इस भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास खुद के लिए समय नहीं है लेकिन कुछ लोग ऐसे है जो खुद के साथ ही आसपास के लोगों और अपने गांव, शहर के बारे में भी सोचते है. यहां तक कि लोगों के पास जीने के कई रास्ते है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो अपनी मर्जी के मुताबिक जिंदगी जीना पसंद करते है और वे ऐसा करते भी है.
इसी से संबंधित एक उदाहरण हम आपको आज बताने जा रहे है, जिनका नाम है धारा सिंह मीना और वो एक RAS अधिकारी है. धारा सिंह सवाई माधोपुर जिले के छोटे से गांव बनोटा के निवासी है. इन्होंने अपने गांव के स्कूल से ही प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण की है. अब उन्होंने RAS अधिकारी बनने के बाद ये संकल्प लिया है कि वे अपने गांव की इस जर्जर स्कूल का निर्माण करवाएंगे और इसमें करोड़ो रूपये का काम जल्द ही शुरू होने वाला है.
इन्होंने बनोट गांव के ही राजकीय विद्यालय से स्कूली शिक्षा प्राप्त की है लेकिन ये स्कूल उस समय 12वीं तक नहीं हुआ करती थी. इसलिए उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए गांव छोड़कर बाहर जाना पड़ा. इस बारे में अक्सर गांव के लोग बाते करते थे अगर गांव में ही 12वीं तक स्कूल होता तो बच्चों को बाहर गांव पढ़ाई के लिए नहीं जाना पड़ता.
धारा सिंह मीना के पिता की थी ये इच्छा
वैसे तो हर बाप की इच्छा बेटे के लिए आदेश होती है और ऐसा ही कुछ धारा सिंह मीना के लिए हो गया. उनके पिता गजानंद मीना चाहते थे कि इस जर्जर होती स्कूल का जीर्णोद्धार हो जाए तो धारा सिंह ने भी इस बात को लोहे की लकीर मान लिया. अब इस स्कूल का निर्माण लाखों नहीं बल्कि करोड़ो रूपये से होने जा रहा है और इस बात की चर्चा आसपास के इलाकों में भी काफी हो रही है.
RAS धारा सिंह मीना ने बताया कि मैंने अपनी स्कूली शिक्षा यही से प्राप्त की थी और इस स्कूल की टूटी फूटी हालत देखकर मन दुखी हुआ. तब पिताजी के कहने पर ये ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो इसका निर्माण करवाना है. इस अच्छे काम के लिए आम जन के साथ साथ भामाशाहों को भी जोड़ा गया है. इसके अलावा इलाके में रहने वाले लोगों ने भी इसके लिए अलग फंड इकट्ठा किया है.
आप लोगों को बता दें कि इस समय ये फंड 1.25 करोड़ तक पहुंच गया है. इसके साथ ही सरकार ने भी इसमें कुछ राशि का सहयोग दिया है.
आप की जानकारी के लिए बता दें कि धारा सिंह मीना 2011 बैच के RAS अधिकारी है और वर्तमान समय में भू-प्रबंध अधिकारी एंव पदेन राजस्व अपील अपील अधिकारी के रूप में सीकर में कार्यरत है.