Ajab Gajab: आज हम आपको ऐसी अनोखी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा. आप लोग यह तो जानते ही हैं कि मक्खियों से कई सारी बीमारियां हो जाती हैं लेकिन कभी आपने सुना है कि मक्खियों के कारण लोगों की शादियां नहीं हो पा रही है? यह जानकर आपको हैरानी जरूर हो रही होगी लेकिन यह बात बिल्कुल सच है.
आप लोगों को बता दें कि यूपी जिले के हरदोई में 10 जिलों के लोगों के लिए मक्खियों से बुरी ओर कोई चीज इस समय नहीं है., क्योंकि अभी जिन लोगों की शादी हो चुकी है उनकी बीवीयां मक्खियों के डर से अपने मायके जाने को मजबूर है और जो कुंवारे है उनकी शादियां होना मुमकिन नहीं हो पा रहा है. मक्खियों के आतंक के कारण गांव वालों के साथ ही अब किसान नेता भी अनशन पर बैठ गए है.
मामला ये है कि यूपी के हरदोई जिले के अरिहोरी ब्लॉक 10 के लोग मक्खियों के डर से परेशान है और यहां प्रशासन भी कुछ नहीं कर पा रहा है. यहाँ पर पीएम मोदी के द्वारा चलाया गया स्वच्छता और स्वास्थ्य मिशन भी फैल हो चुका है. इन गाँवो में मक्खियों के कारण लोगों के रिश्ते नहीं हो पा रहे है. इन मक्खियों ने लोगों का खाना-पीना, बैठना और सोना मुश्किल कर दिया है जिस कारण बहुएं अपने मायके जा रही है और कुंवारे लड़को की शादियां नहीं हो पा रही है.
Ajab Gajab: इस कारण बड़ी समस्या
हरदोई जिले में आने वाले कुइया, बढ़ईइन पुरवा, पट्टी, सलेमपुर, फतेहपुर, डही, नया गांव, देवरिया, झाल पुरवा और एकघरा जैसे 10 गाँवो में मक्खियों का सबसे ज्यादा आतंक है. लेकिन साल 2014 से पहले इन गांव में सब कुछ सामान्य था. उस समय सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कर कमलों द्वारा मेन रोड पर एक पोल्ट्री फार्म खोला गया. इस पोल्ट्री फार्म के खुलने के बाद से ही मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया है.
गांव के लोगों का कहना है कि पोल्ट्री फार्म में हो रही गंदगी से आसपास के इलाकों में मक्खियों का आतंक फैल चुका है. इस बात को लेकर किसान यूनियन के नेता भी कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. धरना प्रदर्शन करने के बाद प्रशासन ने उन्हें सांत्वना दी है लेकिन अभी तक मक्खियों का आतंक पहले जैसा ही बना हुआ है.
Ajab Gajab: मक्खियों वाले गांव में कैसे करें बेटी की शादी
बढ़ईइन पुरवा गांव में मक्खियों का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस गांव में काफी हद तक सफाई भी दिखाई दी लेकिन हर घर में मरीज भी है. यहां रहने वाली बच्चियों का कहना है कि उनकी पढ़ाई मुश्किल में आ गई है और रात को सोना भी नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा अधेड़ उम्र के कुछ युवकों का कहना है कि कोई रिश्ता करने आता है तो उन पर इतनी ज्यादा मक्खियां चिपक जाती है कि रिश्ते की बात करना तो दूर वह कुछ खाता पीता भी नहीं है और यह कहकर जाता है कि इस गांव में कौन रहना चाहेगा?
गांव की औरतों का भी यही कहना है कि मक्खियों के आतंक के कारण लोगों के रिश्ते नहीं हो पा रहे हैं. लोग रिश्ता करने तो आते है लेकिन ये कहकर वापस लौट जाते है कि इतनी मक्खियों वाले गाँव में मेरी बेटी कैसे रहेगी? इसके अलावा गांव की एक बहु भी रास्ते में अपना बैग लेकर मायके जाते हुए मिली और उसने भी यही कहा कि जब इस गांव से मक्खियों का प्रकोप खत्म होगा तभी यहाँ वापस आएंगी.