इंडियन क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाने वाले बुमराह की सफलता की कहानी है बड़ी रोचक, छोटी उम्र में पिता का साया खोने के बाद आखिर किसने किया सपोर्ट

Ranjana Pandey
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6 दिसंबर 1993 को अहमदाबाद गुजरात मे सिख परिवार में जन्मे जसप्रीत बुमराह आज अपनी बेहतरीन गेंदबाजी की वजह से भारतीय क्रिकेट टीम मे अपनी जगह पक्की की है। आज उनकी गिनती अहम बॉलरों में से एक की जाती हैं। उनकी तेज गति और इन स्विंग यॉर्कर ने उनकी जगह भारतीय टीम में पक्की करवाई। पहले वां गुजरात की तरफ से और मुंबई इंडियन्स की तरफ से खेला करते थे।परिवार की बात करें तो जसप्रीत बुमराह के परिवार में फिलहाल तीन ही सदस्य मौजूद हैं। जसप्रीत ने अपने पिता को बहुत ही कम उम्र में खो दिया था।

जसप्रीत के पिता का नाम जसबीर सिंह बुमराह था और उन्हें लोग नेकदिल इंसान के तौर पर जानते है।नेकदिल होने के साथ साथ उनके पिता एक बिजनेसमैन भी थे। जसबीर बुमराह की एक केमिकल फैक्टरी हुआ करती थी, लेकिन उनके हेपेटाइटिस बी की घातक बिमारी के चलते देहांत हो गया। उस समय जसप्रीत महज 7 बरस के थे। ऐसी परिस्थिति को उनकी माता दलजीत कौर ने सम्भाला जो कि अहमदाबाद ओके हाई स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं।जसप्रीत बुमराह की एक बहन भी हैं जिनका नाम जूहीका कौर है। जूहीका की शादी साल 2016 में हो गयी थी।जसप्रीत बुमराह ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अहमदाबाद से की जहाँ उनकी माता प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थी।

अपनी माँ के प्रिंसिपल पद पर होने के बावजूद बुमराह पढ़ाई से ज्यादा क्रिकेट खेलना पसंद करते थे। इसके बाद उन्हें भारत की तरफ से खेलने का मौका मिला जहाँ उनकी मुलाकात उनकी पत्नी संजना गणेशन से हुई।दोनों की मुलाकात साल 2019 में आईसीसी वनडे विश्वकप के दौरान हुई थी। संजना इस टूर्नामेंट में प्रेजेंटर के तौर पर विश्व कप को कवर कर रही थी।2 साल तक डेट करने के बाद दोनों ने 15 मार्च 2021 को गोवा में शादी की। हमेशा से ही बुमराह को क्रिकेट खेलने का जुनून था। उन्होंने अपने इस जुनून को बरकरार रखते हुए लाजवाब प्रदर्शन करके भारतीय क्रिकेट टीम मे खेलने का सपना पूरा किया।

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