कुष्ठ रोग माइक्रो बैक्टीरिया लेप्राई जीवाणु की वजह से होने वाला संक्रमण है। यह रोग शरीर के कई भागों को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और बचाव
विश्व कुष्ठ दिवस जनवरी महीने के अंतिम रविवार को हर साल बनाया जाता है। कुष्ठ रोग क्रॉनिक प्रोगेसिव बैक्टीरियल संक्रमण है जो माइक्रोबैक्टीरियम लेप्राई जीवाणु की वजह से होता है। कुष्ठ रोग मुख्य रूप से हाथ की नसों, त्वचा, नाक की परत और श्वसन तंत्र को प्रभावित करती हैं। कुष्ठ रोग को हैनसेन रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या त्वचा पर अल्सर तंत्रिका तंत्र को क्षति और मांसपेशियों में कमजोर कर देती है। यदि इसके लक्षणों को नजरअंदाज करने से यह समस्या गंभीर कुरूपता और विकलांगता का कारण बन जाती है।
कुष्ठ रोग दुनिया की सबसे पुरानी बीमारियों में से एक है। कुष्ठ रोग सबसे पहले 600 ई.पू. नज़र आया था। कई देशों में कुष्ठ रोग आम समस्या होती है। आमतौर पर उष्णकटिबंधीय या उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले जगहों पर यह समस्या सामान्य होती है।
:- कुष्ठ रोग के लक्षण क्या होते हैं?
(What are the symptoms of Leprosy)
(What are the symptoms of Leprosy)
कुष्ठ रोग के मुख्य लक्षण निम्नलिखित होते हैं
1. मांसपेशियों में कमजोरी
2. हाथ, पैर और टांगों को सुन्न पड़ जाना।
3. स्किन पर घावों को छूने, तापमान या दर्द को कम करने की ज़रूरत महसूस होती है। यह समस्या कई हफ्तों के बाद तक ठीक नहीं होती है। यह सामान्य त्वचा की तुलना में हल्के रंग के होते हैं।
:- कुष्ठ रोग का कारण
(Cause of leprosy)
(Cause of leprosy)
कुष्ठ रोग का कारण माइक्रो बैक्टीरिया जीवाणु होता है। यह संक्रमण वाले व्यक्ति के श्र्लेष्म स्त्राव के सम्पर्क में आने से फैलता है। हालांकि यह तब होता है जब कुष्ठ रोग से संक्रमित व्यक्ति खांसता है या छीकंता है। यह समस्या अत्यधिक संक्रामक नहीं होता है लेकिन अधिक समय तक संक्रमित व्यक्ति के साथ घनिष्ठता और बार-बार संपर्क में आने के कारण कुष्ठ रोग की समस्या हो सकता है।
कुष्ठ रोग के जीवाणु बहुत धीरे धीरे फैलता है विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार कुष्ठ रोग औसतन 5 साल (संक्रमण के बीच का समय और 5 साल पहले लक्षण) है। कुष्ठ रोग के लक्षण 20 वर्षों तक नजर नहीं आता है।
:- कुष्ठ रोग का इलाज कैसे किया जाता है?
(How is leprosy treated)
(How is leprosy treated)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सभी प्रकार के कुष्ठ रोग को ठीक करने के लिए 1995 में एक मल्टी थेरेपी को विकसित किया गया था। यह थेरेपी दुनिया भर में मुफ्त में उपलब्ध कराया गया था। इसके अलावा कई एंटीबायोटिक दवाओं से जीवाणुओं को मारकर कुष्ठ रोग का इलाज किया जाता है। यह एंटीबायोटिक निम्नलिखित है
डैपसोन
रिफैंपिन
क्लोफाजिमाइन
मिनसाइक्लिन
ओफ़्लॉक्सासिन
इस समस्या को ठीक करने के लिए डॉक्टर एक समय में एक से अधिक एंटीबायोटिक दवाओं को दे सकता है। डॉक्टर आपको एस्पिरिन प्रेडनिसोन और थैलिडोमाइड जैसी एंटी इन्फ्लामेट्री भी दे सकते हैं। इस समस्या का इलाज कई महीनों तक चल सकता है। कभी-कभी 1 से 2 साल तक भी डॉक्टर इस समस्या का इलाज करते हैं। यदि आप गर्भवती है या फिर होने वाली है तो आपको कभी भी थैलिडोमाइड का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपको नुकसान हो सकता है।