जिन लोगों को अपना आशियाना बनाना है या कहीं भी निर्माण करना है वह आप थोड़ी सी राहत महसूस कर रहे हैं. क्योंकि भवन निर्माण में लगने वाली सामग्री थोड़ी सी सस्ती नजर आ रही है! एक समय पर सरिया के दाम भी काफी बढ़ गए थे. दूसरी तरफ सीमेंट के भाव भी आसमान छू रहे थे. मगर जैसे ही तेल की कीमतें कम हुई सीमेंट की कीमतें भी कम हो रही है.
हालांकि अभी भी आम आदमी के लिए इस कीमत में सीमेंट खरीद पाना काफी मुश्किल है. मगर फिर भी लोग राहत महसूस कर रहे हैं. दूसरा सरिया के भाव एक समय पर 8400 प्रति क्विंटल तक चले गए थे. मगर सरिया के भाव में भी नरमी देखी जा रही है. सरिए का भाव ₹6000 प्रति क्विंटल तक आ गया है. लगभग अब सभी राज्यों में सरिया 7000 से नीचे वापस आ गया है. इस महीने सरिये में और भी मंदी देखी जा सकती है. इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. अब गर्मी की वजह से मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. इसलिए यह निर्माण के कार्य बंद है. सप्लाई अधिक और मांग कम होने की वजह से ही सरिया टूट रहा है.
अब बात करते हैं ईट के रेट्स की. ईंट में क्या खेल हो रहा है. घर के निर्माण में ईंट भी बहुत ज्यादा प्रयोग होती है. पिछले कुछ समय से ईंट के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं. अब ऐसे में लोग सस्ते खरीदना जरूर चाहते हैं. भट्ठा मालिकों के लिए अब समस्या यह बन गई है कि अगर वह सही से सही मिट्टी से ईटों का निर्माण करते हैं तो उनका खर्चे ज्यादा आता है. सरकार ने भी कुछ इस प्रकार के नियम समय समय पर बनाए हैं. जिससे भट्ठा मालिकों की परेशानियां बढ़ी है. और ईटों के दाम लगातार बढ़ते चले गए.
ईंटों को बनाने में अब 20% तक नमक का प्रयोग किया जाता है. जिससे ईटों की क्वालिटी खराब हो जाती है. आमतौर पर देखा जाता है कि घरों में सीलन की समस्याएं बहुत ज्यादा बढ़ गई है. यह सब इन्हीं ईटों की वजह से ही बताया जा रहा है. क्योंकि ईटों में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है . अब यूपी से भी आसपास से सस्ती ईंट सप्लाई की जाती है. ऐसा माना जाता है कि उन ईटों की क्वालिटी और भी खराब होती है. इसलिए वह सस्ती मिल रही है.