महिलाओं में बार-बार पेशाब आना: महिलाओं को बार-बार पेशाब लगने का मतलब हमेशा यूटीआई नहीं होता। इसके और भी कई कारण हो सकते हैं।
Frequent urination in women: महिलाओं की परेशानी को समझना उतना आसान नहीं होता जितना कि हम सोचते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि महिलाओं का शरीर और महिलाओं (Frequent urination in women) के शरीर की बनावट बहुत अलग होती है। और इसमें हार्मोनल फंक्शन की भी बड़ी भूमिका होती है। महिलाओं में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। जिनमें से एक महिलाओं को बार बार पेशाब आने की समस्या भी है।
अक्सर महिलाओं को इस बारे में पता भी नहीं होता कि बार-बार पेशाब आने का मतलब यूटीआई में संक्रमण या फिर वजाइनल में संक्रमण होता है। महिलाओं में और भी कई कारण की वज़ह से बार बार पेशाब आती है। तो आइए जाने महिलाओं में बार-बार पेशाब आने वाली 10 कारणों के बारे में।
:- महिलाओं में बार-बार पेशाब आने के कारण (Causes of frequent urination in women)
1. पानी कैफ़ीन और शराब का अधिक सेवन करने से (Drinking more water, caffeine and alcohol)
बार-बार पेशाब आने का सबसे पहला और आम कारण महिलाओं को डाइयुरेटिक्स का ज़्यादा सेवन करना है। डाइयुरेटिक्स वैसे पेय पदार्थ हैं जो शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ाता है। डाइयुरेटिक्स यानी पानी, शराब, और कैफ़ीन का अधिक मात्रा में सेवन करने से महिलाओं को बार बार पेशाब लग सकती है। पर इसमें चिंता की बात यह है कि पानी तो सभी के शरीर के लिए फायदेमंद है। पर कोल्डड्रिंक, शराब, और कैफ़ीन में आर्टिफिशियल मिठास ज़्यादा होते हैं। ये मूत्रवर्धक का काम करता है। तो कई बार इसका एसिड वाले नेचर यानी खट्टे स्वाद वाले पेय पदार्थ भी बार बार पेशाब आने की वजह बनता है।
यदि आप इनमें से किसी भी तरह का पेय पदार्थ का सेवन नियमित रूप से करते हैं तो आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है। इसलिए इन चीज़ों का सेवन करते समय सारी बातों का ध्यान रखना चाहिए। और इन चीज़ों का सेवन बहुत कम या फिर नहीं करना चाहिए।
2. ओवरएक्टिव ब्लैडर (OAB)
(Overactive bladder)
(Overactive bladder)
ओवर एक्टिव ब्लैडर यानी आपका मूत्राशय बहुत तेज़ी से काम कर रहा है। इससे कारण आपको बार-बार पेशाब आते रहता है। यह किसी को भी हो सकता है। वैसे ज़्यादातर यह परेशानी बुजुर्ग महिलाओं में देखने को मिलती है। या फ़िर जिनकी मांसपेशियों कमज़ोर हो जाती हैं। आपको अचानक से पेशाब आने या तुरंत पेशाब करने की ज़रूरत महसूस हो ये सब ओवरएक्टिव ब्लैडर (OAB) के लक्षण हो सकते हैं।
3. यूटीआई इन्फेक्शन (UTI infection)
महिलाओं को अपनी लाइफ में कभी न कभी यूटीआई संक्रमण का परेशानी का सामना करना ही पड़ता है। यह तब होता है जब बैक्टीरिया या कुछ महिलाओं के मूत्र प्रणाली के कुछ पार्ट में इंफेक्शन करता है। जिसमें महिलाओं का मूत्राशय, गुर्दे, मूत्रमार्ग, शामिल होता है। इस संक्रमण में बार-बार पेशाब आने के अलावा पेशाब करने दौरान जलन, पेशाब का रंग फीका होना, और बार-बार ऐसा महसूस होना कि आपको पेशाब करना है। इस संक्रमण का लक्षण ये है कि पेशाब करने के बाद भी पेशाब करने जैसा लगना। इस समय महिलाएं पीठ या वजाइनल एरिया के आसपास दबाव या बेचैनी जैसा महसूस कर सकती हैं। साथ ही इस संक्रमण के दौरान महिलाओं को बुखार भी हो सकता हैं।
4. पेल्विक फ्लोर का कमज़ोर हो जाना (Weakening of the pelvic floor)
महिलाओं में पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां उनकी मूत्राशय सहित उनकी मूत्र प्रणाली के कई हिस्सों को पकड़ कर रखती है। लेकिन महिलाओं की उम्र अधिक होने की वजह से या ज़्यादा गर्भवती होने की वजह से उनकी पहली फ्लोर कमज़ोर होने लगती है। महिलाओं की मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती है। जिसकी वज़ह से शरीर के कोई कोई अंग में थोड़ा खिंचाव आ सकता है। और ज़्यादा बार पेशाब आने की वज़ह बन सकता है। यह समस्या ज़्यादातर वजाइनल डिलीवरी वाली महिलाओं में होता है। उनकी मांसपेशियां तनावग्रस्त हो जाती है और अपनी ताक़त खो देती है। जिसके कारण पेल्विक फ्लोर कमज़ोर हो जाती है। ऐसी महिलाएं पेशाब कंट्रोल नहीं कर पाती हैं और बार-बार पेशाब आती रहती है।
