अक्सर जो लोग अपनी नौकरी से खुश नहीं होते हैं, उन्हें वर्क डिप्रेशन की समस्या होने लगती है। आइए जानते हैं वर्क डिप्रेशन के लक्षण और बचाव के तरीक़े।
What is work depression: डिप्रेशन एक मानसिक समस्या होती है। जो किसी को भी हो सकती है। जो लोग नौकरी कर रहे हैं उनमें यह समस्या गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है। काम के कारण होने वाली डिप्रेशन को वर्क डिप्रेशन कहा जाता है। यदि आपको काम करते समय डिप्रेशन होता है तो काम करने के दौरान थकान, काम करने में मन नहीं लगना, काम नहीं कर पाना तथा काम करते समय रोना आना जैसे लक्षण आप में दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं आइए हम जानते हैं डिप्रेशन के लक्षण, कारण और बचाव के तरीक़े
वर्क डिप्रेशन क्या होता है?
(What is work depression)
(What is work depression)
अगर आपको काम करने में मन नहीं लगता है तो ऐसे आप अकेले नहीं हैं। कई लोगों को ये परेशानी होती है। काम करने में मन नहीं लगने से डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। यह डिप्रेशन काम का प्रेशर या किसी तरह से काम से जुड़ा प्रेशर से होता है। इसे हम वर्क डिप्रेशन के नाम से जानते हैं।
डिप्रेशन के लक्षण क्या होते हैं?
(What are the symptoms of depression)
(What are the symptoms of depression)
1. काम करने के दौरान मन नहीं लगना।
2. सेल्स या ग्रोथ कम होना।
3. काम करते समय गुस्सा चिड़चिड़ा होना।
4.काम करते समय तनाव महसूस होना।
5.अपना काम सही समय पर ख़त्म नहीं कर पाना।
6. एनर्जी कम होना।
7. अचानक वज़न घटना या बढ़ना।
8. काम करने के दौरान ज़्यादा गलती होना।
9. थकान, सिर दर्द और पेट संबंधी परेशानी होना।
10. काम करने के दौरान रोना आना।
11. नींद नहीं आना।
वर्क डिप्रेशन के क्या कारण होते हैं?
(What are the causes of work depression)
(What are the causes of work depression)
1. काम समझ में नहीं आना।
2. शारीरिक क्षमता से ज़्यादा काम करना।
3. अपना काम सही समय पर ख़त्म नहीं कर पाना।
4. काम करने वाली जगह का नकारात्मक होना।
5. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सही नहीं रहना।
वर्क डिप्रेशन से बचने के लिए क्या करना चाहिए? (What to do to avoid work depression)
1. काम करने के दौरान हर 10 मिनट में एक छोटा ब्रेक लें (Take a short break every 10 minutes while working out)
लगातार अधिक समय तक काम करने से वह डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। इसलिए आपको काम करने के दौरान हर 10 मिनट में एक छोटा ब्रेक ले लेना चाहिए। इस ब्रेक में आप एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। जैसे डीप ब्रीदिंग, स्ट्रैचिंग या मेडिटेशन कर सकते हैं। इस ब्रेक के दौरान आप ग्रीन टी का भी सेवन कर सकते हैं।
2. अपने ऑफ़िस रूटिंग को ब्रेक नहीं होने दें (Don’t Let Your Office Routing Break You)
समय का पालन नहीं करने की वजह से भी वह डिप्रेशन की समस्या होने लगती है। आप अपना काम घर से करें या ऑफ़िस से अपने रूटिंग का ब्रेक नहीं होने दें। काम करने के दौरान ब्रेक ज़रूर लें लेकिन आपको ज़्यादा लंबे समय का ब्रेक नहीं लेना चाहिए। अगर आपके काम करने का समय बढ़ेगा और काम नहीं कर पाने से आपको वर्क डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
एक ही काम को लंबे समय तक करते रहने से भी वर्क डिप्रेशन की समस्या होने लगती है। इसलिए सुबह देर से काम करने से आपको बचना चाहिए। और अपने काम को सही समय पर पूरा करना चाहिए। अगर आपको अधिक काम करना है तो 10 सिर्फ 15 मिनट का ब्रेक ले सकते हैं।
3. वर्क फ्रॉम होम करते समय भी अपने ऑफ़िस के लोगों से मिलते रहे (Keep meeting the people of your office even while doing work from home)
कोरोनावायरस के कारण ज़्यादातर ऑफिस अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के सुविधा दी है। हालांकि की अधिकतर लोगों का कहना यह है कि इस वजह से उनके काम करने का समय बढ़ गया है। जिसकी वजह से उन्हें अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जिस वजह से उन्हें डिप्रेशन की समस्या होने लगी है।
अगर आपके साथ भी यह परेशानी हो रही है तो आप अपने सहकर्मियों से बात करके अपनी परेशानी को बता सकते हैं। क्योंकि आप और आपके साथ काम करने वाले लोग एक जैसा काम कर रहे होते है। इसलिए वे आपकी परेशानी को अच्छी तरह से समझ पाएंगे। उनसे बात करके अपने काम करने के तरीकों को भी बदल सकते हैं और आसान भी बना सकते हैं। इसलिए आप अपना काम ऑफ़िस से कर रहे हो या घर से अपने सहकर्मियों से हमेशा जुड़े रहना चाहिए।
3. डीप ब्रीदिंग और मेडिटेशन (Deep Breathing and Meditation)
आप अपने काम से परेशान हो तो डीप ब्रीदिंग और मेडिटेशन की एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। इसे अपने रूटिंग में शामिल करने से आप डिप्रेशन की समस्या से बच सकते हैं। डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करने के लिए सबसे पहले गहरी सांस भरे। और अपनी अंगूठे की मदद से अपने दोनों नोस्ट्रीज को बंद करें। फिर एक नोस्ट्रीज से सांस छोड़ते हुए दूसरे से सांस भरें। और एक बार में एक नोस्ट्रीज पर अंगूठा रखें।
इस प्रक्रिया को रोज़ सुबह 8 से 10 मिनट तक करें। इस एक्सरसाइज़ करने के साथ-साथ मेडिटेशन को भी अपने रूटीन में शामिल करें। इसके लिए आप किसी एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं। अगर आपको हाई बीपी की समस्या है तो आप मेडिटेशन स्किप कर सकते हैं।
4. तनाव को कम करने के लिए अपनी डाइट में करें बदलाव (Change your diet to reduce stress)
अपने डाइट में थोड़े बहुत बदलाव लाकर आप डिप्रेशन के लक्षणों को कम कर सकते हैं। जिस खाद्य पदार्थ में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। उसका सेवन करने से डिप्रेशन कम होता है। ताज़ी फलों में विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा आपके शरीर में एनर्जी का लेवल बनाए रखती है।
डॉक्टर का कहना है कि जो लोग तनाव से ग्रसित रहते हैं उन्हें फाइबर युक्त भोजन का सेवन ज़रूर करना चाहिए। आप ताज़े फलों का सेवन ब्रेकफास्ट और लंच के दौरान कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने डाइट में 60% ताज़े फल और सलाद को शामिल कर सकते हैं।
इन सभी चीज़ों को करने के बाद भी अगर आप अधिक तनाव महसूस कर रहे हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीकों से आपको डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।