखी बात ये कही जाती है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन में कई बार अपना रंग बदलता हैइस शिवलिंग को नर्मदेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता हैइस मंदिर को बनाने में संगमरमर का इस्तेमाल किया गया हैइस मंदिर नंदी की मूर्ति खड़ी अवस्था में है.

इस मंदिर का निर्माण तंत्रशास्त्र के अनुसार किया गया है इसलिए इसकी छत्र भी इसी पर आधारित थाबताया जाता है कि ये छत्र सूर्य की रौशनी के साथ घूमता थाहालांकि सही रखरखाव न होने की वजह से अब ये खराब हो गयाये मंदिर इतना सिद्ध है कि यहां कई तांत्रिक साधना के लिए भी आते हैंएकांत में होने के चलते इस मंदिर में की गई आराधना का विशेष महत्व होता है.

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