बच्चों में शारीरिक विकास देरी से होने की कई वजह हो सकते हैं। जिस कारण बच्चे कोई काम ठीक से नहीं कर पाते हैं।
Developmental delay in children: अपने बच्चों की शारीरिक विकास को लेकर माता-पिता काफ़ी परेशान रहते हैं। बच्चों के घुटनों से चलने से लेकर अच्छे से बोलने, पढ़ने लिखने, सभी चीज़ों के लिए मां-बाप काफ़ी चिंतित रहते हैं। दरअसल एक अंतराल के बाद अगर आपके बच्चे का शारीरिक विकास नहीं हो रहा है, तो यह बच्चे के शारीरिक विकास में देरी के तौर पर माना जाता है। इससे बच्चे की शारीरिक विकास में कमी आ जाती है।
बच्चे का जन्म से लेकर 3 साल तक उनकी शारीरिक विकास के लिए काफ़ी ज़रूरी माना जाता है। ऐसे में अगर बच्चे का शारीरिक विकास (Developmental delay in children) अच्छे से नहीं हो रहा है तो वह शैक्षिक और सामाजिक रुप से कमज़ोर हो सकता है। बच्चे की शारीरिक विकास में देरी अनुवांशिक, क्रोमोसोमल बीमारियां, मालन्यूट्रिशन, पौष्टिक आहार में कमी, इंफेक्शन, साफ़ सफ़ाई, या फिर पर्यावरण प्रदूषण की कमी के वज़ह से सही विकास नहीं हो पाता है। बच्चों में विकास में देरी कॉग्निटिव इमोशनल और फाइन मोटर साइकिल के रूप में देखने को मिलता है।
लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि आपके बच्चे में शारीरिक विकास में देरी का वज़ह डेवलेपमेंट डिसेबिलिटी हो। इसका मतलब यह होता है कि विकास या वृद्धि में असमर्थता होना। अगर शारीरिक विकास में देरी हो रहा है तो इसका इलाज़ संभव है लेकिन अगर आपके बच्चे में विकास की असमर्थता है तो इसका इलाज़ नहीं किया जा सकता है। यह असमर्थता अनुवांशिक समस्या, दवाओं का अधिक सेवन करना, या दिमाग़ में चोट लगने की वजह से बच्चों में हो सकता है।
:- बच्चों में देरी से विकास की वजह
(Causes of developmental delay in children)
(Causes of developmental delay in children)
1. आंखों में देखने की समस्या (Eye problems)
बच्चों में शारीरिक विकास में देरी आंखों में रोशनी की कमी के रूप में भी देखा जा सकता है। अगर आपका बच्चा 6 महीनों के बाद भी अच्छे से नहीं देख पाता है या 2 महीने के बाद हाथों से इशारा भी नहीं देख पाता है, तो आपको इस समस्या को लेकर सावधान हो जाना चाहिए। इन चीज़ों से आपके बच्चे की समस्या बढ़ सकती है।
इस समस्या के दौरान बच्चों के आंखों से स्पष्ट दिखाई नहीं देता है। आंखों में बार-बार आंसू आना, और आंखों के अंदर या बाहर होने जैसी परेशानियां हो सकती है। बच्चों में आंखों के विकास में देरी की वजह निकट दृष्टि दोष या दूर दृष्टि दोष की परेशानी भी हो सकती है।
इसके लिए आपको अपने बच्चे को किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करने की ज़रूरत होगी। ताकि वह बच्चे का इलाज़ अच्छे से कर सके।
2. देर से बोलने की समस्या।
(Late speech problem)
(Late speech problem)
कई बच्चे बहुत छोटी सी उम्र में ही बोलना शुरू कर देते हैं। जबकि कई बच्चों को बोलने या बात करने में बहुत समय लगता है। वैसे बच्चे ढंग से किसी शब्द का उच्चारण नहीं कर पाते हैं। यह समस्या बड़े होने के बाद भी हो सकता है। नहीं बोलने की समस्या केवल ठीक उच्चारण से ही नहीं बल्कि आवाज़ से संबंधित परेशानी भी हो सकती है। ये आपके बच्चे का शारीरिक विकास में रुकावट पैदा कर सकती है। बच्चे में बोलने की देरी की कई वजह हो सकते हैैं। ये भी हो सकता है कि उन्हें सुनने की परेशानी हो, क्योंकि जिस बच्चे को ठीक से सुनाई नहीं देता है वह ठीक से बात भी नहीं कर पाते हैं। इसके भी कई वजह हो सकते हैं। बच्चा ऐसी जगह हो जहां भाषा या शब्द पकड़ने में उसे समस्या आ रही हो।
