आज से दिल्ली की सड़को पर नही बल्कि घर में रखी हुई गाड़ी का कटेगा चालान

Shilpi Soni
4 Min Read

साल भर प्रदूषण से परेशान रहने वाली दिल्ली में पॉल्यूशन के विभिन्न कारणों की पड़ताल के दौरान एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि यहां वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान ट्रक, टेंपो या दूसरी भारी गाड़ियों का नहीं, बल्कि टू वीलर्स का है। ये न केवल संख्या में सबसे ज्यादा हैं, बल्कि PUC नॉर्म्स का सबसे ज्यादा उल्लंघन भी कर रहे हैं। इसे देखते हुए अब दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इन पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है।

दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) वाले वाहन मालिकों को ई-नोटिस भेजना शुरू कर दिया है और उनसे वैध प्रमाणपत्र प्राप्त करने अथवा जुर्माना भरने के लिए तैयार रहने को कहा है।

अधिकारियों का कहना है किपीयूसी अपडेट कराने के संबंध में लोगों को अभी से जागरूक किया जा रहा है, ताकि पॉल्यूशन बढ़ने पहले ही यह सुनिश्चित किया जा सके कि दिल्ली की सड़कों पर केवल वही गाड़ियां चलें, जिनका वेलिड पीयूसी हो। इतना ही नहीं नोटिस भेजने के बाद भी अगर वाहन मालिक ने एक सप्ताह में पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं बनवाया तो उनके मोबाइल पर 10 हजार रुपये का ई-चालान भेज दिया जाएगा और वर्चुअल तौर पर इसकी जानकारी अदालत को दी जाएगी।’

17 लाख गाड़ियों के पास नहीं है पीयूसी

सोमवार तक के आंकड़ों के आधार पर ट्रांसपोर्ट विभाग के सूत्रों ने बताया कि’ इस वक्त दिल्ली में रजिस्टर्ड करीब 17 लाख गाड़ियां ऐसी हैं, जिनके पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट की समय सीमा खत्म हो चुकी है और अभी तक उनकी दोबारा से पॉल्यूशन जांच नहीं कराई गई है। इनमें 13.65 लाख टू वीलर्स हैं, जबकि कारों की संख्या 3 लाख के आसपास है। 10 हजार के करीब अन्य पैसेंजर गाड़ियां और तकरीबन 21 हजार कमर्शल गुड्स वीकल्स हैं।’

हालांकि, वैलिड पीयूसी नहीं होने के बावजूद ये सभी गाड़ियां सड़कों पर भी चल रही हैं या नहीं, इस बारे में स्पष्ट रूप से कुछ कहना तो मुश्किल हैं, लेकिन माना यही जाता है कि इनमें से करीब 60-70 पर्सेंट गाड़ियां तो रोज सड़कों पर निकल ही रहीं होंगी। ऐसे में ये सभी गाड़ियां दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने का काम कर रही हैं।

पिछले हफ्ते से ई-नोटिस भेजने की प्रक्रिया हुई शुरू

जैसा की हम सभी जानते है की आने वाले दो-तीन महीनों के भीतर दिल्ली में प्रदूषण बढने का समय आ रहा है, ऐसे में हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कुछ हद तक वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करें। वैध पीयूसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए लोगों को चेतावनी देना उस दिशा में उठाया गया एक कदम है।

अधिकारियों के मुताबिक ‘वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना पकड़े जाने पर वाहन मालिकों को ‘मोटर वाहन अधिनियम’ के तहत छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *