दिल्ली की केजरीवाल सरकार पुराने हो चुके वाहनों का उपयोग करने के लिए नई नीति अपनाने का फैसला कर रही है। जिसके तहत परिवहन विभाग पुराने वाहनों को स्कूल कैब के रूप में पंजीकरण की अनुमति देने के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। जहां पहले पुरानी गाड़ियों की आयु के आधार पर चलाने की बात की जा रही थी वहीं, अब सरकार इन्हें फिटनेस के आधार पर चलाने की तैयारी कर रही है।
दिल्ली परिवहन निगम (Delhi Transport Corporation) द्वारा सार्वजनिक परिवहन में बढ़ती मांग को देखते हुए नए शैक्षणिक सत्र से शहर के स्कूलों को बसें नहीं देने के फैसले के बाद इस पर विचार किया जा रहा है। परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार वर्तमान में केवल नए वाहनों को स्कूल कैब के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है।
बच्चों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में मिलेगी मदद
बता दे की परिवहन विभाग में पंजीकरण के बिना भी बड़ी संख्या में वाहनों का उपयोग स्कूल कैब के रूप में किया जा रहा है। अगर पुरानी वैन और कैब को स्कूल कैब के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति दी जाती है तो इससे बच्चों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।ऐसे वाहनों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा और अन्य सुरक्षा उपायों को पूरा करना होगा। शहर में 9,000 से अधिक वाहन स्कूल कैब के रूप में पंजीकृत हैं, जबकि बड़ी संख्या में बिना किसी औपचारिक पंजीकरण के ही वाहन संचालित होते हैं।
खेल स्कूल में दाखिले के लिए जल्द लगेंगे कैंप
दिल्ली के खेल स्कूल में दाखिले के लिए आवेदन की तिथि अब समाप्त हो चुकी है। पहले अंतिम तिथि 22 जून थी जिसे बढ़ाकर 12 जुलाई किया गया था। इस दौरान देशभर से छात्रों के आवेदन मांगे गए थे। खेल स्कूल से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि दाखिले के तीन चरण हैं। पहले चरण के तहत पंजीकरण, फिर कैंप और ट्रायल होंगे।अब बहुत जल्द दाखिले से संबंधित अन्य चरण शुरू होंगे। इसके लिए बृहस्पतिवार को एक बैठक भी हुई, जिसमें तारीखों को अंतिम रुप दिए जाने को लेकर चर्चा हुई। प्रतिभावान बच्चों को चुनने के लिए कैंप आयोजित किए जाएंगे। बच्चों को मेडिकल प्रक्रिया से भी गुजरना होगा।