white spots on the or body of a child: अक्सर बच्चों के चेहरे पर सफ़ेद दाग़ देखा जाता हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। आप इसके इलाज के कई उपाय अपना सकते हैं।
white spots on the or body of a child: सफ़ेद दाग़ अक्सर बच्चों के जन्म से ही दिखने लगता हैं। इसको लेकर बहुत अक्सर लोगों के दिमाग़ में उलझने रहती हैं। बच्चों के चेहरे या शरीर पर सफेद दाग़ होना आम बात हैं। इसके लिए आपको बहुत परेशान होने की ज़रूरत नहीं हैं। लेकिन सफेद दाग़ अगर पूरे शरीर में हो जाए तो, इसका इलाज़ ज़रूर करवाना चाहिएं। नहीं तो बड़े होने के बाद यह बच्चों के आत्मविश्वास को चोट पहुंचा सकती हैं। यदि आपका बच्चा सफेद दाग (white spots on the or body of a child) से ग्रसित है तो इससे बच्चे को खुजली की भी समस्या हो सकती हैं।
वास्तव में ऐसा होने का क्या कारण हैं और इसे कैसे ठीक किया जा सकता हैं? आइए जानें इस बारे में डॉक्टर का क्या कहना है
बच्चे के चेहरे या शरीर पर सफेद दाग होने का कारण (Causes of white spots on the face or body of a child)
:- जन्म से निशान (Birth mark)
कई बार यह सफेद दाग बच्चों के जन्म के समय से ही रहता है इसमें माता-पिता को परेशान होने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं हैं। इससे बच्चों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती हैं। लेकिन यह परेशानी अगर पूरे शरीर में फैलने लगे तो आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिएं।
:- विटामिन की कमी (Vitamin deficiency)
विटामिन की कमी के कारण कई बच्चों के चेहरे पर सफेद दाग होने का यह एक सामान्य कारण हैं। हम सभी जानतें हैं कि विटामिन b12 की कमी की वजह से यह दाग दिखाई देते हैं। दरअसल संतुलित एवं स्वच्छ आहार हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी हैं। लेकिन बहुत बच्चे अच्छे से खाना नहीं खाते हैं। जिसके कारण बच्चों में कई जरूरी पोषक तत्व और विटामिन की कमी हो जाती हैं। सफेद दाग केवल चेहरे पर ही नहीं बल्कि पूरी शरीर में हो सकते हैं। इसमें त्वचा का रंग लाल या गुलाबी भी हो सकता हैं। इसमें डॉक्टर के सलाह के अनुसार विटामिन की दवाईयां ले सकते हैं। यह परेशानी कैल्शियम और जिंक की कमी से भी हो सकती हैं।
:- विटिलिगो (Vitiligo)
यह एक त्वचा की समस्या हैं जो कई माता-पिता को परेशान करती हैं हालांकि ये दाग से किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती हैं। ये एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर हैं। इस परेशानी के दौरान पूरे बॉडी में मेलेनिन का निर्माण होता है जिसको हम मेलानोसाइट्स कहते हैं। यह दाग शरीर के अंगों में होता है जो सूरज की किरणों के संपर्क में आते हैं। ये समस्या उन बच्चों में होती हैं जिनका रंग गहरा होता है वैसे यह समस्या कोई संक्रामक नहीं हैं।
:- जलने या चोट लगे कारण सफेद दाग (White spots due to burns or bruises)
कई बार सफेद दाग किसी विशेष अंग पर जलने या चोट लगने के कारण या पिगमेंटेशन के अभाव में हो जाता हैं। यह दवाइयों से ठीक भी किया जा सकता हैं।
:- टिनिया वेर्सीकलर (Tinea versicolor)
बच्चे में सफेद दाग का कारण टिनिया वेर्सीकलर / पिटियासिस वेर्सीकलर मलासेजिया होता है यह दाग फंगल इंफेक्शन के कारण होता हैं। एसिड का उत्पादन कवक की उपस्थिति के कारण होता हैं। जिससे मेलेनिन बन सकता हैं। इसके कारण त्वचा का रंग हल्का या गहरा हो सकता हैं। अक्सर इसमें पपड़ी भी पड़ जाती है और खुजली भी होती हैं। यह दाग शरीर के मध्य भाग, कंधों, गर्दन, चेहरे, और पेट पर दिखाई देते हैं। यह परेशानी आद्र या गर्म जलवायु में रहने वाले लोगों को ज़्यादा प्रभावित करती हैं। ज़्यादा देर तक धूप के संपर्क में आने से यह अधिक हो जाते हैं। इसे ठीक करने के लिए आपको इम्यूनिटी संबंधी समस्याओं को सुधार करना होगा। और साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखना होगा।
:- बच्चों के सफ़द दाग़ को कैसे ठीक करें (How to cure baby white spots)
:- बच्चें को बाहर ले जाने से पहले उसके चेहरे पर स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएं। इसे सूरज की रोशनी से बचने में मदद मिलती हैं।
:- बच्चें का इम्यून सिस्टम मज़बूत हो। जिसके लिए आप उसे बहुत सारी फल और सब्जियां खाने को दें।
:- हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये दाग़ पेट के कीड़े के कारण बनते हैं लेकिन बच्चे को कृमि नाशक दवा हर 6 महीने में दे सकते हैं।
:- यदि यह दाग फंगल संक्रमण से हुए हैं तो आप संक्रमण को दूर करने के लिए एंटीफंगल क्रीम का प्रयोग कर सकते हैं
:- अपने बच्चों को बाहर का खाना खाने से बिल्कुल मना करें। और उन्हें खूब पानी पीने को दें।
डॉक्टर से कब मिले? (When to see the doctor)
हालांकि अधिकतर दाग से कोई परेशानी नहीं होती हैं। लेकिन कई बार यह खतरनाक भी साबित हो सकते हैं। तो अच्छा होगा कि सही सलाह के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
अक्सर के बड़े बाद बच्चें सफेद दाग के कारण आत्मविश्वास खो देते हैं। लेकिन आपको इस परेशानी को ठीक करने के साथ-साथ बच्चों को हिम्मत भी देना चाहिएं। उनसे कभी यह ना कहे कि उनके चेहरे पर दाग हैं क्योंकि इससे बच्चों को असुरक्षा की भावना आती हैं। अपने बच्चों को बताएं कि वह सबसे ख़ूबसूरत हैं। बच्चे को इस बारे में अच्छे से समझाएं।