जानिए विप्रो में नौकरी छोड़ यूट्यूब से करोड़ो रुपए कमाने वाले अरुण कुशवाहा के बारे में

Shilpi Soni
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छोटे मियां के नाम से मशहूर अरुण कुशवाहा (Arun Kushwah) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अपने शानदार कॉमिक टाइमिंग, सटीक कंटेंट चयन, प्रभावशाली अभिनय और लाजवाब सेंस ऑफ ह्यूमर से उन्होंने लाखों-करोड़ों लोगों को हंसाया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर इनके लाखों फॉलोअर्स हैं और आए दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके वीडियो वायरल होते रहते है।

इतना ही नहीं अब अरुण फिल्मों में भी काम करने लगे हैं। इन्होंने बड़े-बड़े फिल्मी सितारों के साथ स्क्रीन शेयर किया है। आज भले ही अरुण कामयाबी के मुकाम पर हों, लेकिन क्या आप जानते हैं कभी इन्होंने मोबाइल और लैपटॉप पर छोटे-मोटे वीडियो बनाने से शुरुआत की थी।

अरुण कुशवाहा उर्फ छोटे मियां बायोग्राफी

अरुण कुशवाहा का जन्म 29 नवंबर 1990 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक मध्यम वर्गीय कुशवाहा परिवार में हुआ था। इनके परिवार में माता-पिता के अलावा एक बड़ा भाई और एक बड़ी बहन हैं। परिवार में सबसे छोटा होने के कारण इन्हें लाड़ प्यार से पाला गया और घर में इन्हें ‘श्यामू’ के नाम से पुकारा जाता है। बचपन से ही अरुण को कंप्यूटर से लगाव था और वीडियो एडिटिंग का काफी शौक था। अरुण अक्सर  किसी के जन्मदिन पर फोटो संकलन करके वीडियो बना दिया करते थे, जिसे लोग काफी पसंद किया करते थे।

इनकी स्कूली शिक्षा इनके होमटाउन में हीं हुई, 12वीं पास करने के बाद उन्होंने ग्वालियर में ही बीसीए (BCA) में एडमिशन लिया लेकिन भाग्य इनके लिए कुछ अलग प्लान बना रहा था। अभी अरुण ने बीसीए की पढ़ाई शुरू ही की थी कि उनके एक मित्र ने उन्हें दिल्ली में स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के बारे में बताया।

अरुण के दोस्त ने उन्हें बताया कि जेएनयू एक वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी है, प्रवेश परीक्षा कठिन होने के कारण यहां सभी का एडमिशन भी नहीं हो पाता, साथ में इसकी फ़ीस भी कम है। इन सब बातों से अरुण काफी प्रभावित हुए और उन्होंने जेएनयू एंट्रेंस एग्जाम देने का फैसला किया, जहां उनका रशियन भाषा में स्नातक कोर्स के लिए चयन हो गया। दिल्ली जैसा बड़ा शहर, जेएनयू का अनुकूल और सकारात्मक माहौल ने उनको ना केवल अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका दिया बल्कि उनके सपनों को पंख देने का काम भी किया।

बैंक पीओ एग्जाम में हुए फेल

अरुण के अनुसार, रशियन भाषा में ग्रेजुएशन करना उनके लिए कठिन था इसीलिए उन्होंने आगे रशियन भाषा से MA करने का विचार त्याग दिया। जैसा कि भारत के आम मध्यमवर्गीय परिवारों में सरकारी नौकरी के लिए क्रेज होता है, उनके साथ भी ऐसा ही हुआ। अरुण ने सोचा क्यों ना सरकारी नौकरी की तैयारी की जाए और उन्होंने घर पर रहकर 6 महीने तक सरकारी नौकरी की तैयारी की। एसबीआई बैंक पीओ का एग्जाम दिया, लेकिन फेल हो गए।

बैंक पीओ एग्जाम में असफलता के बाद अरुण के जीवन में कन्फ्यूजन का एक दौर शुरू हो गया। वह डायरेक्शन में जाना चाहते थे, लेकिन कोई रास्ता सूझ नहीं रहा था। जिसके बाद उन्होंने जॉब करने की सोची ताकि कुछ पैसा मिले जिससे लैपटॉप और कैमरा जैसे उपकरण खरीद सकें।

आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे की उनकी पहले जॉब विप्रो में लगी थी और पहली सैलरी से मिले पैसे से उन्होंने लैपटॉप खरीदा, वह भी एप्पल का… दूसरे महीने की सैलरी से उन्होंने DSLR कैमरा खरीदा और वीडियो बनाना शुरू किया। जब अरुण ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो डालना शुरू किया तो उनके फॉलोअर्स बढ़ने लगे और लोग कमेंट करके उनकी हौसला अफजाई करने लगे।

TVF ने अरुण को दिया जरूरी प्लेटफॉर्म दिया

अरुण को तलाश थी एक ऐसे मंच और मौके की जहां वह अपनी प्रतिभा को दुनिया को दिखा सकें और यह प्लेटफार्म उन्हें शीघ्र ही TVF के रूप में मिला। जहां अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर उन्होंने बेहद कम समय में नाम, पैसा और शोहरत कमा कर लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए।

भले ही अरुण आज सफलता के शिखर पर हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें संघर्ष के कठिन दौर से गुजरना पड़ा है। कम हाइट होने के कारण लोग अक्सर उनका मज़ाक उडाता करते थे और तंग किया करते थे। इससे उनका विश्वास डगमगा जाता था और वह डिप्रैस से हो जाते थे। इन सब बाधाओं को पार करने में अरुण का सरल-सहज व्यक्तित्व और पॉजिटिव एटीट्यूड बहुत काम आया।

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