सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप
पेपफ्यूल डॉट काॅम (Pepfuel.com)सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप है। पेपफ्यूल्स का इंडियन ऑयल के साथ थर्ड पार्टी एग्रीमेंट है। यह डोर-टू-डोर डिलीवरी के लिए है। इस ऐप पर ग्राहक ऑनलाइन या मैसेज के जरिए ऑर्डर कर सकते हैं। नोएडा के टिकेन्द्र, प्रतीक और संदीप तीनों ने मिलकर इसे स्टार्ट किया है। कारोबार शुरू के कुछ सालों बाद की इनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ के आसपास पहुंच गया।जानें, कैसे शुरू किया कारोबार
स्टार्टअप के फाउंडर टिकेन्द्र बताते हैं कि ‘इस पर काफी रिसर्च किया, घर-घर जाकर लोगों से बात की और ऑनलाइन फीडबैक लिया। फीडबैक में बता चला हर दूसरे आदमी ने यही कहा कि पेट्रोल-डीजल के लिए ऑनलाइन ऐप होना चाहिए हालांकि पेट्रोल-डीजल की ऑनलाइन डिलीवरी का कारोबार शुरू करना काफी रिस्की है। 2016 तक देश में पेट्रोल डिलीवरी की परमिशन नहीं थी। हाल ही में सरकार ने इसकी इजाजत दी है।’
बढ़ रहा है ट्रेंड
दो पहिया वाहन पर चलने वाले लोग कई बार इस तरह की परेशानी का सामना करना करते हैं कि उनका पेट्रोल अचानक खत्म हो गया है। अगर आप किसी सुनसान रास्ते पर हैं और वहां आस पास कोई पेट्रोल पंप नहीं है तो ऐसे मुश्किल वक्त में पेट्रोल की होम डिलीवरी करने वाले ऐप से आपको काफी मदद मिल सकती है। इसके साथ ही बहुत से लोग पेट्रोल पंप पर जाकर लाइन लगाना नहीं चाहते, वह भी अपने घर पर कार या अन्य वाहन के लिए पेट्रोल-डीजल की होम डिलीवरी करवाते हैं।तेल कंपनियां देंगी इजाजत
अगर आप भी पेट्रोल-डीजल की होम डिलीवरी का कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पहले ऑयल कंपनियों से कांटेक्ट करना होगा। ऑयल कंपनियां आपके प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगती हैं। अगर आपके डीपीआर कंपनियों को पसंद आए तो आपको पेट्रोल-डीजल की होम डिलीवरी करने की इजाजत मिल जाती है। इसके लिए हालांकि न्यूनतम मात्रा तय है, कोई भी ग्राहक उस मात्रा से कम पेट्रोल-डीजल नहीं मंगा सकता।
कंपनी के एक अन्य फाउंडर संदीप बताते हैं, ‘हमने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (BPCL), पेट्रोलियम प्रोसेस इंजीनियरिंग सर्विस को. (PESCO) जैसी तेल कंपनियों को अपना-अपना सुझाव भेजा। साथ ही हमने अपने-अपने स्टार्टअप का आइडिया PMO को भी भेजा था। कुछ दिनों बाद ही हमें PMO से जवाब आ गया था। दूसरी, तरफ फरीदाबाद स्थित इंडियन ऑयल की तरफ से भी हमें हमारे कारोबार का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी DPR सौंपने को कहा गया।’ वे कहते हैं, हमने अपने प्रोजेक्ट की DPR इंडियन ऑयल को भेजी। अप्रूवल मिलने के बाद हमने अपना कारोबार शुरू कर दिया।
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