Indian Former Captain Mahendra Singh Dhoni : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एम. एस. धोनी ( M.S.Dhoni ) को आप सभी जानते होंगे. क्रिकेट प्रेमियों के लिए वह एक आदर्श से कम नहीं है लेकिन आपको बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी के लिए क्रिकेट के अलावा एक और पेशा है जो उन्हें पसंद है उनके लिए शिक्षण मात्र एक पेशा ही नहीं बल्कि एक अनोखी कला है. एमएस धोनी के अनुसार ( according to mahendra singh dhoni ) शिक्षण वह कला है जिसमें आप अपने छात्र को अनुशासित होने के साथ-साथ उसे तराशते भी हैं. उन्होंने मशहूर प्रोफेसर केके अब्दुल गफ्फार ( Professor K.K. Abdul Gaffar ) की आत्मकथा के विमोचन के दौरान यह शब्द कहे थे. इस किताब के विमोचन के दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने शिक्षकों की काफी वाहवाही की. हालांकि उनका कोच बनने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है.
महेंद्र सिंह धोनी को शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान देखा गया था. जहां पर प्रोफ़ेसर गफ्फार की आत्मकथा “अनजान साक्षी” ( biography of professor gaffaar ) का विमोचन किया जा रहा था. इस मौके पर धोनी ने शिक्षक और छात्रों के बीच उत्पन्न कई भावनाओं को विस्तार से बताया. उन्होंने कहा एक शिक्षक ही छात्र को अच्छे से समझ सकता है. एक शिक्षक को ऐसा होना चाहिए कि वह अपने छात्रों को समझाने के लिए हर वह प्रयास करे जिसकी जरूरत है क्योंकि हर छात्र का समझने का तरीका अलग अलग होता है. हालांकि शिक्षकों के लिए यह एक अद्भुत काम है कि वह अपने छात्रों में अच्छाई और बुराई दोनों को छुपाते हैं. आपको बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी हमेशा से ही अपने शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए आए हैं.
धोनी ने आगे बताया कि वह कभी कॉलेज नहीं गए और उन्हें इस बात का कोई दुख नहीं है. उन्हें अच्छा लगता है कि उन्होंने कभी कॉलेज ज्वाइन नहीं किया क्योंकि जिंदगी से जो उन्होंने सीखा वह किताबों की सीख से भी ज्यादा मूल्यवान था. इस कार्यक्रम के दौरान केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ( Aarif Mohammad Khan ) भी शामिल हुए थे. उन्होंने इस किताब ( Anjaan Sakshi ) की काफी तारीफ की. उन्होंने बताया कि यह किताब लोगों को जीवन, ज्ञान और समर्पण से अवगत कराएगी.
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