5. डायबिटीज या ज़्यादा तनाव होना।
(Diabetes or stress)
(Diabetes or stress)
जिन महिलाओं को टाइप वन या टाइप टू डायबिटीज़ की समस्या है उन्हें बार-बार पेशाब लगने की समस्या हो सकती है। उन महिलाओं में डायबिटीज़ के कारण शरीर ब्लड शुगर लेवल को ठीक से कंट्रोल नहीं कर पाता है। जिसके कारण उनके सिस्टम में अक्सर ज़्यादा शुगर होता है। जिससे उनका शरीर छुटकारा पाने की कोशिश करते रहता है। इसलिए उन्हें बार-बार पेशाब आने की परेशानी होती है। अक्सर चिंता घबराहट और तनाव से भी उन्हें बार-बार पेशाब आने लगती है। ऐसे में आपको अपना चिंता या तनाव को कम करना चाहिए।
6. इंटरस्टिशल सिस्टिटिस (Interstitial cystitis)
जब आपके मूत्राशय में या उनके आसपास की मांसपेशियां घिस जाती है तो इंटरस्टिशल सस्टिटिस होती है। इस स्थिति में पेट के निचले पार्ट में बार-बार दबाव महसूस होता है। और बार-बार पेशाब आने जैसा लगता है। कई बार यह ज़्यादा परेशान कर देता है। जिसे एक बार पेशाब करने के बाद भी पेशाब लगा ही रहता है। जिसके कारण जलन और तेज़ दर्द में महसूस होता है। जिसका इलाज़ करा कर कंट्रोल किया जा सकता है।
7. वैजिनाइटिस (Vaginitis)
आपकी वजाइना में सूजन और दर्द वेजिनाइटिस की वज़ह से होता हैं। इस स्थिति के कई कारण हो सकते हैं। जैसे संक्रमण के कारण, वेजाइनाइटिस के कारण, जननांगों में दर्द और बेचैनी महसूस होती है। और बार-बार पेशाब आने लगता है पेशाब करते समय खुजली, जलन भी महसूस हो सकती है। कुछ महिलाओं में वेजिनाइटिस की वज़ह से वेजाइना से सफेद और गाढ़ा डिस्चार्ज हो सकता है। उनके पेशाब में पीला झाग और मछली जैसी दुर्गंध आती है। ऐसे में उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
8. मूत्राशय में पथरी (Bladder stones)
जब आपके मूत्र में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले खनिज आपस में मिलकर सख़्त गुच्छा बना लेते हैं तो मूत्राशय की पथरी दिखाई देती है। ज़्यादातर यह पुरुषों में होता है। लेकिन कभी-कभी बहुत ख़राब जीवनशैली होने के कारण महिलाओं में भी होता है। ऐसे में पथरी की वजह से महिलाओं को बार बार पेशाब जैसा महसूस होता है। साथ ही इस दौरान बार बार पेशाब जैसा महसूस होता है। साथ ही इस दौरान कई लक्षण महसूस होते हैं। जैसे पेशाब करते समय जलन होना, या पेट में दर्द होना।
9. गर्भावस्था के दौरान (During pregnancy)
महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है। महिलाओं में प्रेगनेंसी के समय भारी पेट की वज़ह से उनके पेल्विक फ्लोर पर दबाव पड़ता है। जिस कारण महिलाओं को बार बार पेशाब आने की समस्या होती है। यह प्रेगनेंसी के दौरान का नियमित हिस्सा है। महिलाओं को इससे बिल्कुल नहीं घबराना चाहिए। जब बच्चे का जन्म हो जाता हैं, तो यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है।
10. एस्ट्रोजन का घटना (Incidence of estrogen)
महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव कारण एस्ट्रोजन को माना जाता है। महिलाओं के पेल्विक एरिया को सहारा देने के लिए तथा वजाइना को स्वस्थ रखने में एस्ट्रोजन हार्मोन मदद करता है। महिलाओं के मूत्राशय को सहारा देने के लिए एस्ट्रोजन प्रमुख भूमिका निभाता है। जब महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है तो बार बार पेशाब आने की समस्या होने लगती है। ज़्यादातर दवाइयों के कारण या मेनोपॉज के कारण या फिर हार्मोन में असमानता के कारण एस्ट्रोजन में कमी आने लगती है। इसी वज़ह से महिलाओं में 40 की उम्र के बाद पेशाब रोकने की क्षमता ख़त्म होने लगती है।
यह दस कारण जिसकी वज़ह से महिलाओं में बार बार पेशाब आने की समस्या होती है। अगर ये परेशानी किसी महिला को होती है तो इसे नज़रअंदाज़ ना करें। क्योंकि यह परेशानी बढ़ सकती है। इसकी वजह से संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैलने लगता है। जो महिलाओं के शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। इस समस्या के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। और जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों निर्देशों का पालन करना चाहिए। ताकि यह परेशानी आगे चलकर ज़्यादा ना हो।