ट्रक ड्राइवर के बेटे पवन कुमार बने आईपीएस ऑफिसर, लालटेन और चिमनी की रोशनी में की है पढ़ाई

Durga Pratap
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आए दिन हम बॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़ी कई सारी बातों पर ध्यान रखते हैं। लेकिन आज हम उस व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से अपने सपनों को पूरा कर लिया है। हम बात कर रहे हैं एक ट्रक ड्राइवर के बेटे के बारे में जिसने पूरी लगन और ईमानदारी से लड़कर अपनी जिंदगी का वह मुकाम हासिल कर लिया है जो हर किसी के बस की बात नहीं है।

दरअसल बात ऐसी है कि राजस्थान के नागौर के रहने वाले पवन कुमार कुमावत ने अपने सपने पूरे कर लोगों को हैरान कर दिया है। दरअसल यह एक ट्रक ड्राइवर के बेटे हैं।

पवन कुमार ने अपनी जिंदगी में कई सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन्होंने सबसे कठिन यूपीएससी की एग्जाम क्लियर कर ली है। देखा जाए तो पवन कुमार नागौर जिले के सोमणा गांव के रहने वाले हैं। इनके पिता ट्रक ड्राइवर है जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिन-रात ट्रक चलाते हैं।

यूपीएससी के एग्जाम में पाई सफलता

आप सभी जानते हैं कि ट्रक ड्राइवर की जिंदगी आसान नहीं होती है। यहां तक कि अपने परिवार से दूर रहकर वह अपने परिवार का भरण पोषण करते है। लेकिन पवन कुमार ने अपने पिता से ही संघर्ष करना सीखा है। पवन कुमार ने भी अपने पिता की तरह कड़ी मेहनत कर यूपीएससी के एग्जाम में सफलता पा ली है।

पवन कुमार ने बताया कि गोविंद जयसवाल का यूपीएससी एग्जाम में चयन हुआ था, उस दौरान उनके पिता एक ऑटो ड्राइवर थे। उन्हें देखकर पवन कुमार ने भी ठान लिया कि वह आईएस ऑफिसर बनेंगे।

पवन कुमार ने अपनी शुरुआती पढ़ाई शहर के पब्लिक स्कूल से की थी, लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए उनका पूरा परिवार नागौर में रहने आ गया। ताकि पवन कुमार को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके।

पवन कुमार

लालटेन की रौशनी में पढ़कर आईपीएस बने पवन कुमार

इतना ही नहीं बल्कि अपनी हायर स्टडी के लिए पवन कुमार कुछ समय तक जयपुर में भी पढ़ाई कर रहे थे। पवन कुमार से बात होने पर उन्होंने बताया कि उनके घर में लाइट की बड़ी समस्या थी। जिस वजह से उन्हें लालटेन और चिमनी की मदद लेकर पढ़ाई पूरी करनी पड़ती थी।

खुशी की बात यह है कि पवन कुमार ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है। यहां तक कि उनका कहना है कि जब वह छोटे थे, तब उनकी दादी उन्हें धार्मिक कथाएं भी सुनाया करती थी। इतना ही नहीं है बल्कि पवन कुमार का कहना है कि जब उन्होंने ध्रुव तारे की कहानी सुनी तो उनके मन में भी यह बात आई कि वह भी अपनी जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि उनकी दादी ने उन्हें जिंदगी को किस तरह से जीना है, इसका एक मंत्र भी बताया, जिस वजह से आज वह सफलता की सीढ़ी पर अपना पहला कदम रखने जा रहे हैं।

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