Delhi Liquor Shops Closed:दिल्ली सरकार (Delhi Government) द्वारा आबकारी नीति 2021-22 के तहत 849 शराब दुकान लाइसेंस जारी किए गए थे। दिल्ली में बड़े पैमाने पर शराब की दुकानों पर ताले लगने के बाद अब आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इन दिनों शहर में शराब की 639 दुकानें (Wine Shops) ही स्थायी हैं।
Liquor Shops Closed in Delhi: दिल्ली में रहने वाले शराब के शौकीनों के लिए बहुत बुरी खबर हैं। कुछ ही दिनों में कई इलाकों में धीरे धीरे कर शराब की करीब 200 दुकानें पर ताले लग चुके हैं। इन दुकानों के मालिकों का कहना है कि कारोबार नहीं चलने के कारण और नई आबकारी नीति व्यवस्था के कारण उन्हें अपनी दुकानों को बंद (Delhi Wine Shop Update) कर देने का फैसला लेना पड़ा है।
‘शराब की 200 दुकानों पर लगे ताले’
मेट्रो सिटी कहलाने वाली दिल्ली में इस प्रकार बड़े पैमाने पर शराब की दुकानों के शटर डाउन होने से हर कोई हैरान हो चुका है। यह कहा जाता है कि शराब के व्यवसाय में बहुत ज्यादा आमदनी नहीं हो रही है। इसलिए सभी लिकर शॉप (Liquor Shops) का लाइसेंस लेने के लिए बहुत से लोग अपनी किस्मत भी आजमाते रहते हैं। दुसरी और इस मिथ से इतर इतनी बड़ी संख्या में दुकानें बंद होने की वजह शराब की इन दुकानों में हुए वित्तीय नुकसान बताया गया है।
जानें क्या है अधिकारिक आंकड़ा?
पिछले साल ही दिल्ली सरकार ने अपनी आबकारी नीति 2021-22 के तहत 849 शराब की दुकानों को लाइसेंस मुहैया किए थे। लेकिन इस साल मई महीने के आखिरी तक यहां से सिर्फ 639 दुकानें ही खुली हुई मौजूद है। आबकारी विभाग द्वारा अपनी वेबसाइट पर साझा किए गए खुदरा शराब की दुकानों की नई सूची के अनुसार, जून महीने के शुरुआती दिनों में ही यह आंकड़ा घटकर 464 पर अटक गया था।
आबकारी विभाग के एक अधिकारी के अनुसार आबकारी नीति 2021 को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था लेकिन 32 में से 9 क्षेत्रों में लाइसेंसधारियों ने कुछ वजह से अपना लाइसेंस रिन्यू ही नहीं करवाया। अधिकारी ने आगे यह भी कहा कि 272 नगर पालिका वार्ड में से करीब 100 गैर अनुरूप थे जहां दिल्ली मास्टर प्लान नियमों का सरासर उल्लंघन के खिलाफ नगर निकायों की कार्रवाई के कारण दुकानें नहीं खुली थी।
जाने क्या करते हैं शराब के व्यापारी
इसी साल मई महीने के अंत में समाप्त हुई आबकारी नीति 2021-22 को आबकारी विभाग ने 2 महीने के लिए बढ़ा दिया था। वही शराब के व्यापारियों ने किए दावे के अनुसार बहुत से लाइसेंस धारकों ने एक्सटेंशन लेने का ऑप्शन नहीं चुना था और अपनी दुकानें ही बंद कर दी। इस के पीछे का मुख्य कारण यह है कि वह पहले से ही ज्यादा लाइसेंस फीस का भुगतान कर रहे थे। शराब के व्यापारियों ने यह भी कहा कि दुकानों को शटरडॉउन करने के कई कारण थे जैसे कि non-conforming वार्ड में शराब की नई दुकानों का खोलना, शराब पर भारी छूट से धंधे में कंपटीशन भी बढ़ना, और नए नए ब्रांड आने से उन्हें दुकानों को हमेशा के लिए बंद कर देने जैसा मुश्किल फैसला लेना पड़ा था।
‘एक से साथ एक फ्री’ ऑफर से हो गया बंटाधार
इसी सिलसिले में एक शराब के व्यापारी ने कहा कि खुदरा विक्रेताओं को उपभोक्ताओं को छूट देने की मंजूरी के बाद ही कुछ बड़ी-बड़ी कंपनियों में “एक खरीदे और एक मुफ्त पाएं” जैसी स्कीम लांच कर दी थी। कंपनियों की इस स्कीम के कारण बाजार में नए ब्रांच को बढ़ावा मिला था और 40 फ़ीसदी की भारी छूट देकर उन्होंने बिजनेस ( Delhi Liquor Shops Closed) की कमर तोड़ दी थी।