छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद नवंबर 2019 में भूपेश सरकार ने केंद्र की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर हीरे और सोने की खोज का अभियान शुरू किया। हाल ही में बलौदबाजार जिले के बारनवापारा अभयारण्य से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई।
दरअसल, बाघमारा (सोनाखान) क्षेत्र में सोने का भण्डार मिला है। सूत्रों की माने तो कुल 2700 किलोग्राम सोने के भंडार यहां से प्राप्त हुए है। बता दें केंद्र सरकार ने 2016 में नीलामी के बाद इस खदान को वेदांता समूह को दिया था। कंपनी ने पहले भी सर्वेक्षण की कोशिश की थी लेकिन उस समय भी इसका विरोध हुआ था। फिलहाल यहाँ खनन पर रोक लगा दी गई है।
इन जिलों में मिल सकते हैं हीरा और सोना
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद, महासमुंद और बस्तर जिले में पहले ही हीरे और सोने की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। इसके बाद नवंबर 2019 में भूपेश सरकार ने केंद्र की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में चारो जगह हीरे और सोने की खोज का अभियान शुरू किया। छत्तीसगढ़ की भूवैज्ञानिक संरचना के अनुसार यहाँ हीरा व सोना मिश्र धातु के रूप में पाया जाता है। इसके अलावा इन इलाकों में सिल्वर और कॉपर की भी अच्छी मात्रा में मिलने की आशंका है।
बड़े क्षेत्रफल में सोने की खान के आसार
जीएसआई द्वारा किये गए अध्ययन के मुताबिक महासमुंद जिले के बसना, चंद्रखुरी, बड़ा डोंगरी और जमनीडीह, शिशुपाल पहाड़ी क्षेत्र के लिमऊगुड़ा, जम्हारी, मल्दा, माल, साजापाली और कांदाडोंगरी, रूपाली धाम अंदुकुरी, चपिया गांव के नीचे सोना होने की संभावना है।
बता दे की बलौदबाजार जिले के बारनवापारा अभयारण्य में फिलहाल एक शिकायत के बाद सोने के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी गई है और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए खनिज और वन विभाग को पांच सदस्यीय कमेटी बनाने का निर्देश दिया गया है। यह समिति सर्वेक्षण से होने वाले नुकसान को लेकर तीन माह के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। इस मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त को होनी है।
दरअसल, पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए आरटीआई कार्यकर्ता संजीव अग्रवाल ने सूचना के अधिकार के तहत निकाले गए दस्तावेजों के आधार पर इसकी शिकायत एनजीटी से की थी। उन्होंने बताया कि ‘सोने के लिए जिस स्थान पर सर्वेक्षण का काम चल रहा है, वह घना जंगल है और वहां बहुत से वन प्राणियों का निवास स्थान भी है। सर्वेक्षण से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा।’
वहीं दूसरी तरफ भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जीएसआई को छत्तीसगढ़ समेत देश के चार राज्यों में हीरे के नए भंडार के संकेत मिले है। जिन स्थानों पर हीरे के प्रमाण मिले हैं उसमें छत्तीसगढ़ का रायगढ़ ज़िला शामिल है। वहां टेस्टिंग की जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर यह भी पता लगाया जाएगा की व्यावसायिक उत्खनन के लिए खदान उपयुक्त है या नहीं। इसके बाद खनन की प्रक्रिया शुरू होगी।
जीएसआई द्वारा उर्दना, तारापुर, जैमुरा, कोड़ातराई, रेंगाली, देवलसुरा, तेतला व आसपास के क्षेत्रों में किए गए सर्वे में हवाई सर्वे के आलावा मैग्नेटिक सर्वे भी किया गया था जिसमें हीरे के मौजूदगी की जानकारी मिली है।
देश के कुल हीरा भंडार का 28% प्रदेश में होने की संभावना
खनिज विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल हीरा भंडार का 28.26% हिस्सा छत्तीसगढ़ के भूगर्भ में है। भारत में कुल 46 लाख कैरेट हीरा भंडार होने की संभावना है, जबकि अकेले छत्तीसगढ़ में लगभग 13 लाख कैरेट हीरों के दबे होने का अनुमान है।