Disadvantages of boiling packaged milk: टेक्नोलॉजी के इस दौर में हर दिन बढ़ते जा रहे शहरीकरण के कारण जंगल से लेकर जमीन, पानी, बिजली इंसान जानवर सभी प्रभावित हुए हैं। आज हम देखते हैं कि पुराने घरों का स्थान अब अपार्टमेंट ने ले लिया है। इतना ही नहीं बढ़ते जा रहे इस शहरीकरण के कारण अब लोग पैकेट बंद चीजों का इस्तेमाल करना ही ज्यादा पसंद करते हैं। ठीक इसी प्रकार लोग अब दूध के लिए भी गौशालाओं पर निर्भर नहीं रहे हैं।
हम देखते हैं कि अक्सर लोग अब हो मार्केट में उपलब्ध पैकेज्ड दूध (packaged milk) का ही ज्यादातर इस्तेमाल करते रहते हैं। यह पैकेट वाला दूध पाश्चुरीकृत ही होता है इसका मतलब यह होता है कि इस दूध को पहले ही उबालकर और ठंडा किया जाता है। ठंडा होने के बाद इसे योग्य प्रक्रिया से पैकेट में पैक कर मार्केट में बिक्री के लिए सप्लाई किया जाता है।
दूध को उच्च तापमान पर उबाला जाता है ताकि दूध ज्यादा देर तक खराब ना हो और उसमें बैक्टीरिया थी न फैले। हम बाजार से पैकैट वाला दूध लाते हैं तो उसे उबालकर इस्तेमाल करते हैं ताकि वह खराब ना हो जाए। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप यह बिल्कुल गलत कर रहे हैं। चलिए आपको आगे बताते हैं कि पैकेट वाले दूध को इस्तेमाल करने का योग्य तरीका कौन सा है।
विशेषज्ञ के अनुसार, पैकेज्ड पाश्चुरीकृत दूध (Disadvantages of boiling packaged milk) को उबालने की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि, इस दूध को पैक करने से पहले इसे पास्चुरीकृत कर बैक्टीरिया मुक्त कर दिया जाता है। किंतु, जब आप इस दूध को दोबारा उबालते हैं तो इसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और दूध फायदेमंद नहीं रहता।
अगर आप पैक्ड दूध (packaged milk) को 4 डिग्री के तापमान पर रखते हैं, तो आप उसे एक सप्ताह तक इस्तेमाल कर है। दूध का पैकेट खरीदने से पहले पैकेट पर लगी एक्सपायरी डेट को भी ध्यान से देखना चाहिए। एक्सपायरी डेट वाला के बाद पैकेट न लें। यह आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है।