हिंदू धर्म में महिलाओं का पायल पहनना बहुत
जरूरी होता है यह सुहागिन की पहचान मानी जाती है
लेकिन पायल क्यों पहनी जाती है आइए एक्सपर्ट
एस्ट्रोलॉजर अचार्य संतोष तिवारी जी की राय जानते हैं
प्राचीन काल से ही भारी पायल धन
का प्रतीक मानी जाती है
आपको बता दें सोलह सिंगार में पायल भी
शामिल होती है पायल को सुहाग से जोड़ा जाता है
पायल के घुंघरू बजने की आवाज चारों ओर के
वातावरण को पॉजिटिव भी बनाती है
ऐसा माना जाता है कि चांदी की पायल पहनने से देवीय शक्तियां
महिलाओं की ओर आकर्षित होती रहती है
चांदी की पायल इसलिए बनाई जाती है क्योंकि चांदी
खुशहाली और समृद्धि का भी प्रतीक होता है
चांदी पृथ्वी की एनर्जी के साथ आसानी से प्रतिक्रिया कर सकती है यह
भी एक वजह है कि पायल चांदी की बनाई जाती है
आपको बता दें पायल पहनने से पैरों के दर्द की समस्या भी कम होती है
क्योंकि चांदी बॉडी में ब्लड सरकुलेशन ठीक करने में मदद करती है
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