अभिव्यक्ति में परेशानी, ऑटिज्म की समस्या, या मस्तिष्क में चोट लगने की वजह से भी बच्चा चुप रहता है। उसे मां या पापा बोलने में भी परेशानी होना, कुछ भी पूछने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना। इस समस्या को ठीक करने के लिए आप अपने बच्चों को हर समय बात करते रहें। उन्हें किताब पढ़ कर सुनाते रहें। थैरेपिस्ट के पास दिखाएं या फिर हाव-भाव का इस्तेमाल करते हुए उनसे बात करें।
3. मोटर साइकिल डेवलपमेंट में देरी delay in motorcycle development
अक्सर बच्चों को पैरों से चलने, चम्मच उठाने, ड्राइंग करने में दिक्कत, या किसी तरह के मूवमेंट के साथ तालमेल बैठाने में समस्या होती है। कई बार वह हाथ और दिमाग़ का तालमेल नहीं कर पाते हैं। और ऐसा बड़े होने के बाद भी हो सकता हैं। छोटे बच्चों में ऐसा होने के कारण दिमाग़ में चोट, प्री मैच्योरिटी, मायोपैथी, या फिर मांसपेशियों की समस्या हो सकती है। इससे बच्चे वस्तुओं को नहीं पकड़ पाने, कोई चीज़ मुंह तक नहीं पहुंचा पाना, और पैरों पर दबाव नहीं डालने की परेशानी हो सकती है। इसके इलाज के लिए आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। और रेगुलर थेरेपी की सहायता लेनी चाहिए।
4. सोशल डेवलपमेंट में देरी होना
(Delay in social development)
(Delay in social development)
अक्सर बच्चों में भावनात्मक और सामाजिक विकास में देरी हो सकती है। जिस कारण उनमें अपने उम्र के बच्चों से बात करने और सीखने की क्षमता का विकास नहीं हो पाता है। इसकी वज़ह इंफेक्शन के कारण, किसी तरह का ट्रॉमा, सुनने की क्षमता प्रभावित होना, कम्युनिकेशन, या इंटरेक्शन स्किल, अच्छे से नहीं हो पाना होता है। ऐसे में आपको ख़ुद बच्चे से ख़ूब बात करनी चाहिए। और साथ में डॉक्टर से भी राय लेना चाहिए।
5. कॉग्निटिव डेवलपमेंट में देर होना (Delay in cognitive development)
इस समस्या में बच्चों को सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। बच्चे को दूसरे के साथ बात करने में असमर्थता, दूसरों से बात करने में परेशानी, खेलने में परेशानी, की वज़ह से ऐसा होता है। इसे बच्चों को पढ़ने लिखने या किसी दूसरी चीज़ों को सीखने में काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जन्म से पहले ही अल्कोहल की परेशानी और बचपन से इन परेशानी को अनदेखा करना, इस समय किसी चीज का नक़ल उतारने में असमर्थता, साधारण बातों को समझने में समस्या, और खिलौनों से नहीं खेलना होती है। इसके लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। और ख़ुद बच्चों की मदद करनी चाहिए। ऐसे में बच्चों पर बिल्कुल गुस्सा नहीं होना चाहिए। और ना उन्हें मारना चाहिए। या धमकी भी नहीं देना चाहिए। इस दौरान प्यार और भरोसे की बहुत ज़रूरत होती है।
शारीरिक विकास धीमी गति से होने से बच्चा शिक्षा और अन्य गतिविधियों में कमज़ोर हो जाता है। वह अपने उम्र के बच्चों से पीछे रह जाता है। उन्हें अपनी बात खुलकर करने में डर लगता है। अपने क्लास में भाषण देने में भी उन्हें डर लगता है। वैसे शारीरिक विकास में देरी कोई स्थाई समस्या नहीं होती है। लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज़ नहीं कराया जाए तो यह परेशानी ज़्यादा बढ़ सकती है।
इसलिए इस समस्या को नजरअंदाज बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त आप अपने बच्चों के खान-पान और खेलकूद पर विशेष प्रकार से ध्यान देने की ज़रूरत होती है। माता-पिता को कोशिश करनी चाहिए कि उसका बच्चा हमेशा खुश रहें और उसे किसी मानसिक दबाव से नहीं गुज़रना पड़े।