आज के समय में सब कुछ आधुनिक हो गया है और लोग भी आधुनिक तरीके से जीवन जीना पसंद करते हैं. यहां तक कि हर व्यक्ति मोबाइल, कंप्यूटर, सोशल मीडिया, डिजिटल गैजेट्स के दीवाने हो रहे हैं और इनमें बच्चे भी शामिल है. आजकल के बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी अपना ज्यादातर समय इन्हीं लैपटॉप, मोबाइल और गैजेट्स के साथ गुजारते रहते हैं. जिससे वह इन्हीं के आसपास घूमते रहते है.
लेकिन राजस्थान राज्य के भीलवाड़ा शहर के रहने वाले 10 वर्षीय श्रीजी सेन का मन तो धर्मग्रंथों, किताबों और कविताओं में ही रहता है. आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि श्रीजी सेन की उम्र 10 साल है और वह इस समय पांचवी क्लास में पढ़ते हैं. लेकिन इस उम्र में भी उन्हें रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथ से लेकर शिव स्तुति तक सब कंठस्थ याद है.
श्रीजी सेन का आत्मविश्वास किसी से कम नहीं
इसके साथ ही 10 वर्षीय बालक श्रीजी सेन का आत्मविश्वास भी किसी से कम नहीं है. इतनी सी उम्र में वह बड़े-बड़े मंचों पर अपने गीत और कविताओं की प्रस्तुतियां देने से भी बिल्कुल नहीं घबराते हैं. श्रीजी सेन ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि एक बार उन्होंने अपनी मां को धर्म ग्रंथों को पढ़ते हुए देख लिया था और तब उन्होंने पूछा कि आप क्या कर रहे हो? तब उनकी मां ने धर्म ग्रंथ और कविताओं के बारे में अपने बेटे को बताया.
इसके बाद जब भी मुझे समय मिलता मैं धर्म ग्रंथ या कविता पढ़ने लग जाता. फिर धीरे-धीरे इन सब को याद भी करने लगा. दूसरी तरफ से श्रीजी सेन की मां विजयलक्ष्मी बताती है कि उनके बेटे को रश्मिरथ, सरस्वती वंदना, भोजन मंत्र, प्रेरक प्रसंग और कहानिया सहित संस्कृत के श्लोक भी कंठस्थ याद है.