Vikram: साउथ इंडस्ट्री के अभिनेता विक्रम हमारे भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में कुछ बातें कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में कुछ समय पहले PS1 नामक एक फिल्म आई थी, जिसमें हमारे इतिहास के बारे में कुछ बातें बताई गई है। अभिनेता विक्रम का कहना है कि हर किसी को किसी ना किसी चीज में रुचि होती है, फिर चाहे वह इतिहास या पुरानी चीजों से ही क्यों ना जुड़ी हो, सबकी अपनी अपनी पसंद होती है। देखने से तो ऐसा लगता है कि अभिनेता विक्रम अपने प्राचीन इतिहास के बारे में बात करना बेहद पसंद करते हैं। अपने इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कुछ बाते सामने रखी है, जैसे कि उन्होंने बताया कि बचपन में हमें हमारे इतिहास के बारे में कितनी सारी कहानियां सुनाई जाती थी।
बातों ही बातों में विक्रम ने बताया कि बचपन में हमें चंदा मामा की कहानी सुनाई जाती थी। ऐसी कहानी तमिल भाषा में भी है, यह तो आप सभी जानते हैं कि हमारा इतिहास कितना समृद्ध था। इसी के साथ-साथ जो हमारे राजा महाराजा रह चुके हैं, वह भी वीर और पराक्रम से भरे हुए थे। साउथ इंडस्ट्री के अभिनेता विक्रम का कहना है कि हमने कई बार सुना है कि लोग पिरामिड के बारे में बात करते हैं जैसे कि उसका निर्माण कैसे किया गया है? यह कैसे संभव हुआ? लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि लोग विदेशों की चीजों पर गौर करते हैं। लेकिन हमारे देश में इतने ऊंचे ऊंचे मंदिर किस तरह से बनाए जाते हैं, इस बात पर कोई भी कभी भी बात नहीं करता।
अपने इंटरव्यू के दौरान विक्रम का कहना है कि तंजावुर के मंदिर में सबसे ऊंचा मंदिर गोपुरम है। आपको बता दें कि यह चोल समाज का सांस्कृतिक गढ़ बताया जाता है। यहां तक कि इस मंदिर की स्थापना राजराजा चोल ने किया था। हैरान करने वाली बात यह है कि इस मंदिर के सबसे ऊपर वाले पत्थर का वजन करीब 80 टन है। यह सोचने वाली बात है कि इतने भारी पत्थर को मंदिर के ऊपरी स्थान पर किस तरह से पहुंचाया होगा? लेकिन देखा जाए तो कोई भी इस बारे में बात नहीं करता। लोग सिर्फ मिस्र के पिरामिड के बारे में ही बात करते हैं। कोई भी मंदिर के बारे में यह तक बात नहीं करता कि बिना प्लास्टर के यह पत्थर इतनी ऊंचाई तक कैसे पहुंचाया गया और कैसे टिका हुआ है?
मंदिर के बारे में विक्रम ने कुछ ऐसी ऐसी बातें बताई, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया है। विक्रम का कहना है कि 6 किमी लंबे रैंप का निर्माण हाथियों और बैल व मनुष्य के उपयोग के लिए किया गया था। यह बात आप सभी जानते हैं कि उन दिनों आज की तरह मशीनें नहीं हुआ करती थी। दंग रहने वाली बात तो यह है कि 6 भूकंप के झटके खाने के बावजूद यह मंदिर आज भी खड़ा है। यहां तक कि करीब 5000 बांध बनाए गए थे और उनके मंत्रिमंडल में एक और मंत्री बनाया गया था, जो इन सब चीजों का ध्यान रखता था।
बातों ही बातों में विक्रम ने यह भी बताया कि कैसे राजा महाराजा महिलाओं के नाम पर राज्य का नाम रखा करते थे। यहां तक कि लोगों की मदद करने के लिए इन्होंने मुफ्त अस्पताल बनाए और लोगों को कर्ज दिया करते थे। यह सारी बातें नौवीं शताब्दी की है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि दक्षिण भारत उस दौरान क्या कर रहा था? विक्रम का कहना है कि हमारे इतिहास से जुड़ी एक से बढ़कर एक कहानियां है, जिस वजह से हमें हमारे देश पर नाज करना चाहिए कि हम इस देश में रहते हैं?