Joint Family of 75 People in Solapur: शायद हम जॉइंट फैमिली के बारे में बात करें तो आप इस बात को नहीं मानेंगे लेकिन आज के दौर में एक ऐसी जॉइंट फैमिली भी मौजूद है जहां एक साथ 72 लोग रहते हैं। जी हां आपने सही सुना सोलापुर में रहने वाले इस परिवार में 1 दिन में 10 लीटर दूध और 1200 रुपये की सब्जियों की खपत रहती है। इतना ही नहीं खाना बनाने के लिए एक साथ सात से आठ चूल्हों को जलाने पड़ते हैं।
वर्तमान में दुनिया भर में जॉइंट फैमिली की परंपरा कम हो गई है। कई जगह तो हम देखते हैं कि 18 साल की उम्र के बाद कुछ बच्चे भी अपने माता-पिता से अलग रहना शुरू कर देते हैं। हालांकि हमारे देश में आज भी लोग जॉइंट फैमिली (Biggest Joint Family) को महत्व देकर इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। हम अपने आसपास बहुत सारी जॉइंट फैमिली देखते हैं जिसमें कुछ छोटी-मोटी तकरार होने के बावजूद भी सभी लोग हंसी-खुशी साथ रहते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर भी ऐसी ही ज्वाइन फैमिली की चर्चा हो रही है जहां 15 या 12 सदस्य नहीं लेकिन इस जॉइंट फैमिली देखते (Joint Family of 75 People in Solapur) में टोटल 72 सदस्य शामिल है।
हमारे देश की अनोखी जॉइंट फैमिली महाराष्ट्र सोलापुर शहर में रहती है। सालों पहले एक शख्स अपनी पत्नी के साथ कर्नाटक से सोलापुर आकर यही का हो गया था। यह परिवार उसी शख्स का है जिसमें एक के बाद एक चार पीढ़ियां आज तक भी साथ मिलजुल कर रहती है। इस परिवार का नाम दोईजोडे (Doijode family) के नाम से फेमस है और सोशल मीडिया पर भी लोग इन सभी लोगों के खाने-पीने से लेकर इनके कामकाज की चर्चा कर रहे हैं।
दोईजोडे परिवार में एक दिन में करीब 1,500 रुपए की सब्जी और 10 लीटर से ज्यादा की दूध की खपत लगती है। इतना ही नहीं इन की कमाई और खर्च का हिसाब भी सभी लोग साथ बैठकर ही लगाते हैं। साथ ही इतना बडा परिवार होने के बावजूद भी महिलाएं एक साथ मिलजुल कर खाना बनाती है और रसोई में एक बार में सात से आठ चूल्हे जलते हैं। परिवार के सभी सदस्यों का कपड़ो का बिजनेस है और कोई दुकान पर बैठता है तो कोई कपड़ों को ले जाने आने की कामकाज की निगरानी करता है। वही परिवार के सभी बच्चे भी स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई करते हैं।
सोलापुर के इस अनोखे परिवार (Joint Family of 75 People in Solapur) के वीडियो को ट्विटर पर @Ananth_IRAS यूजर ने शेयर किया है जिसे BBC ने शूट किया है। यूजर ने वीडियो के कैप्शन में लिखा है- ‘एक भारतीय संयुक्त परिवार की सुंदरता।’
हालांकि इतने खर्चों के बावजूद भी दोईजोडे परिवार में आने वाली नई बहुएं भी थोड़ी बहुत परेशानियों के बाद परिवार में घुल मिल जाती हैं। वहीं बिजनेस से लेकर घर की पारिवारिक एकता का श्रेय परिवार के लोग एकजुटता को ही देते हैं।