आज भारत के गाँव कस्बों में भी टॉयलेट का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्वच्छता और स्वस्थ्य की दृष्टि से बहुत ही अहम है। जहाँ एक तरफ इंडियन टॉयलेट को इस्तेमाल हाइजिनिक होता है, वहीं बुजुर्गों के लिए इसे यूज करना बहुत ही मुश्किल काम हो जाता है।
दरअसल बुजुर्गों के लिए इंडियन टॉयलेट में ज्यादा देर तक घुटने मोड़कर बैठना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, क्योंकि बुढ़ापे में हड्डियाँ कमजोर में जाती है। ऐसे में सत्यजीत मित्तल (Satyajit Mittal) ने बुजुर्गों की इस समस्या हो समाधान करते हुए SquatEase नामक स्मार्ट टॉयलेट को इजाद किया है।