एक आम औरत Shazia Qaiser जिसके सपने थे खास, हौसलें थे बुलंद, UNICEF में फिजियोथेरेपिस्ट से लेकर शू लांड्री का सफर

Smina Sumra
4 Min Read

Shazia Qaiser: पटना की शाजिया कैसर (Shazia Qaiser) ने एक ऐसी बुलंद हौसले वाली महिला है जिन्होंने बिहार में पहली बार शू लांड्री (Shazia Qaiser’s Revival shoe laundry pvt ltd) की स्थापना कर लोगों के पुराने जूतों को नए जैसे चमका दिए। पहले हर तरफ शाजिया का मजाक बना लेकिन आज वे शाजिया महिलाओं के लिए एक सबसे बड़ी प्रेरणा बन चुकी हैं।

मायके वालों ने कहा कि नाम खराब हो जाएगा। फुटवियर सेक्शन पुरुषप्रधान सेक्टर है। पैरेंटल फैमिली ने शाजिया कैसर (Shazia Qaiser) को सपोर्ट नहीं किया था और ससुराल पक्ष के लोगों ने कहा कि पति अगर राजी है तो हमें कोई दिक्कत नहीं। वहीं पति ने कहा कि तुम बिजनेस नहीं कर पाओगी लेकिन पत्नी की इच्छा का मान रखते हुए ‘एक कोशिश’ के लिए हामी भर दी।

2014 की उस दोपहर शाजिया कैसर (Shazia Qaiser) ने ‘रिवाइवल शू लॉन्ड्री प्राइवेट लिमिटेड’ (Revival shoe laundry pvt ltd) नाम से कंपनी शुरू की थी। 1 लाख रुपये से शुरू किए करोबार आज करीब 25 लाख सालाना की अर्निंग है। शाजिया ने जब अपनी अनोखी लॉन्ड्री शुरू की तब 3 लोग ही उसमें शामिल थे एक रिसेप्शनिस्ट, मोची और एक खुद वह यानी शाजिया। लेकिन वर्तमान में 15 से भी अधिक लोगों को शाजिया (Shazia Qaiser’s Revival shoe laundry pvt ltd) की कंपनी ने रोजगार मुहैया किया है।

शाजिया कैसर (Shazia Qaiser) ने फिजियोथेरेपी में ग्रेजुएशन किया है। इस बुलंद हौसले वाली महिला ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) से लेकर यूनिसेफ (UNICEF) तक के लिए काम किया है। प्राइवेट प्रैक्टिस और फिर गवर्नमेंट जॉब का अनुभव भी है। शाजिया कैसर (Shazia Qaiser) का फैमिली बैकग्राउंड- सिविल सर्विस वाला है। दूर-दूर तक परिवार में न किसी ने बिजनेस किया था और न ही कोई शॉप चलाई थी। लेकिन शाजिया कैसर (Shazia Qaiser’s Revival shoe laundry pvt ltd) को तो धुन सवार हो गई थी!

शाजिया ने जब कारोबार शुरू किया तो कई महीनों तक ग्राहक उनके पास नहीं आया। उन्होंने लोगों के जूते फ्री में भी साफ करके दिए। आखिरकार धीरे-धीरे लोगों की समझ में आने लगा कि जूते शू लॉन्ड्री में जाते थे और फिर बिल्कुल नए होकर उन्हें मिलते थे और वह भी सिर्फ डेढ़ सौ रुपए में।

शाजिया कहती हैं जब लोगों का विश्वास जगा तो आम से खास लोग भी जूतों की सफाई और पॉलिशिंग के लिए आने लगे। इसके अलावा शोरूम में जिन जूतों पर धूल जमती थी और गंदे हो जाते थे। उन जूतों को साफ करने का आर्डर भी आने लगा।

2014 में शुरू हुई इस लॉन्ड्री (Shazia Qaiser’s Revival shoe laundry pvt ltd) के आठ साल में पटना में ही पांच जगहों पर आउटलेट खुल गए हैं। काम की क्वालिटी कुछ ऐसी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बड़े अधिकारी भी जूते सर्विसिंग के लिए भेजते हैं। इस काम से पूरे राज्य में उनकी (Shazia Qaiser) अपनी एक अलग इमेज है जो उनके इरादे को और मजबूत बनाकर रखती है।

शाजिया कैसर (Shazia Qaiser) ने काम को महज अपने तक ही सीमित नहीं रखा। छह अलग-अलग शहरों में जाकर लोगों को ट्रेनिंग भी दी किया है। इनमें से चार जगहों पर दिल्ली, छ्त्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड में ये शू लॉन्ड्री (Shazia Qaiser’s Revival shoe laundry pvt ltd) चल रही हैं।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *