बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता अमरीश पुरी इस दुनिया को भले ही अलविदा कह दिया है लेकिन आज भी वह लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है. उन्होंने ज्यादातर पर्दे पर विलेन का किरदार ही निभाया है और वह विलेन का रोल इतनी खूबसूरती से निभाते थे कि लोग सच में उनसे खौफ खाने लगे थे. देखा जाए तो इंडस्ट्री में आने वाला हर एक्टर हीरो बनने के लिए ही आता है, लेकिन अमरीश पूरी ने विलेन के रूप में पहचान बनाई और वह विलेन के रूप में ही सफल हुए.
भाई ने फिल्मो में लेने से किया मना
अमरीश पुरी के बड़े भाई मदन पुरी बॉलीवुड फिल्मों में अच्छा खासा नाम कमा चुके थे. यह बात जानकर सच में आप हैरान रह जाएंगे कि अमरीश पुरी को उनके बड़े भाई मदन पुरी ने ही फिल्मों में लेने से मना कर दिया था. इसके बाद अमरीश पुरी ने थिएटर से शुरुआत कर साल 1967 में पहली मराठी फिल्म ‘शततु! कोर्ट चाले आहि’ में के अंधे व्यक्ति का किरदार निभाया. इसके बाद साल 1971 से उन्होंने फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया.
40 की उम्र में डेब्यू
बॉलीवुड में आने से पहले वह बीमा कंपनी में काम करते थे और इसी के साथ ही उन्होंने पृथ्वी थिएटर में दाखिला ले लिया था. अमरीश पुरी थिएटर ज्वाइन करते ही नौकरी छोड़ना चाहते थे लेकिन उनके दोस्तों ने ऐसा करने के लिए मना कर दिया. जब 1971 में पहली फिल्म रेशमा और शेरा के लिए उन्हें सुखदेव ने चुना तो उनकी उम्र 40 साल हो चुकी थी. इसके बाद साल 1980 में आई फिल्म ‘हम पांच’ से वह कमर्शियल फिल्मों में भी आने लगे.
मिलना था रावण का रोल
रामानंद सागर की रामायण तो सभी लोगों की पहली पसंद थी और इसमें रावण का किरदार अरविंद त्रिवेदी ने निभाया था. यह बात काफी कम लोगों को पता है कि रावण का रोल निभाने के लिए पहली पसंद अमरीश पुरी ही थे. यह बात अरविंद त्रिवेदी ने खुद बताए कि सभी लोग चाहते थे, रावण के किरदार में अमरीश पुरी फिट बैठेंगे. इसके बाद जब केवट का ऑडिशन देकर मैं वापस जा रहा था तो रामानंद सागर ने मेरी बॉडी लैंग्वेज और चाल ढाल देखकर मुझे रावण का रोल ऑफर किया.
लेते थे मुंहमांगी रकम
आपको जानकर हैरानी होगी कि अमरीश पुरी अपने समय के सबसे पॉपुलर विलेन के रूप में जाने जाते थे और उनकी फीस भी सबसे ज्यादा हुआ करती थी. इसके अलावा अगर किसी फिल्म में उन्हें मुंह मांगी रकम नहीं दी जाती तो वह फिल्म करने से मना कर देते थे.
मुंह मांगी थी इसके बारे में अमरीश पुरी ने बताया कि जब मैं पर्दे पर अपने किरदार बखूबी नहीं पाता हूं पैसे भी मेरे हिसाब से ही लूंगा ना. बताया जाता है कि एक बार एनएन सिप्पी से फिल्म में किरदार निभाने के लिए अमरीश पूरी ने 80 लाख रूपये की मांग की थी. लेकिन सिप्पी साहब इतनी रकम ना दे सके तो अमरीश पुरी ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया.
आज भी उनके डायलॉग नहीं भूले लोग
अमरीश पुरी इस दुनिया को अलविदा जरूर कह चुके हैं लेकिन लोगों के दिलों में उनके बोले जाने वाले डायलॉग आज भी जिंदा है. अमरीश पुरी जैसे दिग्गज कलाकार ने पर्दे पर हर किरदार निभाया है. मिस्टर इंडिया, करण अर्जुन, फूल और कांटे जैसी फिल्मों में उन्होंने कई ऐसे डायलॉग बोले हैं जो आज भी लोगों को मुंह जुबानी याद है. उनका फूल और कांटे का डायलॉग ‘जवानी में अक्सर ब्रेक फेल हो जाया करते है.’, तहलका फिल्म का ‘डोंग कभी रॉन्ग नहीं होता.’ और मिस्टर इंडिया का ‘मोगेंबो खुश हुआ’ डायलॉग सभी को याद है.
इसके अलावा शहंशाह फिल्म का डायलॉग ‘जब भी किसी गौरी हसीना को देखता हूं तो मेरे दिल में सैकड़ों काले कुत्ते दौड़ने लग जाते हैं और इसीलिए मैं ब्लैक डॉग व्हिस्की पीता हूं.’ इसके साथ ही दामिनी फिल्म में कोर्ट का डायलॉग ‘ये अदालत है कोई मंदिरिया दरगाह नहीं जहां मिन्नते और मुरादे पूरी होती हैं. यहां पर धूप और अगरबत्ती के नहीं बल्कि ठोस सबूतों और गवाहों को पेश किया जाता है.’
अलग अलग गेटअप में किरदार
इसके अलावा एक्टर अमरीश पुरी हर फिल्म में अलग-अलग किरदार निभाते थे. अलग-अलग किरदार के लिए अलग-अलग गेटअप अपनाकर वह किसी को भी डरा सकते थे. जैसे अजूबा में वजीरे आला, मिस्टर इंडिया में मोगेंबो, तहलका में डॉक्टर डोंग और नगीना में भैरोनाथ का किरदार आज भी सब को याद है. इन्होंने लगभग 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है.अमरीश पुरी हिंदी के अलावा कन्नड़, मराठी, पंजाबी, मलयालम, तमिल आदि भाषाओं में भी काम कर चुके है. इसके अलावा उन्होंने हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है.
‘मोलाराम’ के नाम से विदेशों में है फेमस
साल 1984 में आई फिल्म ‘इंडियाना जॉन्स एंड द टेंपल ऑफ डूम’ में अमरीश पूरी ने ‘मोलाराम’ का किरदार निभाया था. ये फिल्म स्टीवन स्पीलबर्ग ने बनाई थी और उनका कहना था कि अमरीश पुरी उनके फेवरेट विलेन है. इस फिल्म के लिए अमरीश पुरी ने अपने बाल शेविंग करवाए थे. दर्शकों को उनका किरदार बेहद पसंद आया और इसके बाद कई लोगों ने क्लीन शेव हेड के स्टाइल को कॉपी किया.