भारत में शुरू होने वाला है हाइपरलूप ट्रेन का निर्माण, पलक झपकते ही पहुंच जाएंगे कश्मीर से कन्याकुमारी

Ranjana Pandey
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देश में फासटेस्ट ट्रेनों को चलाने का काम तेजी से चल रहा है। रेल मंत्रालय भी तीज परिवहन को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रहा है। जब भी हाई स्पीड ट्रेन की बात आती है तो हवाई जहाज़ या बुलेट ट्रेन का नाम ही दिमाग में आता है लेकिन हाइपरलूप ट्रेन भी इसमें शामिल है। हाइपरलूप ट्रेन बेहद ही खास होती है। इस ट्रेन की स्पीड भी काफी ज्यादा होती है।

भारत में ही बनेगी हाइपरलूप ट्रेन

देशभर में अब हाइपरलूप ट्रेन को लाने की कवायद भी तेज हो गई है। वहीं अब देश में ही हाइपरलूप ट्रेन को बनाए जाने का काम चल रहा है। सरकार का उद्देश्य भी इस ट्रेन को बनाने के बाद यात्रियों को हाई स्पीड ट्रेन देने का है ताकि कम समय में लंबी दूरी को तय किया जा सके। स्वदेशी तरीके से ही अब हाइपरलूप ट्रेन को तैयार करने पर रिसर्च भी शुरू हो चुका है।

देश में तैयार की जाएगी हाइपरलूप ट्रेन

जानकारी के अनुसार हाइपरलूप ट्रेन की स्पीड काफी ज्यादा होती है। इस ट्रेन की स्पीड 1000-1300 किमी प्रति घंटे की होती है इसका मतलब इस ट्रेन से मात्र 2 घंटे के अंदर ही कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर भी तय किया जा सकता है। ये बेहद ही आधुनिक तकनीक पर आधारित होती है। लेकिन इस ट्रेन को देश में ही बनाने पर अब काम शुरू कर दिया गया है। आईआईटी मद्रास को इस हाइपरलूप ट्रेन पर रिसर्च करने का काम भी सौंपा गया है।

इस हाइपरलूप तकनीक पर रिसर्च करने के लिए आईआईटी मद्रास में ही एकसीलेंस सेंटर स्थापित किया जाने वाला है। आईआईटी मद्रास के छात्रों की टीम पिछले कुछ सालों से इसी तकनीक पर काम भी कर रही है। इसलिए अब इस विषय पर रिसर्च को आगे बढ़ाया जाने वाला है। इस तकनीक पर काम करने के लिए आईआईटी मद्रास की टीम भी कई प्रतियोगिताओं में इनाम हासिल कर चुकी है।

आईआईटी में ही तैयार हो रहा है हाइपरलूप वैक्यूम ट्यूब

आईआईटी परिसर में ही अब हाइपरलूप वैक्यूम ट्यूब को तैयार किया जाने वाला है। जानकारी के अनुसार इस तकनीक पर कई देशों में काम चल रहा है। वहीं अब भारत ने भी इस तकनीक पर शोध शुरू किया है। ये ट्रेन मैगनेटिक पावर के जरिये ही चलती है। हालांकि इस तकनीक का कोंसेप्ट एलन मस्क ने ही लाया था।

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