‘Har-Har Sambhu’ Farmani Naaz Story: उत्तर प्रदेश के देवबंद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के जिला संयोजक राव मुशर्रफ अली ने कहा कि हम उनके (फरमानी नाज) भजन के गाने का समर्थन कर रहे हैं और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जल्द ही गायिका फरमानी नाज को सम्मानित करेगा।
‘Har-Har Sambhu’ Farmani Naaz Will Be Rewarded: इन दिनों यूट्यूब से लेकर तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘हर-हर शंभू’ गाने की धूम मची हुई है। लोग इस गाने (Har Har Sambhu) को काफी पसंद कर रहे है और साथ ही लोग इस पर जमकर शॉर्ट्स वीडियो भी बना रहे हैं। इस गाने की बढ़ती हुई पॉपुलैरिटी को देखते हुए कई लोग इसका कवर सॉन्ग गा रहे हैं। अब इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर की रहने वाली फरमानी नाज (Farmani Naaz Song) ने भी इस गाने (Har Har Sambhu) का कवर सॉन्ग अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया है। इसके बाद से ही अब काफी हंगामा मचा हुआ है। सिंगर फरमानी नाज का कुछ मुस्लिम धर्मगुरु ने विरोध किय हैं तो वहीं कुछ उसका समर्थन भी कर रहे हैं।
यूपी के देवबंद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के जिला संयोजक राव मुशर्रफ अली देवबंद के उलेमा से अपनी अलग ही राय रखते हैं। उन्होंने कहा कि हम उनके भजन का समर्थन करते हैं और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जल्द ही फरमानी नाज को सम्मानित भी करेगा। फरमानी नाज फतवा जारी करने वालों पर पलटवार करते हुए कहा कि, ‘यह उलेमा जब गौ-हत्या होती है तब फतवा क्यों जारी नहीं करते, इन मौलानाओं और इनके फतवों से ही हमारे देश में कट्टरवाद फैल रहा है। फरमानी नाज एक सिंगर हैं और उन्हें तरह-तरह के भजन भी गाने पड़ेंगे, दिवंगत मोहम्मद रफी ने भी कई भजन गाए थे।” दरअसल, Farmani Naaz के इस गाने पर देवबंद के उलेमा ने कहा था कि यह इस्लामी शरीयत के खिलाफ है।
इसी विवाद के बीच फरमानी नाज (Farmani Naaz) ने भी कहा कि वह एक कलाकार हैं और कलाकार के हैसियत से उन्होंने हर तरह का गाना भी गाया है। किसी ने भी उन्हें घर आकर गाने से नहीं रोका है, लेकिन फिर भी सोशल मीडिया पर कुछ लोग गलत कमेंट कर रहे हैं! वह (Farmani Naaz) कहती हैं कि, ‘मैं मर्यादा में रहकर ही गाती हूं। मैंने कभी भी किसी धर्म का अपमान नहीं किया है 2018 में मेरी शादी और बाद में बेटा हुआ लेकिन बीमारी की वजह से पति ने छोड़ दिया। मैंने बहुत बुरा समय देखा है और फिर मेरे सामने गाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। मुझे तलाक दिए बिना ही पति ने दूसरी शादी भी कर ली थी, उस वक्त किसी ने भी मेरा दुख नहीं समझा था। और अब जब मैं अपने दम पर आगे बढ़ रही हूं तो लोगों को इसमें दिक्कत हो रही है।